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प्रादेशिक

हिंदुस्तान जिंक 152 स्कूलों में जैविक शौचालय बनाएगी

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उदयपुर| वेदांता समूह की कंपनी हिंदुस्तान जिंक ने कहा है कि वह जल्द ही राजस्थान के 152 स्कूलों में जैविक-शौचालयों का निर्माण करेगी। उल्लेखनीय है कि बुधवार को विश्व शौचालय दिवस भी था। कंपनी के एक प्रवक्ता ने कहा, “कंपनी ने उन सभी 152 स्कूलों में जैविक-शौचालय बनाने का फैसला किया है, जिन्हें उसने अपनाया है। उन स्कूलों में लड़कियों के लिए ऐसे ही अलग शौचालय बनाए जाएंगे।”

प्रवक्ता ने बताया कि बायो-डायजेस्टर प्रौद्योगिकी पर आधारित जैविक-शौचालय में एक प्रकार के बैक्टीरिया का उपयोग किया जाता है, जो मल को खाकर उसे मीथेन, पानी और कार्बन डाईऑक्साइड में बदल देता है। यह पानी जहरीला नहीं होता है और इसका उपयोग सिंचाई में किया जा सकता है।

प्रधानमंत्री मोदी के स्वच्छ भारत अभियान के तहत वेदांता समूह के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल ने मर्यादा अभियान शुरू किया है, जिसके तहत लोगों को शुचिता के बारे में बताया जा रहा है और ग्रामीण क्षेत्रों में शौचालय बनाए जा रहे हैं। इसके लिए समूह ने राजस्थान सरकार से एक समझौता किया है, जिसके तहत अगले पांच साल में 80 गांवों को खुले में शौच करने की प्रथा से मुक्त किया जाएगा।

प्रादेशिक

गुजरात बोर्ड परीक्षा में टॉपर रही छात्रा की ब्रेन हैमरेज से मौत, आए थे 99.70 फीसदी अंक

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अहमदाबाद। गुजरात बोर्ड की टॉपर हीर घेटिया की ब्रेन हैमरेज से मौत हो गई है। 11 मई को गुजरात माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (GSEB) के नतीजे आए थे। हीर इसके टॉपर्स में से एक थी। उसके 99.70 फीसदी अंक आये थे। मैथ्स में उसके 100 में से 100 नंबर थे। उसे ब्रेन हैमरेज हुआ था। बीते महीने राजकोट के प्राइवेट अस्पताल में उसका ऑपरेशन हुआ था। ऑपरेशन के बाद उसे छुट्टी दे दी गई। वो घर चली गई, लेकिन क़रीब एक हफ़्ते पहले उसे सांस लेने में फिर दिक़्क़त होने लगी और दिल में भी हल्का दर्द होने लगा।

इसके बाद उसे अस्पताल में ICU में भर्ती कराया गया था। हाॅस्पिटल में एमआरआई कराने पर सामने आया कि हीर के दिमाग का 80 से 90 प्रतिशत हिस्सा काम नहीं कर रहा था। इसके बाद हीर को सीसीयू में भर्ती कराया गया। हालांकि डाॅक्टरों की लाख कोशिशों के बाद ही उसे बचाया नहीं जा सका और 15 मई को हीर ने दम तोड़ दिया। हीर की मौत के बाद परिवार ने मिसाल पेश करते हुए उसकी आंखों और शरीर को डोनेट करने का फैसला किया।

हीर के पिता ने कहा, “हीर एक डॉक्टर बनना चाहती थी। हमने उसका शरीर दान कर दिया ताकि भले ही वह डॉक्टर न बन सके लेकिन दूसरों की जान बचाने में मदद कर सकेगी।

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