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कांग्रेस में आना ‘घर वापसी’ जैसा : सिद्धू

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कांग्रेस में आना 'घर वापसी' जैसा : सिद्धू

नई दिल्ली | पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी व भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व सांसद नवजोत सिंह सिद्धू ने कांग्रेस में औपचारिक रूप से शामिल होने के अगले दिन सोमवार को कहा कि उनकी ‘घर वापसी’ हुई है और सत्तारूढ़ शिरोमणि अकाली दल (शिअद) उनके निशाने पर है। सिद्धू ने कहा, “मैं पैदाइशी कांग्रेसी हूं। यह मेरे लिए घर वापसी जैसा है।”

उन्होंने कहा, “पंजाब में यह मेरी व्यक्तिगत लड़ाई नहीं है। यह चुनाव पंजाब के अस्तित्व व आत्मसम्मान की लड़ाई है। पंजाब को हरित क्रांति के लिए जाना जाता था, लेकिन अब यह चिट्टा (नशीले पदार्थ) के लिए जाना जाता है।”

सिद्धू ने कहा, “मेरी लड़ाई पंजाब को बचाने के लिए है।”

उन्होंने कहा कि पंजाब मादक पदार्थो की चपेट में है और यह हर किसी को स्वीकार करना होगा।

सिद्धू ने कहा, “पंजाब की 55 फीसदी आबादी युवा है। हम उन्हें कौन सी दिशा दे रहे हैं?” उन्होंने कहा कि किसी ने प्रदेश के युवाओं को मादक पदार्थो की राह पकड़ा दी है।

उन्होंने कहा, “पंजाब में मादक पदार्थ एक सच्चाई है। किसी को भी इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। पंजाब में मादक पदार्थो पर नकेल कसने के लिए हमारे पास कड़े कायदे-कानून हैं।”

सिद्धू ने कहा कि पंजाब में राजनेता, पुलिस और मादक पदार्थो के तस्करों के बीच सांठगांठ है।

उन्होंने कहा, “पंजाब पर लगभग दो लाख करोड़ रुपये का कर्ज है। राज्य में लोगों की सरकार अब एक परिवार की सरकार बनकर रह गई है। अकाली दल एक पवित्र ‘जमात’ थी जो अब निजी जायदाद बन गई है।”

सिद्धू ने कहा कि उनके पिता भी कांग्रेसी थे और उन्होंने कीर्ति गदर पार्टी के सदस्य के रूप में आजादी की लड़ाई में हिस्सा लिया था।

नवजोत चार फरवरी को होने वाले पंजाब विधानसभा चुनाव में अमृतसर (पूर्व) सीट से चुनाव लड़ सकते हैं। इसी स्थान से वह 2004 से 2014 तक भाजपा सांसद रहे। 2014 के लोकसभा चुनाव में भी वह अमृतसर से टिकट चाहते थे, लेकिन यहां से अरुण जेटली को टिकट दे दिया गया। जेटली कांग्रेस नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह से चुनाव हार गए, मगर उन्हें नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल में बतौर वित्तमंत्री जगह मिल गई। सिद्धू की भाजपा से नाराजगी इसी को लेकर है।

कांग्रेस नेता सिद्धू ने कहा कि पार्टी उन्हें जिस सीट से चुनाव लड़ने को कहेगी, वह लड़ने को तैयार हैं।

नेशनल

इंदौर से कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय कांति ने वापस लिया नामांकन, बीजेपी में होंगे शामिल

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इंदौर। लोकसभा चुनाव से पहले ही इंदौर से कांग्रेस उम्मीदवार अक्षय कांति बम ने अपना नामांकन वापस ले लिया है। अक्षय कांति के इस फैसले फैसले से कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। कलेक्टर कार्यालय में जाकर बीजेपी के उम्मीदवार शंकर लालवानी के सामने उन्होंने अपना पर्चा वापस लिया। इस दौरान बीजेपी के नेता रमेश मेंदोला भी साथ थे। इसके बाद में कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और विधायक मेंदोला के साथ भाजपा कार्यालय के लिए रवाना हो गए। माना जा रहा है कि बम भाजपा की सदस्‍यता लेंगे।

इंदौर कैलाश विजयवर्गीय का गढ़ माना जाता है। विजयवर्गीय इंदौर 1 से विधायक हैं। उन्होंने एक्स पर अक्षय कांति बम की तस्वीर के साथ लिखा, ”इंदौर से कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी अक्षय कांति बम जी का माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, मुख्यमंत्री मोहन यादव और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के नेतृत्व में बीजेपी में स्वागत है।”

इसके बाद इंदौर सीट पर अब भाजपा के लिए मैदान लगभग साफ हो गया है, उसके सामने निर्दलीय और अन्य दलों के अलावा कोई प्रत्याशी नहीं बचा। नामांकन वापस लेने के बाद अक्षय कांति बम ने कहा कि जब से उन्होंने नामांकन जमा किया था, तब से ही कांग्रेस की ओर से उन्हें कोई सपोर्ट नहीं मिल रहा था। हालांकि, राजनीतिक गलियारों में यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि फॉर्म भरने के बाद से ही कांग्रेस अक्षय कांति पर दबाव बना रही थी।

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