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मुख्य समाचार

सार्थक बहस को तरसती संसद

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संसद के कई सत्र खत्मश, लैंड बिल, बीमा संशोधन बिल, दहेज अपराध निरोधक संशोधन बिल, सत्ताी पक्ष और विपक्ष, शरद यादव

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नई दिल्ली। एक के बाद एक संसद के कई सत्र खत्‍म होते जा रहे हैं लेकिन जनहित के मुद्दों पर किसी ठोस नतीजे पर पंहुचे बिना हमारे माननीय बेकार के सवालों की धींगामुश्‍ती में उलझे हुए हैं। कभी राजनैतिक जासूसी के आरोपों पर तो कभी महिला के रंग-रूप की विवादित टिप्‍पणी पर तो कभी किसी अन्‍य निरर्थक मसले पर देश के कर्णधार संसद का कीमती समय बर्बाद करते दिखाई पड़ते हैं। बताया जाता है कि संसद की एक मिनट की कार्यवाही पर हजारों रूपये का खर्च आता है, अब यह खर्च बेकार के बहस-मुबाहिसों में निकल जाय तो इस बात का जवाबदेह कौन देगा कि यह कीमती समय बर्बाद करने का जिम्‍मेदार कौन है?

आज देश के सामने कई गंभीर सवाल हैं मसलन लैंड बिल, बीमा संशोधन बिल, दहेज अपराध निरोधक संशोधन बिल जैसे कई बेहद अहम विधेयक कानून की शक्‍ल अख्तियार करने को तरस रहे हैं। जबकि सत्‍ता पक्ष और विपक्ष है कि मानता नहीं। अब संसद में इन विधयकों पर बहस के बाद इन्‍हें पास करवाने के जिम्‍मेदारी तो जरूर सत्‍तापक्ष की ही है लेकिन विपक्ष भी अपनी जिम्‍मदारियों से नहीं बच सकता। जनता ने उसे भी वोट दिया है और विपक्ष इस जनादेश को नहीं नकार सकता कि जनता ने उसे सशक्‍त विपक्ष की भूमिका निभाने के लिए जनादेश दिया है।

लैंड बिल को लेकर क्‍या समस्‍याएं हैं यह एक अलग विषय है लेकिन जनहित से जुड़े मुद्दों पर जिस तरह से विपक्ष और सत्‍तापक्ष के लोग बेकार के टकराव को जन्‍म दे रहे हैं उससे भुगतना तो देश की जनता को ही पड़ेगा। अच्‍छा हो यदि सत्‍ता पक्ष और विपक्ष मिल बैठकर कोई एक ऐसा रास्‍ता निकालें जिससे लैंडबिल पास हो सके और उसका लाभ सभी को मिले क्‍योंकि आखिरकार उद्देश्‍य तो जनता की सेवा ही है।

जहां तक विवादित टिप्‍पणी की बात है तो प्रथमतः ऐसी टिप्‍पणी की कड़े शब्‍दों में निंदा की जानी चाहिए जिससे किसी महिला के सम्‍मान को ठेस पंहुचती है। वैसे शरद यादव के लिए यह कोई नई बात नहीं, विवादित बयानों से उनका चोली-दामन का साथ रहा है। ऐसे वरिष्‍ठ सांसद से जो केंद्रीय मंत्री भी रहा हो ऐसे बेहूदा बयान की उम्‍मीद नहीं की जा सकती। शरद यादव के गृह राज्‍य बिहार में ही तमाम ऐसी समस्‍याएं हैं जिनका उत्‍तर संसद में खोजा जाना चाहिए लेकिन ऐसी किसी कोशिश के बजाय वो नित नए विवादों को जन्‍म देते रहते हैं।

अच्‍छा हो हमारे माननीय सांसद संसद का कीमती समय व राष्‍ट्रीय धन की बर्बादी न कर संसद को लोकतंत्र के मंदिर के रूप में स्‍थापित करने में प्राणपण से जुट जांय ताकि लोकतंत्र जीवित भी रहे और मजबूत भी।

नेशनल

सामने आई स्वाति मालीवाल की मेडिकल रिपोर्ट, शरीर के इन हिस्सों पर चोट के निशान

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नई दिल्ली। दिल्ली महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष और आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल के साथ हुई मारपीट के बाद उनका एम्स में मेडिकल टेस्ट कराया गया था, जिसकी रिपोर्ट आ गई हैं। रिपोर्ट देखकर पता चलता है कि स्वाति के शरीर पर चार जगह चोट लगी थी। एम्स की रिपोर्ट में सामने आया है कि स्वाति मालीवाल को ‘बाएं पैर के थाइस’ पर 3×2 सेंटीमीटर के आकार की चोट थी और उनके ‘दाहिनी आंख के नीचे दाहिने गाल’ पर 2×2 सेंटीमीटर आकार की एक और चोट थी।

एम्स के डॉक्टर आनंद गंगदेव द्वारा बनाई गई इस रिपोर्ट में कहा गया है कि मरीज द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक सीएम के आवास पर 13 मई को उनपर परिचित व्यक्ति ने हमला किया था. उन्हें कई बार थप्पड़ मारे गए और उनके सिर पर कठोर वस्तु से हमला किया गया और वह जमीन पर गिर गईं. उनके पेट, पेल्विस और चेस्ट पर पैर से कई बार मारा गया. मरीज फिलहाल जांघ और पेल्विस एरिया में दर्द की शिकायत कर रहा है।

सीएम केजरीवाल के आवास से विभव कुमार गिरफ्तार

दिल्ली पुलिस ने सीएम केजरीवाल के आवास से विभव कुमार को गिरफ्तार कर लिया है। उन्हें सिविल लाइन्स थाने लेकर जाया गया है। दिल्ली पुलिस को पहले ही बिभव कुमार के सीएम हाउस में होने का इनपुट मिला था। सूचना के बाद पुलिस टीम में एसएचओ सिविल लाइंस और एडिशनल डीसीपी नॉर्थ सीएम आवास पर पहुंचे थे। सूचना मिलने के बाद एक गाड़ी सीएम हाउस में पहुंची थी। दिल्ली पुलिस की टीम जब सीएम हाउस पर पहुंची तब वहां पर पहले से ही गेट खुले हुए थे। इस गाड़ी को गेट पर नहीं रोका गया और गाड़ी सीधा सीएम हाउस में चली गई। गाड़ी के लिए पहले से सीएम हाउस में मैसेज था। इसके बाद दिल्ली पुलिस की टीम सीधे सीएम हाउस में गई और फिर वहां से बिभव कुमार को गिरफ्तार कर लिया।

बता दें कि गिरफ्तारी से पहले ही बिभव कुमार ने एक मेल किया था, जिसमें उसने हर जांच के लिए साथ देने की बात कही थी। अपने मेल में बिभव कुमार ने लिखा कि ‘मैं हर जांच में सहयोग को तैयार हूं। मुझे मीडिया के माध्यम से FIR दर्ज होने के बारे में जानकारी हुई। अभी तक मुझे एफआईआर के बाद कोई नोटिस नहीं दिया गया है। मेरी शिकायत पर भी दिल्ली पुलिस संज्ञान ले।’

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