अन्तर्राष्ट्रीय
ईरान परमाणु वार्ता की अवधि 1 अप्रैल तक बढ़ाई गई
लौसेन | ईरान के विवादास्पद परमाणु कार्यक्रम को लेकर किसी व्यापक समझौते तक पहुंचने के लिए ईरान तथा दुनिया की छह महाशक्तियों के साथ हो रही वर्ता की अवधि बुधवार यानी एक अप्रैल तक के लिए बढ़ा दी गई है। व्यापक समझौते पर सहमति के लिए 31 मार्च की समय सीमा निर्धारित की गई थी, जो संभव नहीं हो पाया। समाचार पत्र ‘न्यूयार्क टाइम्स’ की मंगलवार की रिपोर्ट के अनुसार, 31 मार्च को पूरे दिन हुई बातचीत के बावजूद ईरान तथा पी5+1 समूह (अमेरिका, ब्रिटेन, चीन, रूस, फ्रांस और जर्मनी) के देश किसी सहमति पर नहीं पहुंच पाए। वे अब भी विभिन्न मुद्दों को सुलझाने में जुटे हैं।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मेरी हर्फ ने कहा, “हमने बातचीत में बीते कुछ दिनों में प्रगति की है, लेकिन अब भी कुछ मसले बाकी हैं, जो सुलझाए जाने हैं।” समझौते के लिए 31 मार्च की समय सीमा का निर्धारण तीन महीने पहले किया गया था, ताकि जून के अंत तक व्यापक समझौते को अंतिम रूप दिया जा सके। ईरान के परमाणु कार्यक्रम को नियंत्रित करने के लिए अंतरिम समझौते की अवधि जून में समाप्त हो रही है। उससे पहले दुनिया के उक्त छह देश किसी व्यापक समझौते तक पहुंचना चाहते हैं।
कुछ दिनों पहले ईरान ने कुछ मुद्दों को लेकर हठी रवैया अपना लिया था और चाहता था कि संयुक्त राष्ट्र तत्काल सारे प्रतिबंध हटा ले, जबकि अमेरिका और सहयोगी वार्ताकार राष्ट्र क्रमिक रूप से छूट देने के पक्षधर थे। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि ईरान के पास मौजूद परमाणु ईंधन का विशाल भंडार विवाद का विषय है।
अन्तर्राष्ट्रीय
पाकिस्तान ने IMF के आगे फिर फैलाए हाथ, की नए लोन की डिमांड
इस्लामाबाद। पाकिस्तान ने आईएमएफ के सामने एक बार फिर भीख का कटोरा आगे कर दिया है। पाकिस्तान के पीएम शाहबाज शरीफ ने आईएमएफ की प्रमुख क्रिस्टालिना जॉर्जीवा से मुलाकात कर उनसे नए ऋण कार्यक्रम पर चर्चा की है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय के एक बयान में कहा कि पीएम शहबाज की मुलाकात रियाद में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के मौके पर हुई।
रियाद में विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की एक बैठक से इतर शरीफ ने तीन अरब अमेरिकी डॉलर की अतिरिक्त व्यवस्था (एसबीए) हासिल करने में पाकिस्तान को समर्थन देने के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की प्रबंध निदेशक जॉर्जीवा का शुक्रिया अदा किया। पाकिस्तान ने पिछले साल जून में तीन अरब अमेरिकी डॉलर का आईएमएफ कार्यक्रम हासिल किया था। पाकिस्तान मौजूदा एसबीए के इस महीने समाप्त होने के बाद एक नई दीर्घकालिक विस्तारित कोष सुविधा (ईएफएफ) की मांग कर रहा है।
प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान के नुसार, “दोनों पक्षों ने पाकिस्तान के लिए एक अन्य आईएमएफ कार्यक्रम पर भी चर्चा की ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पिछले वर्ष से हासिल लाभ समेकित हो और आर्थिक वृद्धि सकारात्मक बनी रही।’’ शरीफ ने पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की अपनी सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। वित्त मंत्री मोहम्मद औरंगजेब ने कहा कि इस्लामाबाद जुलाई की शुरुआत तक नए कार्यक्रम पर कर्मचारी स्तर का समझौता हासिल कर सकता है। यदि पाकिस्तान को यह मदद मिल गई तो उसको आईएमएफ की ओर से यह 24वीं सहायता होगी।
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