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टुकड़ों में बंटी समाजवादी पार्टी, बस औपचारिक ऐलान बाकी!
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी (सपा) में जारी पारिवारिक झगड़े से उपजा सियासी घमासान अपने चरम पर पहुंच गया है और पार्टी टूट के कगार पर है। हालांकि अभी टूट का औपचारिक ऐलान नहीं हुआ है लेकिन सोमवार को पार्टी बेहद अहम बैठक बुलाई है जिसमें अखिलेश और मुलायम के रास्ते अलग-अलग होने की औपचारिक घोषणा होना तय माना जा रहा है। मीडिया रिपोट्र्स की माने तो सपा प्रमुख मुलायम ने पार्टी में टूट की बात से द्रवित होकर बयान दिया है कि जो बाप का नहीं हुआ, वह बात का क्या होगा?
रविवार को सपा का संकट तब और गहरा गया, जब मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने चाचा शिवपाल यादव सहित चार मंत्रियों को सरकार से बाहर कर दिया। उधर पार्टी ने अखिलेश के नजदीकी माने जाने वाले पार्टी महासचिव व राष्ट्रीय प्रवक्ता रामगोपाल यादव को छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया।
अब मुलायम सिंह यादव की कोई जादुई तरकीब ही पार्टी को टूटने से बचा सकती है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सुबह अपने चाचा व वरिष्ठ मंत्री शिवपाल सिंह यादव को मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया। तीन अन्य मंत्रियों को भी सरकार से बाहर कर दिया गया। मुख्यमंत्री ने यह फैसला अपने आधिकारिक आवास पर मंत्रियों, विधायकों और विधान परिषद के सदस्यों की बैठक में लिया। सपा सूत्रों के अनुसार, बैठक में मुख्यमंत्री ने साफ तौर पर कहा कि जो भी अमर सिंह के साथ हैं, वे हटाए जाएंगे।
अखिलेश ने बैठक में शिवपाल सिंह यादव के साथ ही पर्यटन मंत्री ओम प्रकाश सिंह, खादी मंत्री नारद राय व एक अन्य मंत्री शादाब फातिमा को भी बर्खास्त किया। इन सभी को अमर सिंह का करीबी माना जाता है। वहीं, सूत्रों के अनुसार, छह मंत्रियों को बर्खास्त किया गया है, जिनमें मदन चौहान व गायत्री प्रजापति भी शामिल हैं। अमर सिंह की करीबी जयाप्रदा को भी फिल्म विकास परिषद की उपाध्यक्ष पद से बर्खास्त कर दिया गया है।
सूत्रों के मुताबिक, इस दौरान मुख्यमंत्री ने बेहद भावुक बयान दिया। उन्होंने कहा, नेताजी (मुलायम सिंह यादव) मेरे पिता हैं। मैं हमेशा उनकी सेवा करूंगा। मुख्यमंत्री अखिलेश ने कहा कि वह पार्टी नहीं तोड़ेंगे, साथ रहेंगे। लेकिन साजिश करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे। रथ चलेगा, कार्यक्रम में जाएंगे।
सूत्रों के अनुसार, हालांकि उन्होंने अमर सिंह के बारे में सख्त लहजे में कहा कि अमर सिंह ने घर में आग लगाई है, उन पर कार्रवाई होगी। गौरतलब है कि राजभवन से जिन मंत्रियों की बर्खास्तगी की सूची जारी की गई है, उसमें शिवपाल यादव, शादाब फातिमा, ओम प्रकाश सिंह और नारद राय के नाम शामिल हैं। वहीं, सपा सूत्रों का कहना है कि अखिलेश ने जो पहली सूची राजभवन भेजी थी, उसमें इन चारों मंत्रियों के नाम शामिल हैं, लेकिन बाद में उन्होंने दूसरी सूची राज्यपाल को भेजी, जिसमें मंत्री मदन चौहान व गायत्री प्रजापति को भी बर्खास्त कर दिया गया।
समाजवादी पार्टी (सपा) के भीतर मचे सियासी संग्राम के बीच सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने पार्टी महासचिव रामगोपाल यादव को पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया है। शिवपाल ने रामगोपाल पर गंभीर आरोप लगाते हुए उन्हें षड्यंत्रकारी बताया। इधर, सपा से निष्कासित रागोपाल यादव ने शिवपाल की तरफ से लगाए गए आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया।
सपा के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल ने रामगोपाल की बर्खास्तगी को लेकर एक बयान जारी किया है। बयान में उन्होंने लिखा है कि सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव के आदेश पर पार्टी महासचिव व राष्ट्रय प्रवक्ता रामगोपाल को पार्टी से छह वर्ष के लिए निष्कासित कर दिया है।
शिवपाल ने पत्र में कहा है, आप सबने प्रोफेसर साहब का पत्र पढ़ लिया होगा। वह यह सब इसीलिए कर रहे हैं, क्योंकि वह भाजपा से मिल गए हैं। रामगोपाल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक बड़े नेता से तीन बार मिल चुके हैं। वह ये सब इसलिए कर रहे हैं, क्योंकि उनके पुत्र अक्षय यादव एवं पुत्रवधु यादव सिंह घोटाले में फंसे हुए हैं। स्वयं को बचाने के लिए भाजपा के इशारे पर सपा को कमजोर करने की साजिश रच रहे हैं।
इस बीच, सपा से निष्कासित रागोपाल ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए शिवपाल की तरफ से लगाए गए आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, मेरे ऊपर किसी तरह का आरोप नहीं है और न ही किसी सीबीआई जांच का हिस्सा हूं। बेटे और बहू का नाम भी किसी भी जांच में नहीं है।
गौरतलब है कि महासचिव रामगोपाल यादव ने रविवार को एक और पत्र पार्टी कार्यकर्ताओं को लिखा, जिसमें उन्होंने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को सपा का भविष्य बताया है। रामगोपाल ने ‘प्यारे साथियों’ नाम से संबोधित पत्र में कहा है कि अखिलेश के साथ के लोगों ने पार्टी के लिए खून-पसीना बहाया और बड़े बलिदान दिए, जबकि दूसरी ओर ऐसे लोग हैं, जिन्होंने करोड़ों रुपये कमाए और सत्ता का दुरुपयोग किया।
नेशनल
अफ्रीकन दिखते हैं दक्षिण भारत के लोग… सैम पित्रोदा के बयान पर मचा बवाल, बीजेपी ने बोला हमला
नई दिल्ली। इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने पूर्वोत्तर और दक्षिण भारतीय लोगों को लेकर ऐसा बयान दे दिया है जिसपर बवाल मच गया है। सैम पित्रोदा ने कहा कि पूर्वोत्तर में रहने वाले लोग चीन जैसे दिखते हैं और दक्षिण में रहने वाले अफ्रीकन जैसे। दरअसल, सैम पित्रोदा का एक वीडियो सामने आया है.जिसमें वह कह रहे हैं कि भारत जैसे विविधता वाले देश में सभी एक साथ रहते हैं. वीडियो में उन्हें कहते देखा जा सकता है। वह कहते हैं कि यहां पूर्वी भारत के लोग चीन के लोगों जैसे, पश्चिम भारत में रहने वाले अरब जैसे और दक्षिण में रहने वाले अफ्रीकी लोगों जैसे दिखते हैं। उन्होंने कहा कि बावजूद इसके फिर भी हम सभी मिल-जुलकर रहते हैं।
इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा के इस बयान पर बीजेपी की ओर से असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने पलटवार किया। उन्होंने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट से उनके वीडियो को रीट्वीट करते हुए लिखा, “सैम भाई, मैं नॉर्थ ईस्ट से हूं और भारतीय जैसा दिखता हूं। हम एक विविधतापूर्ण देश हैं-हम अलग दिख सकते हैं लेकिन हम सभी एक हैं। हमारे देश के बारे में थोड़ा तो समझ लो!”
सैम पित्रोदा के कुछ ही दिन पहले दिए गए विरासत टैक्स वाले बयान पर चुनाव के बीच बवाल मचा था वहीं अब एक बार फिर उनके बयान पर विवाद खड़ा हो गया है। पिछले दिनों सैम पित्रोदा ने भारत में विरासत कर कानून की वकालत की था। धन के पुनर्वितरण की दिशा में नीति की आवश्यकता पर जोर देते हुए, पित्रोदा ने अमेरिका का हवाला दिया था। हालांकि कांग्रेस पार्टी ने इससे पल्ला झाड़ लिया था और इसे उनका निजी बयान बताया था।
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