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अन्तर्राष्ट्रीय

…आखिरकार हिलेरी क्लिंटन ने माफी मांगी

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वाशिंगटन। अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के लिए अहम डेमोक्रेट उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन ने विदेश मंत्री रहते हुए निजी ईमेल सर्वर के इस्तेमाल को लेकर अंतत: माफी मांग ली है। इससे पहले उन्होंने यह कहते हुए प्रकरण पर माफी मांगने से इंकार किया था कि उन्होंने जो कुछ भी किया, उसकी अनुमति थी और राष्ट्रपति बराक ओबामा के प्रशासन में हर किसी को इसकी जानकारी थी।

हिलेरी की ओर से इस मामले पर माफी हाल में राष्ट्रपति चुनाव को लेकर अन्य डेमोक्रेट उम्मीदवारों के मुकाबले उनकी लोकप्रियता में गिरावट के बाद आई है। हिलेरी ने मंगलवार को ‘एबीसी न्यूज’ से एक साक्षात्कार में कहा, “वह एक गलती थी। मैं उसके लिए माफी मांगती हूं और इसकी पूरी जिम्मेदारी लेती हूं। मैं हरसंभव पारदर्शी बने होने की कोशिश कर रही हूं।” उन्होंने माना कि उन्हें सरकारी कामकाज और निजी संवाद के लिए अलग-अलग ईमेल का इस्तेमाल करना चाहिए था।

इस प्रकरण पर माफी मांगते हुए हिलेरी ने कहा कि उन्हें अफसोस है कि इसकी वजह से कई सवाल खड़े हुए। हिलेरी के रुख में आए इस बदलाव के बारे में राष्ट्रपति ओबामा को चुनाव प्रचार अभियान में सलाह देने वाले पूर्व शीर्ष परामर्शदाता डेविड एक्सेलरॉड का कहना है कि उन्होंने इस मामले में काफी देर की। बकौल डेविड, “उनका (हिलेरी) जवाब काफी समय बाद आया, जिसके कारण यह मामला लंबा खिंचा। अब वह सबकुछ समाप्त करने की कोशिश कर रही हैं, ताकि वह अन्य मुद्दों पर ध्यान दे सकें। लेकिन उन्हें तर्कसंगत जवाब देने की आवश्यकता है।” साक्षात्कार के दौरान हिलेरी ने राष्ट्रपति पद के संभावित उम्मीदवार जो बिडेन की भी प्रशंसा की। उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि वह एक अच्छे राष्ट्रपति हो सकते हैं। उनके बारे में किसी तरह का संदेह नहीं है।”

अन्तर्राष्ट्रीय

भारत में अवसरों की भरमार, पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 सालों में देश ने अच्छी प्रगति की : वॉरेन बफे

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नई दिल्ली। बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफे भारत की निवेश की संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने रविवार को कंपनी की सालाना बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में अवसरों की भरमार हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ने सभी आर्थिक मानदंडों में अच्छी प्रगति की है। अब लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर (अनुमान वित्त वर्ष 2023-24) की जीडीपी के साथ भारत आर्थिक रूप से पांचवां सबसे बड़ा देश है। एक दशक पहले देश 1.9 ट्रिलियन डॉलर (मौजूदा बाजार मूल्य) की जीडीपी के साथ भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस 10 साल की यात्रा में कई रिफॉर्म हुए जिसने देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाया है।

रविवार को अपनी कंपनी की वार्षिक बैठक में वॉरेन बफेट ने कहा, भारत में नई संभावनाओं का पता लगाएं। यहां ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जिनको सर्च नहीं किया गया है या यहां मौजूद अवसरों पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि भारत में बहुत सारे अवसर हैं। सवाल यह है कि क्या हमें उनके बारे में जानकारी है, जिसमें हम भाग लेना चाहेंगे। बफेट देश में संभावित प्रवेश की तलाश में हैं। भारत की जीडीपी ग्रोथ एक नए शिखर पर पहुंचने के लिए तैयार है। विनिर्माण और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों ने फिर से सुधार देखना शुरू कर दिया है और जीएसटी कलेक्शन नई ऊंचाई हासिल कर रहा है।

आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी ग्रोथ महामारी से पहले 2020 के दौरान दर्ज की गई 7 प्रतिशत से ऊपर बढ़ने के संकेत हैं। आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 2004 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 635 डॉलर थी। 2024 में देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 2,850 डॉलर हो गई है, जो इसके समकक्ष देशों के लिए 6,770 डॉलर का 42 प्रतिशत है। इस महीने की शुरुआत में जारी एचएसबीसी सर्वे के अनुसार, मजबूत मांग के कारण भारत का विनिर्माण सेक्टर अप्रैल में मजबूत गति से बढ़ा। इसके अलावा विश्व चुनौतियों के बावजूद, एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न के साथ देश ग्लोबल स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है।

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