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बिजनेस

उत्तराखंड व कर्नाटक को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराएगी केंद्र सरकार

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Uttarakhand helpनई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने उत्तराखंड और कर्नाटक को केंद्रीय सहायता के लिए यहां उच्चस्तरीय समिति (एचएलसी) की बैठक की अध्यक्षता की। समिति ने अंतर-मंत्रालय केंद्रीय टीम (आईएमसीटी) की रिपोर्टो पर आधारित प्रस्ताव पर विचार किया।

आईएमसीटी ने क्रमश: बाढ़ एवं सूखे से प्रभावित उत्तराखंड और कर्नाटक राज्यों का दौरा किया था। एचएलसी ने उत्तराखंड के मामले में राष्ट्रीय आपदा राहत कोष (एनडीआरएफ) और राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम (एनआरडीडब्ल्यूपी) से कुल मिलाकर 208.91 करोड़ रुपये की सहायता राशि को मंजूरी दी।

इसी तरह एचएलसी ने कर्नाटक के मामले में भी राष्ट्रीय आपदा राहत कोष (एनडीआरएफ) से 1782.44 करोड़ रुपये की राशि को स्वीकृति दी।

नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. अरविंद पनगढय़िा, केंद्रीय गृह सचिव राजीव महर्षि और गृह, वित्त एवं कृषि मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस बैठक में भाग लिया।

बिजनेस

Whatsapp ने दी भारत छोड़ने की धमकी, कहा- अगर सरकार ने मजबूर किया तो

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नई दिल्ली। व्हाट्सएप ने गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट में कहा कि अगर उसे उसे संदेशों के एन्क्रिप्शन को तोड़ने के लिए मजबूर किया गया तो वह भारत में अपनी सेवाएं बंद कर देगा। मैसेजिंग प्लेटफॉर्म की ओर से पेश एक वकील ने कहा कि लोग गोपनीयता के लिए व्हाट्सएप का उपयोग करते हैं और सभी संदेश एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड हैं।

व्हाट्सऐप का कहना है कि WhatsApp End-To-End Encryption फीचर यूजर्स की प्राइवेसी को सिक्योर रखने का काम करता है। इस फीचर की वजह से ही मैसेज भेजने वाले और रिसीव करने वाले ही इस बात को जान सकते हैं कि आखिर मैसेज में क्या लिखा है। व्हाट्सऐप की तरफ से पेश हुए वकील तेजस करिया ने अदालत में बताया कि हम एक प्लेटफॉर्म के तौर पर भारत में काम कर रहे हैं। अगर हमें एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर को तोड़ने के लिए मजबूर किया जाता है तो व्हाट्सऐप भारत छोड़कर चला जाएगा।

तेजस करिया का कहना है कि करोड़ों यूजर्स व्हाट्सऐप को इसके एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर की वजह से इस्तेमाल करते हैं। इस वक्त भारत में 40 करोड़ से ज्यादा व्हाट्सऐप यूजर्स हैं। यही नहीं उन्होंने ये भी तर्क दिया है कि नियम न सिर्फ एन्क्रिप्शन बल्कि यूजर्स की प्राइवेसी को भी कमजोर बनाने का काम कर रहे हैं।

व्हाट्सऐप के वकील ने बताया कि भारत के अलावा दुनिया में कहीं भी ऐसा कोई नियम नहीं है। वहीं सरकार का पक्ष रखने वाले वकील कीर्तिमान सिंह ने नियमों का बचाव करते हुए कहा कि आज जैसा माहौल है उसे देखते हुए मैसेज भेजने वाले का पता लगाने की जरूरत पर जोर दिया है। कोर्ट इस मामले पर अगली सुनवाई अब 14 अगस्त को करेगा।

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