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अधिकांश काला धन संप्रग के कार्यकाल में पैदा हुआ : जेटली

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केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण, काला धन, 2जी स्पेक्ट्रम घोटाला, मनमोहन सिंह, राज्यसभा

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केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण, काला धन, 2जी स्पेक्ट्रम घोटाला, मनमोहन सिंह, राज्यसभा

अरुण जेटली

नई दिल्ली | नोटबंदी पर अपनी सरकार के फैसले को ‘सही’ बताते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को कहा कि अधिकांश काला धन कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के दौरान पैदा हुआ। जेटली ने यहां संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से कहा, “इस सरकार ने जो कदम उठाया है, वह सही है और उसका क्रियान्वयन सही तरीके से हो रहा है।”

कांग्रेस पर बरसते हुए जेटली ने कहा, “हमें बिल्कुल भी आश्चर्य नहीं हो रहा कि साल 2004 से 2014 के दौरान सरकार चलाने वाले लोग काले धन के खिलाफ इस कदम को पसंद नहीं कर रहे।”

उन्होंने कहा, “देश में सबसे ज्यादा काला धन साल 2004 से 2014 के दौरान पैदा हुआ। इसी अवधि के दौरान कॉमनवेल्थ गेम्स घोटाल, 2जी स्पेक्ट्रम घोटाला तथा कोयला ब्लॉक घोटाला हुआ।”

जेटली ने कहा कि जो लोग इन घोटालों को बड़ा भ्रष्टाचार नहीं समझ रहे, वे काले धन तथा भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान को बड़ा भ्रष्टाचार करार दे रहे हैं।

जेटली का इशारा पूर्व प्रधानमंत्री तथा कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य मनमोहन सिंह की ओर था, जिन्होंने नोटबंदी के बाद के हालात को ‘संगठित लूट’ तथा ‘बहुत बड़ी भूल’ करार दिया।

मंत्री ने कहा, “यह सटीक और तर्कसंगत है, जिसे संसद में चर्चा के दौरान वे रखेंगे, जैसे ही वह होता है। लेकिन यह भी स्पष्ट है कि विपक्ष चर्चा को लेकर असहज है और इससे भागने का कोई बहाना ढूंढ रहा है।”

बीते पांच दिनों के दौरान, सदन की कार्यवाही बार-बार स्थगित होने के बाद गुरुवार को राज्यसभा में सरकार के नोटबंदी के कदम पर चर्चा शुरू हुई।

भोजनावकाश के बाद विपक्ष ने हंगामे के बाद एक बार फिर कार्यवाही को स्थगित करने को मजबूर कर दिया। विपक्ष चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी की मांग पर अड़े रहे।

 

नेशनल

दिल्ली के स्कूलों की जांच में कुछ नहीं मिला, पुलिस बोली- ई-मेल्स और कॉल्स फर्जी

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नई दिल्ली। दिल्ली के स्कूलों में बम होने के धमकी भरे ईमेल के बाद जांच की गई तो वहां कुछ नहीं मिला। पुलिस अधिकारियों ने भी इसे होक्स ईमेल बताया है, लेकिन उन्होंने कहा कि चेकिंग जारी रहेगी। गृह मंत्रालय ने कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है। ऐसा प्रतीत होता है कि यह फर्जी कॉल है। दिल्ली पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां प्रोटोकॉल के मुताबिक जरूरी कदम उठा रही हैं।

वहीं दिल्ली पुलिस ने कहा कि दिल्ली के कुछ स्कूलों को बम की धमकी वाले ई-मेल मिले। दिल्ली पुलिस ने प्रोटोकॉल के तहत ऐसे सभी स्कूलों की गहन जांच की। कुछ भी आपत्तिजनक नहीं मिल। ऐसा प्रतीत होता है कि ये कॉल्स फर्जी हैं। हम जनता से अनुरोध करते हैं कि वे घबराएं नहीं और शांति बनाए रखें।

स्कूल में आए इस धमकी भरे ईमेल के बाद कई स्कूलों ने बच्चों की जल्द छुट्टी का मैसेज पेरेंट्स को भेज दिया, तो कुछ पेरेंट्स अपने बच्चों को स्कूल जाकर पहले ही ले आए। इसके अलावा कई स्कूल के प्रिंसिपल ने पेरेंट्स को मैसेज भेज कर कहा कि घबराने की बात नहीं है।

नोएडा में इंद्रप्रस्थ ग्लोबल स्कूल (आईपीजीएस) की प्रिंसिपल निकिता तोमर मान ने बताया, “मैं लोगों से आग्रह करूंगी कि वे अनावश्यक घबराहट पैदा न करें और इस स्थिति को एक परिपक्व वयस्क के रूप में लें। दिल्ली-एनसीआर के जिन स्कूलों को धमकियां मिलीं, उन्हें खाली करा लिया गया है और हमारे सहित बाकी स्कूल सामान्य रूप से काम कर रहे हैं। कोई धमकी भरा संदेश प्राप्त नहीं हुआ है।”

 

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