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शारदा घोटाला : आरोप साबित हुए तो इस्तीफा दे दूंगी

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नई दिल्ली| पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को कहा कि अगर शारदा घोटाले में उनपर लगे सांठ-गांठ के आरोप सही साबित हो जाते हैं, तो वह अपने पद से इस्तीफा देने के लिए तैयार हैं। हेडलाइंस टुडे को दिए गए विशेष साक्षात्कार में ममता बनर्जी ने दावा किया कि इस मामले में छिपाने के लिए उनके पास कुछ भी नहीं है।
शारदा समूह से करीबी के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा, “किसने कहा? पहले आपको इस बात को साबित करना होगा, आपको सबूत दिखाने होंगे। आपने अगर साबित कर दिया, मैं इस्तीफा देने को तैयार हूं।”

उन्होंने कहा कि इस चिट-फंट घोटाले की शुरुआत वाम दल की सरकार के समय हुई थी। उन्होंने कहा, “यह मार्कस्वादी कम्युनिष्ट पार्टी (माकपा) के समय का मामला है, वामपंथी सरकार के समय का हमारे समय का नहीं। हमने घोटाले में शामिल लोगों को गिरफ्तार किया। हमने न्यायिक जांच बैठाई। हमने पांच लाख लोगों का पैसा वापस किया। हमारे ऊपर आरोप लगाना सरासर गलत है।” ममता ने हालांकि कहा कि उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस केंद्र में सांप्रदायिक ताकतों को रोकने के लिए वामदलों के साथ हाथ मिलाने के लिए तैयार हैं।

उन्होंने कहा, “वामपंथ का बंगाल से खात्मा हो गया है। उनकी विचारधारा अलग है, हमारी विचारधारा अलग।” तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि कांग्रेस को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को रोकने के लिए धर्मनिरपेक्ष संगठन बनाकर उसकी अगुआई करनी होगी और क्षेत्रीय दलों से हाथ मिलाना होगा। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम न लेते हुए उन पर भी हमला बोला और उन पर स्वार्थ की राजनीति करने का आरोप लगाया।

उन्होंने कहा कि मैं स्वार्थ की राजनीति में भरोसा नहीं रखती। मेरा मानना है कि अगर आप अच्छा काम करना चाहते हो तो लोग आपको मान्यता जरूर देंगे। उन्होंने कहा कि मोदी का स्वच्छ भारत अभियान एक पुराना अभियान है। उन्होंने भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर वर्धमान बम विस्फोट पर राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि वे देश को सांप्रदायिकता के आधार पर बांटना चाहते हैं। उन्होंने कहा, “यह भाजपा और आरएसएस की रणनीति है। वे देश को बांटना चाहते हैं। वर्धमान विस्फोट में शामिल लोगों को मेरी पुलिस ने गिरफ्तार किया न कि एनआईए ने।”  भाजपा अध्यक्ष अमित शाह द्वारा 2016 के बंगाल विधानसभा चुनावों को अपना अगला लक्ष्य बनाने की रपटों पर ममता ने कहा, “ये अमित शाह कौन है? मैं किसी अमित शाह को नहीं जानती।”

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बेंगलुरु इस्कॉन मंदिर में मनाया जा रहा है 25वीं रजत जयंती का ब्रम्ह महोत्सव

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लखनऊ। बेंगलुरु “इस्कॉन मंदिर” में भगवान और समाज की सेवा की “25वीं रजत जयंती” के वर्षों को 21 अप्रैल से 03 मई तक चिह्नित करते हुए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि का अविस्मरणीय अलौकिक दिव्य-भव्य “ब्रम्ह महोत्सव” पूजा-अर्चना समारोह आयोजित* हुआ है।

इस दरम्यान *प्रभु मधु पंडित व प्रभु चंचल पति , प्रभु लक्ष्मीपति और प्रभु अनंतवीर्य ने अपने-अपने विचारों से अवगत कराया।

सभी भक्तों को बताया कि *प्रभु पाद जी के त्याग और समर्पण भाव से प्रेरणा* लेनी चाहिए। उन्होंने साथ ही यह भी बताया गृहस्थ जीवन में भी सभी को नियमित ब्रम्हमुहूर्त में महामंत्र का जाप करना चाहिए। श्रीकृष्ण जी की गीता वाणी का अध्ययन करके अपने जीवन में आत्मसात करना चाहिए। इस्कॉन मंदिर में काफी संख्या में भक्तगण राधा कृष्ण का दर्शन करके प्रसादम् और आशीर्वाद लेते हैं। संध्या काल में राधा-कृष्ण पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं। मंदिर में अन्य दिनों की अपेक्षा प्रत्येक शनिवार और रविवार को सभी आयु वर्गों के भक्तों की अत्यधिक उपस्थिति रहती है।

*बेंगलुरु में इस्कॉन मंदिर श्री कृष्ण भगवान और समाज की सेवा के 25वीं रजत जयंती के वर्षों को चिह्नित करते हुए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि का “ब्रम्ह महोत्सव का उत्सव” 21 अप्रैल से 03 मई तक मनाया* जा रहा है। इसमें भाग लेने के लिए संपूर्ण भारत के विभिन्न राज्यों से भक्तजन आते हैं।

*इस्कॉन का हरे कृष्ण मंदिर*
इस्कॉन मंदिर (*International Society for Krishna Consciousness) बेंगलुरु की खूबसूरत इमारतों में से एक है*। इस इमारत में कई अत्याधुनिक सुविधाओं में *मल्टी-विजन सिनेमा थियेटर, कम्प्यूटर सहायता प्रस्तुतिकरण थियेटर एवं वैदिक पुस्तकालय और उपदेशात्मक पुस्तकालय* है। इस *मंदिर के अनुयाई सदस्यों व गैर-सदस्यों* के लिए यहां रहने की भी काफी उत्तम सुविधा उपलब्ध है। मालूम हो कि अपनी विशाल सरंचना के कारण *इस्कॉन मंदिर बेंगलुरु में बहुत प्रसिद्ध* है और इसीलिए *बेंगलुरु का सबसे मुख्य पर्यटन स्थान* भी है। इस मंदिर में आधुनिक और *वास्तुकला का दक्षिण भरतीय मिश्रण परंपरागत रूप से पाया जाता* है। मंदिर में अन्य संरचनाएं *बहु दृष्टि सिनेमा थिएटर और वैदिक पुस्तकालय*। मंदिर में भक्तों के लिए रहने कि सुविधाएं भी उपलब्ध है।

*इस्कॉन मंदिर के बैंगलुरु में छ: मंदिर हैं*

*राधा-कृष्ण मंदिर (मुख्य मंदिर)*
*कृष्ण-बलराम मंदिर,*
*निताई गौरंगा मंदिर (चैतन्य महाप्रभु और नित्यानन्दा),*
*श्रीनिवास गोविंदा (वेंकटेश्वरा)*
*प्रहलाद-नरसिंह मंदिर एवं श्रीला प्रभुपादा मंदिर*
*बैकुंठ हिल में तिरुपति बालाजी मंदिर और योग व भोग नरसिम्हा मंदिर*
उत्तर बेंगलुरु के राजाजीनगर में स्थित *राधा-कृष्ण का मंदिर दुनिया का सबसे बड़ा इस्कॉन मंदिर है*। इस *मंदिर का शंकर दयाल शर्मा ने सन् 1997 में उद्घाटन* किया था।

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