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तूतीकोरिन में स्टरलाइट बना युद्ध का मैदान, पुलिस फायरिंग में 10 मरे

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तमिलनाडु में के तूतीकोरिन में वेदांता समूह की कंपनी स्टरलाइट कॉपर परियोजना के विस्तार की घोषणा के खिलाफ 100 दिनों से प्रदर्शन चल रहा था। इस परियोजना से पर्यावरण और स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर जनता में गंभीर चिंता बनी हुई है। स्टरलाइट इंडस्ट्रीज के खिलाफ तूतीकोरिन में हुई हिंसा पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार को तमिलनाडु सरकार से रिपोर्ट मांगी है।

तूतीकोरिन में स्टरलाइट बना युद्ध का मैदान

मंगलवार को वेदांता समूह की कंपनी स्टरलाइट को बंद करने की मांग को लेकर हुआ प्रदर्शन अचानक हिंसक हो गया, जिसके बाद पुलिस फायरिंग करनी पड़ी। जिसमें एक लड़की समेत 9 लोगों की मौत हो गई। प्रदर्शनकारियों व आस-पास के क्षेत्रों के सैकड़ों लोगों ने कथित रूप से डिस्ट्रिक्ट कलेक्ट्रेट पर भी हमला कर दिया था। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पहले आंसू गैस के गोले छोड़े। प्रदर्शकारी नहीं रुके जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज किया। इसके बाद भी हिंसा न रुकने पर पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर गोली चला दी।

तूतीकोरिन में स्टरलाइट बना युद्ध का मैदान

आधिकारिक रिपोर्ट और चेन्नई में तमिलनाडु पुलिस को मिली जानकारी के मुताबिक, पुलिस फायरिंग में घायल एक व्यक्ति की इलाज के दौरान मंगलवार रात को मौत हो गई, जिसके बाद मृतकों की संख्या बढ़कर 10 हो गई। शहर में बुधवार को जनजीवन पटरी पर नहीं लौटा। दुकान और वाणिज्यिक प्रतिष्ठान बंद हैं। शैक्षणिक संस्थानों को भी बंद रखा गया है।

कंपनी ने यहां चार लाख टन प्रति वर्ष स्टरलाइट कॉपर परियोजना के विस्तार की घोषणा की थी। पर तूतीकोरिन में लोग संयंत्र को बंद करने की मांग कर रहे हैं। लोगों का आरोप है कि संयंत्र इलाके को प्रदूषित कर रहा है और जलस्तर को कम करने के अलावा इससे निवासियों में गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा हो रही हैं।

तूतीकोरिन में स्टरलाइट बना युद्ध का मैदान

इस गोलीबारी में मारे गए मृतकों की पहचान एंटनी, सेल्वाराज, कानदियाह, ग्लैडसन, जयराम, मनीराज, तमिलारासन, शनमुघम और वेनिस्ता के रूप में हुई है। पुलिसकर्मियों समेत कम से कम 60 लोग घायल हुए हैं। कई घायलों को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया है।

मुख्यमंत्री ई. पलनीस्वामी ने घटना के बाद मंत्रिमंडल के अपने सहयोगियों और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की है और कहा कि कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। विपक्ष ने राज्य सरकार को घटना के लिए जिम्मेदार बताया है।

राज्य सरकार ने अपने बयान में कहा, “इस मामले में सरकार लोगों की इच्छाओं का सम्मान करती है। करीब 20,000 लोगों ने कंपनी के खिलाफ रैली निकाली और लोगों ने डिस्ट्रिक्ट कलेक्ट्रेट के कार्यालय में तोड़-फोड़ के दौरान पुलिस पर हमला कर दिया और पुलिस वाहनों को जला दिया। पुलिस इसे नियंत्रित नहीं कर सकी, इसलिए उसे कुछ कार्रवाई करनी पड़ी।”

सरकार ने कहा है कि वह इस मामले में कानूनी कार्रवाई करेगी। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए आस-पास के जिलों से पुलिस को भेजा गया है।प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने बिना उकसावे के ही शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे लोगों पर बल का प्रयोग किया। विपक्षी पार्टी ने इन मौतों के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। एक पार्टी ने मुख्यमंत्री पलनीस्वामी के इस्तीफे की मांग की है।

द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (द्रमुक) के कार्यकारी अध्यक्ष एम.के. स्टालिन ने घटना की निंदा करते हुए कहा कि पुलिस ने अत्याचार किया है। अभिनेता से नेता बने कमल हासन और रजनीकांत ने भी इस घटना की निंदा की है। मक्काल नीति मय्याम के प्रमुख कमल हासन ने कहा, “(स्टरलाइट कॉपर के) विस्तार की इजाजत ही नहीं दी जानी चाहिए थी। अगर संभव है तो इस इकाई को बंद करना ही अच्छा होगा। आवासीय और कृषि क्षेत्र के समीप प्लांट लगाने का कोई औचित्य नहीं है।”

रजनीकांत ने कहा, “यह समझ नहीं आ रहा है कि सरकार जिसने इस प्लांट की अनुमति दी थी, वह क्यों कोई कार्रवाई नहीं कर रही है और क्यों केवल मूकदर्शक बनी हुई है।” (इनपुट आईएएनएस)

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जेपी नड्डा का ममता पर हमला, कहा- संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा

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नई दिल्‍ली। भाजपा के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष जेपी नड्डा ने मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी पर तगड़ा हमला बोला है। उन्‍होंने कहा कि ममता दीदी ने बंगाल को क्‍या बना दिया है। जेपी नड्डा ने कहा कि संदेशखाली, ममता बनर्जी की निर्ममता और बर्बरता का संदेश चीख-चीख कर दे रहा है। ममता दीदी ने बंगाल को क्या बना दिया है? जहां रवींद्र संगीत गूंजना चाहिए था, वहां बम-पिस्तौल मिल रहे हैं।

संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा। इसी से समझ सकते हैं कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की सरकार ने किस तरह अराजकता फैला रखी है। मैं बंगाल के सभी भाजपा कार्यकर्ताओं और जनता से अपील करता हूं कि आप सभी संदेशखाली पर ममता बनर्जी से जवाब मांगे।

प्रधानमंत्री मोदी ने संदेशखाली की पीड़िता को पार्टी का टिकट देकर भाजपा महिला सशक्तिकरण के संदेश को मजबूती दी है। इसके साथ ही पीएम मोदी ने ममता बनर्जी को जवाब दिया है कि ये महिलाएं अकेली नहीं है उनके साथ पूरा समाज, पूरा देश खड़ा है। संदेशखाली में महिलाओं की इज्जत-आबरू और उनकी जमीनें बचाने के लिए वहां गई जांच एजेंसियों के अधिकारियों पर भी घातक हमला किया गया।

जेपी नड्डा ने आगे कहा, “मैं आज समाचार पढ़ रहा था कि संदेशखाली में तलाशी के दौरान सीबीआई ने तीन विदेशी रिवॉल्वर, पुलिस द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली एक रिवॉल्वर, बंदूकें, कई गोलियां और कारतूस बरामद किए हैं।” इसी से समझा जा सकता है कि ममता सरकार ने राज्य में किस तरह अराजकता फैला रखी है। उन्होंने पूछा कि क्या ममता बनर्जी जनता को डराकर, उनकी जान लेकर चुनाव जीतेंगी। क्या नेताजी सुभाष चंद्र बोस, रवीन्द्रनाथ टैगोर, स्वामी विवेकानंद और महर्षि अरबिंदो जैसे मनीषियों ने ऐसे बंगाल की कल्पना की थी।

संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा। ममता दीदी, यदि आपको ऐसा लगता है कि आप ऐसा करके चुनाव जीत जाएंगी तो ये आपकी भूल है। जनता आपको इसका करारा जवाब देगी। उन्होंने कहा कि हमने देखा कि ममता सरकार में तृणमूल कांग्रेस के शाहजहां शेख जैसे असामाजिक तत्व संदेशखाली में महिलाओं के अस्तित्व पर खतरा बने हुए हैं। महिलाओं के साथ जिस तरह का सलूक हो रहा है वह सच में बहुत ही संवेदनशील और कष्टदायी है।

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