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मुख्य समाचार

आंचलिक विज्ञान नगरी ने आयोजित की तोड़-फोड़ के जोड़ की कार्यशाला

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आंचलिक विज्ञान नगरी लखनऊ, इन्नोवेशन सेन्टर, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद्, उ0प्र0, महात्मा ज्योतिबा राव फूले राजकीय स्वच्छकार आश्रम पद्धति इण्टर कालेज, राजकीय उ0प्र0 सैनिक इण्टर कालेज, नवाचार कार्यशाला के चौथे कार्यक्रम

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लखनऊ। आंचलिक विज्ञान नगरी लखनऊ एवं इन्नोवेशन सेन्टर, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद्, उ0प्र0 ने एक साथ मिलकर तोड़-फोड़ के जोड़ विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया। इसी कड़ी में 20 एवं 21 मार्च को चौथी कार्यशाला का आयोजन हुआ। कार्यशाला में महात्मा ज्योतिबा राव फूले राजकीय स्वच्छकार आश्रम पद्धति इण्टर कालेज एवं राजकीय उ0प्र0 सैनिक इण्टर कालेज के लगभग सौ विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।

नवाचार कार्यशाला के चौथे कार्यक्रम के दूसरे  दिन की शुरूआत आचंलिक विज्ञान नगरी के परियोजना समायोजक उमेश कुमार द्वारा एक विज्ञान व्याख्यान के साथ हुई। इस विज्ञान व्याख्यान में नवाचार क्या होता है, किसको कहते हैं, उसकी उपलब्धियाँ व प्रकार के बारे में रोशनी डाली गई।

इसके अलावा नवाचार का दैनिक जीवन, प्रौद्योगिकी/ शिक्षण संस्थाओं, समाज व औद्योगिक क्षेत्र में इसके महत्व पर भी रोशनी डाली गयी। इसके उपरान्त प्राकृतिक जल-शीतक, बुनाई के क्षेत्र में नवाचार, मच्छरों को नष्ट करने वाला सौर ऊर्जा पर आधारित उपकरण, पकाने वाला बहुउद्देश्यीय बर्तन, पानी में तैरती हुई साबुन, बिना बिजली का फ्रिज, गैस से चलने वाली इस्तरी (प्रेस), चालक रहित कार व दृष्टिविहीनों के लिए प्रिंटर जैसे नवाचारों के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की गई। DSC02736

इस अवसर पर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद्, उ0प्र0 के संयुक्त निदेशक डा0 डी0के0 श्रीवास्तव ने तोड़-फोड़ के जोड कार्यशाला के माध्यम से बच्चों में नवप्रवर्तन का विकास उत्पन्न करने पर एक विशेष व्याख्यान दिया। उन्होंने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि बच्चे अच्छे श्रोता होते हैं और वे अच्छे समीक्षक बन सकते हैं। अपने व्याख्यान में उन्होंने इस बात पर बल दिया कि युवाओं का दिमाग नवप्रवर्तन उत्पन्न करने हेतु विकसित करना चाहिए जिससे कि वे आने वाले समय में हमारे राष्ट्र को आगे ले जा सके। उन्होंने कहा कि बच्चे स्वतंत्र वातावरण में सृजनात्मकता कार्य कर सकते हैं।

जिज्ञासा फाण्डेशन के संस्थापक सचिव मनीष पाठक ने विद्यार्थियों को बताया कि वैज्ञानिक एवं तकनीकी मनोवृत्ति का व्यवहारिक रूप से विस्तार कैसे किया जा सकता है। उन्होंने जोर दिया कि तोड़-फोड़ के जोड़ कार्यशालाएं विद्यार्थियों को अमूल्य सीख प्रदान कर सकती हैं।

कार्यशाला के दौरान प्रतिभागियो ने खिलौने, मैकेनिकल औजार, घरेलू उपकरणो आदि को पूरी तरह से खोलकर उनकी कार्यप्रणालियो को समझा। इसके पश्चात प्रतिभागियों ने अपने नवविचारो को विशेषज्ञो के साथ साझा किया एवं आंचलिक विज्ञान नगरी द्वारा विकसित की गई नई किटों का भी प्रदर्शन इसमें किया गया। कार्यशाला के अंत में अतिथियों द्वारा प्रतिभागियो को कार्यशाला का प्रमाण-पत्र भी वितरित किया गया।

नेशनल

जेपी नड्डा का ममता पर हमला, कहा- संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा

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नई दिल्‍ली। भाजपा के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष जेपी नड्डा ने मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी पर तगड़ा हमला बोला है। उन्‍होंने कहा कि ममता दीदी ने बंगाल को क्‍या बना दिया है। जेपी नड्डा ने कहा कि संदेशखाली, ममता बनर्जी की निर्ममता और बर्बरता का संदेश चीख-चीख कर दे रहा है। ममता दीदी ने बंगाल को क्या बना दिया है? जहां रवींद्र संगीत गूंजना चाहिए था, वहां बम-पिस्तौल मिल रहे हैं।

संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा। इसी से समझ सकते हैं कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की सरकार ने किस तरह अराजकता फैला रखी है। मैं बंगाल के सभी भाजपा कार्यकर्ताओं और जनता से अपील करता हूं कि आप सभी संदेशखाली पर ममता बनर्जी से जवाब मांगे।

प्रधानमंत्री मोदी ने संदेशखाली की पीड़िता को पार्टी का टिकट देकर भाजपा महिला सशक्तिकरण के संदेश को मजबूती दी है। इसके साथ ही पीएम मोदी ने ममता बनर्जी को जवाब दिया है कि ये महिलाएं अकेली नहीं है उनके साथ पूरा समाज, पूरा देश खड़ा है। संदेशखाली में महिलाओं की इज्जत-आबरू और उनकी जमीनें बचाने के लिए वहां गई जांच एजेंसियों के अधिकारियों पर भी घातक हमला किया गया।

जेपी नड्डा ने आगे कहा, “मैं आज समाचार पढ़ रहा था कि संदेशखाली में तलाशी के दौरान सीबीआई ने तीन विदेशी रिवॉल्वर, पुलिस द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली एक रिवॉल्वर, बंदूकें, कई गोलियां और कारतूस बरामद किए हैं।” इसी से समझा जा सकता है कि ममता सरकार ने राज्य में किस तरह अराजकता फैला रखी है। उन्होंने पूछा कि क्या ममता बनर्जी जनता को डराकर, उनकी जान लेकर चुनाव जीतेंगी। क्या नेताजी सुभाष चंद्र बोस, रवीन्द्रनाथ टैगोर, स्वामी विवेकानंद और महर्षि अरबिंदो जैसे मनीषियों ने ऐसे बंगाल की कल्पना की थी।

संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा। ममता दीदी, यदि आपको ऐसा लगता है कि आप ऐसा करके चुनाव जीत जाएंगी तो ये आपकी भूल है। जनता आपको इसका करारा जवाब देगी। उन्होंने कहा कि हमने देखा कि ममता सरकार में तृणमूल कांग्रेस के शाहजहां शेख जैसे असामाजिक तत्व संदेशखाली में महिलाओं के अस्तित्व पर खतरा बने हुए हैं। महिलाओं के साथ जिस तरह का सलूक हो रहा है वह सच में बहुत ही संवेदनशील और कष्टदायी है।

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