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अन्तर्राष्ट्रीय

वेनेजुएला में विरोध–प्रदर्शनों में 37 लोग मरे

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वेनेजुएला, 37 मरे, राष्ट्रपति निकोलस मडुरो, सोशलिस्ट पार्टी ऑफ वेनेजुएला (पीएसयूवी),

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कराकस वेनेजुएला में एक अप्रैल से सरकार के खिलाफ जारी विरोध प्रदर्शनों में अब तक 37 लोगों की मौत हो गई है। राष्ट्रपति निकोलस मडुरो के समर्थकों ने शांति के लिए और आतंकवाद के विरोध में मार्च का आह्वान किया। इसमें सत्तारूढ़ युनाइटेड सोशलिस्ट पार्टी ऑफ वेनेजुएला (पीएसयूवी) के सदस्य शामिल हैं।

वेनेजुएला, 37 मरे, राष्ट्रपति निकोलस मडुरो, सोशलिस्ट पार्टी ऑफ वेनेजुएला (पीएसयूवी),

विपक्षी पार्टी डेमोक्रेटिक यूनिटी राउंडटेबल (एमयूडी) का समर्थन कर रही महिलाओं ने सरकार की दमन की नीति के खिलाफ एकजुट होने का आह्वान किया है। गौरतलब है कि शनिवार को स्थानीय समयानुसार सुबह 10 बजे विपक्ष के नेता लियोपोल्डो लोपेज की पत्नी लिलियन टिंटोरी के नेतृत्व में विपक्षी धड़े का ‘मार्च ऑफ द वुमेन’ शुरू हुआ। लियोपोल्डो जेल में बंद हैं।

देश में शनिवार को हुए इन विरोध प्रदर्शनों से तनाव बढ़ गया है। विपक्षी धड़ा मडुरो सरकार को देश की राजनीति एवं आर्थिक अस्थिरता और सामाजिक संकट के लिए जिम्मेदार ठहरा रहा है। मडुरो प्रशासन ने इस सप्ताह विपक्ष पर आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त रहने का आरोप लगाया है। सरकार ने शुक्रवार को हेक्डर लुगो (20) की मौत की पुष्टि की।

लुगो गुरुवार को विपक्ष के प्रदर्शनों के दौरान घायल हो गया था जिसके बाद से विरोध प्रदर्शनों में मृतकों की संख्या बढ़कर 37 हो गई है। गृह, न्याय एवं शांति मंत्री नेस्टर रेवेरोल के मुताबिक, 135 दुकानों को लूट लिया गया है। सुरक्षा संगठनों ने इस लूट के लिए 45 आपराधिक गिरोहों की पहचान की है।

अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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