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हेल्थ

दुनिया में 4 में से 1 का लीवर फैटी

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दुनिया में 4 में से 1 का लीवर फैटी

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दुनिया में 4 में से 1 का लीवर फैटी

नई दिल्ली| फैटी लीवर या स्टिओटोसिस, लीवर में फैट जमने को कहा जाता है। लीवर में थोड़ी बहुत फैट होना सामान्य बात है, लेकिन फैटी लीवर होने पर लीवर के वजन का 5 से 10 प्रतिशत हिस्सा फैट होता है। हेपाटॉलॉजी के शोध पत्र में प्रकाशित डॉ योनोसी और साथियों की ताजा शोध के मुताबिक दुनिया भर में 25.24 प्रतिशत लोगों में फैटी लीवर की समस्या पाई गई है। खाड़ी के देशों और दक्षिण अमेरिका में यह सबसे ज्यादा है, जबकि अफ्रीका में यह सबसे कम है। भारत में भी मोटापे का शिकार लोगों में यह समस्या आम पाई जाती है। यह लीवर की आम बीमारी एनएएफएलडी है, जिसके 30 से 40 प्रतिशत भारतीय शिकार हैं। हालांकि इसे अपनी आदतों में बदलाव करके बदला जा सकता है। इसके लक्षण दिखाई नहीं देते और यह कोई स्थायी क्षति नहीं करता।

इस बारे में जानकारी देते हुए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के मानद महासचिव डॉ. के.के. अग्रवाल ने बताया कि मोटापा सबसे बड़ी समस्या है और इसके साथ एनएएफएलडी और पाचन तंत्र की गड़बड़ी का खतरा जुड़ा हुआ है। 5 प्रतिशत भी वजन कम करना काफी है, लेकिन हमें 10 प्रतिशत कम करने का लक्ष्य रखना चाहिए ताकि मेटाबॉलिक सिंड्रोम के खतरे को टाला जा सके।

वैसे तो सामान्य फैटी लीवर से जीवन को खतरा नहीं होता, लेकिन इससे सूजन और लीवर पर रगड़ लगने का खतरा हो सकता है। चूंकि यह मोटापे से जुड़ी है, इस वजह से लोगों को स्ट्रोक या हार्ट अटैक हो सकता है, जिन्हें एनएएसएच है उन्हें खतरा ज्यादा है।

एनएएफएलडी का जांच लीवर प्रणाली जांच से होती है अगर उसमें आसामान्य परिणाम आएं, जबकि हेपेटाइटस न हो। अगर नियमित लीवर ब्लड टैस्ट सामान्य भी हों तब भी एनएएफएलडी हो सकता है। जिन्हें मोटापा, टाइप 2 मधुमेह, उच्च कोलेस्ट्रॉल की समस्या हो और उम्र 50 से ज्यादा हो तथा वे निमयित धूम्रपान करते हों तो उन्हें एनएएफएलडी और एनएएसएच, फिब्रोसिस या सिरोसिस जैसी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं।

ऐसे लोगों को धीरे-धीरे वजन कम करने और व्यायाम करने की कोशिश करनी चाहिए। अगर इसके कारण का इलाज कर लिया जाए तो सामान्य फैटी लीवर ठीक हो सकता है। अनावश्यक वजन घटा कर और मधुमेह को नियंत्रित करके इसे दूर किया जा सकता है। उचित कदम उठाने के बाद इसे सामान्य होने में 6 महीने लगते हैं।

विशेषज्ञों के मुताबिक, अगर आप धूम्रपान करते हैं तो तुंरत छोड़ देना चाहिए, क्योंकि इससे न सिर्फ फैटी लीवर होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं, बल्कि स्ट्रोक और हार्ट अटैक का खतरा भी दोगुना हो जाता है। हाईपरटेंशन पर भी नजर रखें। ध्यान और तनाव मुक्त रहने के लिए योग और ध्यान करना चाहिए। वैसे एनएएफएलडी शराब की वजह से नहीं होता, लेकिन यह हालत बिगाड़ सकती है।

इसलिए अगर आपको पहले से एनएएफएलडी है तो शराब का सेवन न करें। इससे लीवर के क्षतिग्रस्त होने का खतरा दोगुना हो जाता है और सिरोसिस जल्दी होता है। बचाव इलाज से बेहतर है, जीवनशैली में आज ही बदलाव करें।

लाइफ स्टाइल

तेजी से बढ़ रही है दिल की बीमारियों के चलते मौत, करें ये उपाय

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Death due to heart diseases increasing

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नई दिल्ली। भारत में दिल की बीमारियों के कारण होने वाली मौतों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हाई कॉलेस्ट्रॉल, धूम्रपान एवं आनुवंशिक कारणों से दिल की बीमारियों की संभावना बढ़ रही है। दक्षिण-पूर्वी एशियाई आबादी में आनुवंशिक रूप से दिल की बीमारियों की संभावना अधिक होती है। दिल को सुरक्षित रखने के लिए कुछ उपाय हैं, जिसे अपनाकर आप दिल की बीमारियों से दूर रह सकते हैं।

सेहतमंद आहार लें

संतुलित और सेहतमंद आहार का सेवन करने से शरीर को सही पोषण मिलता है। जंक फूड में फैट, नमक और चीनी बहुत अधिक मात्रा में होती है, जो समय के साथ हमारे दिल को बीमार बना देती है। अक्सर लोग बिना सोचे समझे प्रोसेस्ड फूड का सेवन करते हैं क्योंकि उन्हें यह बहुत आसान लगता है, लेकिन इस तरह का भोजन हमारी सेहत के लिए अच्छा नहीं है। हमारे आहार में पर्याप्त मात्रा में कैलोरीज, प्रोटीन, विटामिन, मिनरल और लो सैचुरेटेड फैट होने चाहिए।

गतिहीन जीवनशैली से बचें

बहुत से लोग नियमित रूप से व्यायाम नहीं करते। आज हममें से लाखों लोग ऐसी नौकरियां करते हैं, जिसके लिए उन्हें घंटों एक ही जगह पर बैठे रहना पड़ता है। व्यायाम की कमी व्यक्ति के लिए बेहद हानिकारक हो सकती है। यह मोटापे को जन्म देती है, जिसके कारण व्यक्ति धीरे धीरे डायबिटीज, हाइपरटेंशन और दिल की बीमारियों का शिकार बन जाता है।

शारीरिक रूप से सक्रिय

व्यायाम दिल को तंदुरुस्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। कार्डियो व्यायाम से दिल की पम्प करने की क्षमता बढ़ती है और दिल की मांसपेशियां तंदुरुस्त बन जाती हैं। नियमित व्यायाम करने से रक्तचाप नियन्त्रण में रहता है, शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल कम होते हैं और ब्लड शुगर भी नियन्त्रित रहती है।

तनाव से बचें

तनाव आज हम सभी के जीवन का अभिन्न हिस्सा बन चुका है, खासतौर पर ज्यादातर शहरी लोग अपने काम को लेकर तनाव में रहते हैं। जब आपका शरीर तनाव में रहता है, तो इसका असर शरीर के हर अंग पर पड़ता है। तनाव के समय शरीर में एड्रिनलिन हॉर्मोन ज्यादा मात्रा में बनने लगता है, अगर ऐसा नियमित रूप से होने लगे तो दिल की बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है।

अच्छी और गहरी नींद

समय की कमी के कारण बहुत से लोग अपनी नींद को कम कर काम करने लगते हैं। वे अपनी महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए नींद से समझौता करते हैं जो सेहत के लिए खास तौर पर दिल के लिए खतरनाक है। 7-8 घंटे से कम नींद लेने से दिल की बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है।

धूम्रपान और शराब के सेवन से बचें

धूम्रपान और शराब का सेवन किसी भी सेहत के लिए अच्छा नहीं है। आजकल विकासशील देशों में धूम्रपान का चलन तेजी से बढ़ रहा है। जो दिल के लिए नुकसानदायक है। यहां तक कि अगर आपके आस-पास कोई व्यक्ति धूम्रपान करता है तो वह भी आपकी सेहत के लिए अच्छा नहीं। धूम्रपान छोड़ने के लिए परिवार और दोस्तों के सहयोग की जरूरत होती है। इसकी आदत छोड़ने के लिए निकोटीन पैच या ई-सिगरेट का इस्तेमाल किया जा सकता है।

नियमित रूप से स्वास्थ्य की जांच

नियमित रूप से स्वास्थ्य की जांच कराकर आप दिल की बीमारियों के खतरे से बच सकते हैं। क्योंकि ऐसा करने से अगर आपको कोई समस्या है तो समय पर उसका निदान हो जाएगा और समय रहते इलाज शुरू कर बीमारी को गंभीर होने से रोका जा सकेगा। इसलिए नियमित रूप से अपनी जांच करवाते रहें और अपने स्वास्थ्य को मॉनिटर करते रहें।

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डिस्क्लेमर: उपरोक्त जानकारी एक सूचना मात्र है. अपनाने से पहले सम्बंधित विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें.

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