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अन्तर्राष्ट्रीय

ओबामा ने 9/11 मुकदमा विधेयक को वीटो किया

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ओबामा वाशिंगटन| अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने उस विधयेक को वीटो कर दिया है, जिसमें 9/11 के पीड़ितों के परिजनों को सऊदी अरब के खिलाफ मुकदमा करने की अनुमति का प्रावधान था। इसके साथ ही ओबामा ने एक भावुकता से भरे मामले पर खुद को कांग्रेस और राष्ट्रपति पद के दोनों उम्मीदवारों के खिलाफ खड़ा कर लिया है। सीएनएन की शुक्रवार की रपट के मुताबिक, व्हाइट हाउस ने कहा है कि यह कानून बनने पर अमेरिकी राजनयिकों और सैनिकों को अन्य देशों में मुकदमे का सामना करना पड़ सकता है।

लेकिन कांग्रेस में रिपब्लिकन और डेमोकेट्रिक, दोनों दलों के नेताओं ने कहा है कि वे अगले सप्ताह ओबामा के वीटो को अस्वीकार कर देंगे।

ओबामा ने अब 12 वीटो जारी किए हैं। यदि कांग्रेस का अस्वीकार सफल हुआ, तो सबसे पहले इसका असर ओबामा के राष्ट्रपति पद पर होगा।

जस्टिस अगेंस्ट स्पॉन्सर्स ऑफ टेररिज्म एक्ट को समर्थन के प्रति सांसदों में व्यापक सहमति है। सांसदों ने इस वर्ष के प्रारंभ में पीड़ित समूहों के दबाव में इस विधेयक को पारित किया था।

इस विधेयक से अमेरिका में दूसरे देशों को मुकदमों का सामना करने की छूट समाप्त हो जाएगी, और यदि उस देश के बारे में यह साफ हो गया कि उसका संबंध अमेरिका में किसी आतंकी हमले में हाथ रहा है, तो उसे संघीय सिविल मुकदमे का सामना करना पड़ सकता है।

ओबामा ने अपने वीटो संदेश में कहा है कि उन्हें 11 सितंबर, 2001 के आतंकवादी हमलों के पीड़ित परिवारों के प्रति गहरी सहानुभूति है।

लेकिन, उन्होंने कहा है कि इस कानून से अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा हितों को गंभीर नुकसान पहुंच सकता है और महत्वपूर्ण गठबंधनों को भी काफी नुकसान पहुंच सकता है।

उन्होंने चेतावनी दी है कि इस कानून से आतंकवाद में अन्य देशों की भागीदारी संबंधी सवाल उठाने से आतंकवाद के खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई पर दुष्प्रभाव पड़ सकता है।

ओबामा ने साथ ही यह भी कहा कि इस कदम से अन्य देशों में भी अमेरिकियों, खासतौर पर सेना में कार्यरत जवानों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है, क्योंकि इससे पारस्परिक समझौते रद्द हो जाएंगे, जो फिलहाल ऐसे मुकदमों से दोनों पक्षों का बचाव करते हैं।

ओबामा ने इस कदम को लेकर मित्र देशों की आपत्तियों का भी जिक्र किया।

उन्होंने कहा कि इस कानून से “राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर ऐसे संवेदनशील समय में उनके सहयोग पर असर पड़ेगा, जब हम सहयोग बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं, विभेद पैदा करने की नहीं। इसमें आतंकवाद रोधी मुद्दे भी शामिल हैं।”

डेमोकेट्रिक पार्टी की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार और ओबामा की पूर्व विदेश सचिव हिलेरी क्लिंटन ने कानून के प्रति समर्थन जताया है।

वहीं, वीटो के बाद रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रपति उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने एक बयान में कहा कि यह कदम शर्मनाक है।

अन्तर्राष्ट्रीय

भारत में अवसरों की भरमार, पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 सालों में देश ने अच्छी प्रगति की : वॉरेन बफे

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नई दिल्ली। बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफे भारत की निवेश की संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने रविवार को कंपनी की सालाना बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में अवसरों की भरमार हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ने सभी आर्थिक मानदंडों में अच्छी प्रगति की है। अब लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर (अनुमान वित्त वर्ष 2023-24) की जीडीपी के साथ भारत आर्थिक रूप से पांचवां सबसे बड़ा देश है। एक दशक पहले देश 1.9 ट्रिलियन डॉलर (मौजूदा बाजार मूल्य) की जीडीपी के साथ भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस 10 साल की यात्रा में कई रिफॉर्म हुए जिसने देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाया है।

रविवार को अपनी कंपनी की वार्षिक बैठक में वॉरेन बफेट ने कहा, भारत में नई संभावनाओं का पता लगाएं। यहां ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जिनको सर्च नहीं किया गया है या यहां मौजूद अवसरों पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि भारत में बहुत सारे अवसर हैं। सवाल यह है कि क्या हमें उनके बारे में जानकारी है, जिसमें हम भाग लेना चाहेंगे। बफेट देश में संभावित प्रवेश की तलाश में हैं। भारत की जीडीपी ग्रोथ एक नए शिखर पर पहुंचने के लिए तैयार है। विनिर्माण और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों ने फिर से सुधार देखना शुरू कर दिया है और जीएसटी कलेक्शन नई ऊंचाई हासिल कर रहा है।

आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी ग्रोथ महामारी से पहले 2020 के दौरान दर्ज की गई 7 प्रतिशत से ऊपर बढ़ने के संकेत हैं। आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 2004 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 635 डॉलर थी। 2024 में देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 2,850 डॉलर हो गई है, जो इसके समकक्ष देशों के लिए 6,770 डॉलर का 42 प्रतिशत है। इस महीने की शुरुआत में जारी एचएसबीसी सर्वे के अनुसार, मजबूत मांग के कारण भारत का विनिर्माण सेक्टर अप्रैल में मजबूत गति से बढ़ा। इसके अलावा विश्व चुनौतियों के बावजूद, एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न के साथ देश ग्लोबल स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है।

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