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नोट बंदी : बैंक से बार-बार नोट लेने वालों की होगी पहचान, लगेगी उंगली पर स्याही
नई दिल्ली | नोटबंदी के बाद नकदी की समस्या से जूझ रहे आम आदमी की सहूलियत के लिए नकदी की निकासी और नोट बदलने वालों की उंगली पर मतदान के दौरान इस्तेमाल होने वाली स्याही लगाई जाएगी। सरकार ने मंगलवार को इसकी घोषणा की। सरकार ने यह कदम तय सीमा से अधिक बार नकद निकासी करने वालों और बार-बार पुराने अमान्य नोट बदलने वालों पर लगाम लगाने के उद्देश्य से उठाया है।
इसके अलावा, देश के कई हिस्सों से जन-धन खातों में बड़ी मात्रा में नकदी जमा होने की खबरें आने के बाद वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को जन-धन खातों में नकदी जमा करने की सीमा 50,000 रुपये कर दी।
आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने यहां पत्रकारों को बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार की रात वित्त मंत्रालय और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के अधिकारियों के साथ नोटबंदी पर दूसरी समीक्षा बैठक की और इस बात पर विचार विमर्श किया कि बैंकों और एटीएम बूथ के बाहर आखिर एक सप्ताह बाद भी इतनी लंबी-लंबी कतारें क्यों लगी हुई हैं।
दास ने कहा, “ऐसी खबरें मिली हैं कि कई जगहों पर कुछ खास लोगों का समूह बार-बार नोट निकालने पहुंच रहा है। वे एक शाखा से नकदी निकालकर दूसरी शाखा पर पहुंच जा रहे हैं। परिणामस्वरूप नकदी निकासी का फायदा चंद लोगों को ही मिल पा रहा है।”
उन्होंने कहा कि काली कमाई करने वाले लोग बार-बार अलग-अलग बैंक की शाखाओं में पहुंचकर अपना काला धन सफेद कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, “इस पर लगाम लगाने के लिए मतदान के दौरान इस्तेमाल होनी वाली स्याही नकद निकासी करने वाले लोगों की उंगली पर लगाई जाएगी। स्याही का इस्तेमाल कैसे किया जाए, इस संबंध में बैंकों को निर्देश दिया जाएगा। आज (मंगलवार) से देश के बड़े नगरों में इस प्रक्रिया को शुरू किया जाएगा।”
एटीएम के जरिए एक दिन में अधिकतम 2,500 रुपये निकाले जा सकते हैं, जबकि बैंक काउंटर से अधिकतम 4,500 रुपये मूल्य के पुराने अमान्य नोटों को बदला जा सकता है। इसके अलावा बैंक खातों से प्रति सप्ताह अधिकतम 24,000 रुपये निकाले जा सकते हैं।
आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने यहां पत्रकारों को बताया, “कुछ लोग जन-धन खातों में अपना काला धन जमा कर रहे थे। अब जन-धन खातों में सिर्फ 50,000 रुपये ही जमा किए जा सकेंगे।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सोमवार की रात वित्त मंत्रालय और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के अधिकारियों के साथ नोटबंदी के मसले पर हुई दूसरी समीक्षा बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया।
शक्तिकांत ने बताया, “इन खातों पर नजर रखी जा रही है। जन-धन खाताधारकों को काला धान जमा करने के लिए दूसरों को अपने खातों का उपयोग नहीं करने देना चाहिए। बैंकों को इन खातों पर नजर रखने के लिए कहा गया है।”
अन्य बैंक खातों के संबंध में केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को कहा था कि जिन खातों में डेढ़ या दो लाख रुपये जैसी छोटी राशि जमा हो रही है, उनकी जांच नहीं की जाएगी।
दास ने साथ ही उन अफवाहों को भी खारिज किया है जिसमें कहा जा रहा था कि कुछ संस्थान नोटबंदी पर सरकार के खिलाफ हड़ताल की योजना बना रहे हैं।
दास ने पत्रकारों को बताया, “सोशल मीडिया पर छाई कुछ संस्थानों द्वारा हड़ताल किए जाने से संबंधित अफवाहों पर विश्वास मत कीजिए। जांच में पता चला है कि अफवाह से जुड़ी तस्वीर 2015 की है।”
उन्होंने बताया कि सोमवार की रात हुई समीक्षा बैठक में ‘प्रौद्योगिकी विशेषज्ञों की एक टीम’ बनाने का निर्णय किया गया है, जो लोगों के बीच ई-वॉलेट इस्तेमाल करने के प्रति जागरूकता फैलाएंगे, इसके अलावा एटीएम मशीनों में नए नोटों के अनुरूप बदलाव करने की प्रक्रिया में तेजी लाई जाएगी।
नेशनल
जेपी नड्डा का ममता पर हमला, कहा- संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा
नई दिल्ली। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर तगड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि ममता दीदी ने बंगाल को क्या बना दिया है। जेपी नड्डा ने कहा कि संदेशखाली, ममता बनर्जी की निर्ममता और बर्बरता का संदेश चीख-चीख कर दे रहा है। ममता दीदी ने बंगाल को क्या बना दिया है? जहां रवींद्र संगीत गूंजना चाहिए था, वहां बम-पिस्तौल मिल रहे हैं।
संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा। इसी से समझ सकते हैं कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की सरकार ने किस तरह अराजकता फैला रखी है। मैं बंगाल के सभी भाजपा कार्यकर्ताओं और जनता से अपील करता हूं कि आप सभी संदेशखाली पर ममता बनर्जी से जवाब मांगे।
प्रधानमंत्री मोदी ने संदेशखाली की पीड़िता को पार्टी का टिकट देकर भाजपा महिला सशक्तिकरण के संदेश को मजबूती दी है। इसके साथ ही पीएम मोदी ने ममता बनर्जी को जवाब दिया है कि ये महिलाएं अकेली नहीं है उनके साथ पूरा समाज, पूरा देश खड़ा है। संदेशखाली में महिलाओं की इज्जत-आबरू और उनकी जमीनें बचाने के लिए वहां गई जांच एजेंसियों के अधिकारियों पर भी घातक हमला किया गया।
जेपी नड्डा ने आगे कहा, “मैं आज समाचार पढ़ रहा था कि संदेशखाली में तलाशी के दौरान सीबीआई ने तीन विदेशी रिवॉल्वर, पुलिस द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली एक रिवॉल्वर, बंदूकें, कई गोलियां और कारतूस बरामद किए हैं।” इसी से समझा जा सकता है कि ममता सरकार ने राज्य में किस तरह अराजकता फैला रखी है। उन्होंने पूछा कि क्या ममता बनर्जी जनता को डराकर, उनकी जान लेकर चुनाव जीतेंगी। क्या नेताजी सुभाष चंद्र बोस, रवीन्द्रनाथ टैगोर, स्वामी विवेकानंद और महर्षि अरबिंदो जैसे मनीषियों ने ऐसे बंगाल की कल्पना की थी।
संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा। ममता दीदी, यदि आपको ऐसा लगता है कि आप ऐसा करके चुनाव जीत जाएंगी तो ये आपकी भूल है। जनता आपको इसका करारा जवाब देगी। उन्होंने कहा कि हमने देखा कि ममता सरकार में तृणमूल कांग्रेस के शाहजहां शेख जैसे असामाजिक तत्व संदेशखाली में महिलाओं के अस्तित्व पर खतरा बने हुए हैं। महिलाओं के साथ जिस तरह का सलूक हो रहा है वह सच में बहुत ही संवेदनशील और कष्टदायी है।
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