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प्रादेशिक

प्रशिक्षण कार्यशाला में सिखाए गए विज्ञान लेखन के गुर

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विज्ञान लेखन प्रशिक्षण कार्यशाला, विज्ञान लेखन के गुर, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद उ.प्र., जिला विज्ञान क्लब लखनऊ

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विज्ञान लेखन प्रशिक्षण कार्यशाला, विज्ञान लेखन के गुर, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद उ.प्र., जिला विज्ञान क्लब लखनऊ

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पांच दिवसीय विज्ञान लेखन प्रशिक्षण कार्यशाला का तीसरा दिन

लखनऊ। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद उ.प्र. के तत्वावधान में जिला विज्ञान क्लब, लखनऊ एवं बी.एस.आई.पी. द्वारा बीरबल साहनी पुराविज्ञान संस्थान में आयोजित की जा रही आठवीं पांच दिवसीय विज्ञान लेखन प्रशिक्षण कार्यशाला के तीसरे दिन सर्वप्रथम जी.एस.आई के पूर्व निदेशक वी.के.जोशी एवं डा सी.एम. नौटियाल द्वारा प्रतिभागियों द्वारा लिखे गये 200 शब्दों के आलेखों का मूल्यांकन किया गया।

वी.के.जोशी ने प्रतिभागियो को बताया कि दो प्रकार का विज्ञान लेखन किया जाता है, शोध पत्रों में वैज्ञानिको द्वारा वैज्ञानिको के लिए विज्ञान लेखन किया जाता है जब कि पत्र पत्रिकाओं मे आम जन मानस के लिए विज्ञान की कठिन एवं तकनीकी जानकारी सरल भाषा में विज्ञान पत्रकारों द्वारा लिखा जाता है। वर्तमान समय में पूरे देश में विज्ञान लेखको की कमी है, मात्र लिए अपार सम्भावनाएं है।

रूचि होने पर विज्ञान लेखक समाचार पत्र/पत्रिकाओं में स्वास्थ्य एवं तकनीकी विषयों पर लेखन अथवा सम्पादन भी कर सकते है। उन्होने कहा कि विज्ञान लेखन करने से पहले मनपसन्द विषय का चुनाव करना महत्वपूर्ण काम है। निरन्तर लिखते रहने पर लेखन क्षमता का विकास होता है।

वरिष्‍ठ विज्ञान पत्रकार रूमा सिन्हा ने प्रतिभागियो को पत्रकारिता एवं कैरियर विषय पर व्याख्यान देते हुए कहा कि विज्ञान की अहम खबरो को तथ्यों से छेडछाड किये बगैर आम जनता तक सरल एवं रोचक ढ़ग से पहुचाना विज्ञान लेखको की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी हैं।

पर्यावरण, टेक्नोलाजी, मेडिकल, के क्षेत्र में विज्ञान लेखन की असीम सम्भावना है। उत्कृष्‍ट विज्ञान लेखन करने के लिये ज्ञान वर्धन के साथ साथ नई नई जानकारियों को अपडेट करना जरुरी है।

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद उ.प्र. की संयुक्त निदेशक डा. राना ने इन्टलेक्चुअल प्रापर्टी एवं कापी राईट के बारे में प्रतिभागियो को विस्तार से बताया कि मनुष्‍य की प्रतिभा का वाजिब हक दिलाना इस कानून का मूल उद्देश्‍य है। लखनई का चिकन वर्क और बनारस की साड़ी कापी राईट के अन्तर्गत रजिस्टर्ड होने के कारण विश्वविख्यात है।

जिला विज्ञान क्लब के समन्वयक राजकमल श्रीवास्तव ने चमत्कारों की वैज्ञानिक व्याख्या करते हुए बताया कि विज्ञान लेखको में वैज्ञानिक सोच होना जरूरी है। किसी भी घटना का विश्‍लेषण करने पर उसके पीछे छिपे हुए रहस्य उजागर होते है। रहस्यो का पर्दाफाश करने से विज्ञान लेखन की रोचकता बनी रहती है।

प्रादेशिक

बिहार के भागलपुर में भोजपुरी एक्ट्रेस का फंदे से लटकता मिला शव, वाट्सएप पर लगाया था ऐसा स्टेटस

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भागलपुर। बिहार के भागलपुर में भोजपुरी एक्ट्रेस अन्नपूर्णा उर्फ अमृता पांडेय की संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई मरने से पहले अमृता पांडे ने अपने व्हाट्सएप स्टेटस पर लिखा है कि दो नाव पर सवार है उसकी जिंदगी…हमने अपनी नाव डूबा कर उसकी राह को आसान कर दिया। अमृता के इस स्टेटस से कयास लगाए जा रहे हैं कि उन्होंने सुसाइड किया है। हालांकि पुलिस अभी इस मामले पर कुछ भी बोलने से बच रही है। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के असली कारणों का पता चलेगा।

परिवार वालों ने बताया कि करीब 3.30 बजे अमृता की बहन उसके कमरे में गई। वहां वह फंदे से लटकी हुई थी। आनन फानन में उसके फंदे से चाकू से काट​कर तत्काल परिवार वाले स्थानीय निजी अस्पताल ले गए, लेकिन वहां उसे मृत बता दिया गया। परिजनों ने बताया कि शुक्रवार की रात उन लोगों ने काफी मस्ती की थी। फिर अचानक से क्या हुआ। किसी को समझ नहीं आ रहा। परिजनों ने बताया कि अमृता की शादी 2022 में छत्तीसगढ़ के बिलासपुर निवासी चंद्रमणि झांगड़ के साथ हुई थी। वे मुंबई में एनिमेशन इंजीनियर हैं। अब तक उन लोगों को बच्चे नहीं हैं।

अमृता ने मशहूर भोजपुरी एक्टर खेसारी लाल यादव समेत कई दिग्गज कलाकारों के साथ काम किया है. साथ ही कई सीरियल, वेब सीरज और विज्ञापन में भी काम किया है। बहन के मुताबिक, अमृता कैरियर को लेकर काफी परेशान रहती थी। वह काफी डिप्रेशन में थी। इस वजह से वह इलाज भी करा रही थी। अमृता भोजपुरी फिल्मों के अलावा कुछ वेब सीरीज में काम में रही थी. हाल ही में अमृता की हॉरर वेब सीरीज प्रतिशोध का पहला भाग रीलिज हुआ है।

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