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अन्तर्राष्ट्रीय

श्रीलंका में भारतवंशी अमेरिकी राजदूत अतुल केशप

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वाशिंगटन| राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक रिचर्ड राहुल वर्मा को भारत में अमेरिका का राजदूत नियुक्त करने के बाद एक और भारतवंशी को दो देशों के राजदूत के रूप में नियुक्त किया है। विदेश सेवा के वरिष्ठ अधिकारी अतुल केशप को श्रीलंका तथा मालदीव का राजदूत नियुक्त किया गया है।

ओबामा ने तीन अन्य लोगों के साथ अतुल की नियुक्ति की घोषणा करते हुए कहा, “मैं इस बात से सम्मानित महसूस कर रहा हूं कि इन प्रतिभाशाली लोगों ने हमारे देश की सेवा का फैसला किया है। वे इस प्रशासन में सालों पुराना अपना अनुभव और विशेषज्ञता लेकर आए हैं और मैं उनके साथ काम करने को लेकर उत्सुक हूं।”

केशप फिलहाल ब्यूरो ऑफ साउथ एंड सेंट्रल एशियन अफेयर्स में उप सहायक विदेश मंत्री के रूप में कार्यरत हैं। केशप, निशा देसाई बिस्वाल को सहयोग देते हैं, जो ब्यूरो की पहली भारतंवशी प्रमुख हैं।

केशप की नियुक्ति के साथ भारतवंशी दक्षेस के आठ में से तीन देशों में अमेरिकी राजनयिक के रूप में सेवाएं देंगे। एक अन्य भारतवंशी अमेरिकी पुनीत तलवार राजनीति-सैन्य मामलों के सहायक मंत्री हैं।

अरुण माधवन कुमार सहायक वाणिज्य मंत्री और अमेरिका एवं विदेश वाणिज्य सेवा के महानिदेशक हैं।

केशप पूर्व में 2012-13 के बीच ब्यूरो ऑफ ईस्ट एशियन एंड पेसिफिक अफेयर्स के एशिया प्रशांत आर्थिक सहयोग में विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी के रूप में काम कर चुके हैं।

वर्ष 2010 से 2012 के बीच वह भारत, नेपाल, बांग्लादेश, श्रीलंका, भूटान और मालदीव के लिए ब्यूरो ऑफ साउथ एवं सेंट्रल एशियन अफेयर्स के निदेशक रह चुके हैं।

इससे पहले केशप 2008-2010 तक ब्यूरो ऑफ इंटरनेशनल आर्गेनाइजेशन अफेयर्स में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार के निदेशक रह चुके हैं और नई दिल्ली में 2005 से 2008 के बीच अमेरिकी दूतावास के उप राजनीतिक परामर्शदाता के रूप में सेवा दे चुके हैं।

अन्तर्राष्ट्रीय

भारत में अवसरों की भरमार, पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 सालों में देश ने अच्छी प्रगति की : वॉरेन बफे

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नई दिल्ली। बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफे भारत की निवेश की संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने रविवार को कंपनी की सालाना बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में अवसरों की भरमार हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ने सभी आर्थिक मानदंडों में अच्छी प्रगति की है। अब लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर (अनुमान वित्त वर्ष 2023-24) की जीडीपी के साथ भारत आर्थिक रूप से पांचवां सबसे बड़ा देश है। एक दशक पहले देश 1.9 ट्रिलियन डॉलर (मौजूदा बाजार मूल्य) की जीडीपी के साथ भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस 10 साल की यात्रा में कई रिफॉर्म हुए जिसने देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाया है।

रविवार को अपनी कंपनी की वार्षिक बैठक में वॉरेन बफेट ने कहा, भारत में नई संभावनाओं का पता लगाएं। यहां ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जिनको सर्च नहीं किया गया है या यहां मौजूद अवसरों पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि भारत में बहुत सारे अवसर हैं। सवाल यह है कि क्या हमें उनके बारे में जानकारी है, जिसमें हम भाग लेना चाहेंगे। बफेट देश में संभावित प्रवेश की तलाश में हैं। भारत की जीडीपी ग्रोथ एक नए शिखर पर पहुंचने के लिए तैयार है। विनिर्माण और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों ने फिर से सुधार देखना शुरू कर दिया है और जीएसटी कलेक्शन नई ऊंचाई हासिल कर रहा है।

आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी ग्रोथ महामारी से पहले 2020 के दौरान दर्ज की गई 7 प्रतिशत से ऊपर बढ़ने के संकेत हैं। आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 2004 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 635 डॉलर थी। 2024 में देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 2,850 डॉलर हो गई है, जो इसके समकक्ष देशों के लिए 6,770 डॉलर का 42 प्रतिशत है। इस महीने की शुरुआत में जारी एचएसबीसी सर्वे के अनुसार, मजबूत मांग के कारण भारत का विनिर्माण सेक्टर अप्रैल में मजबूत गति से बढ़ा। इसके अलावा विश्व चुनौतियों के बावजूद, एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न के साथ देश ग्लोबल स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है।

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