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विदर्भ में ‘पदयात्रा’ पर निकले राहुल गांधी, किसानों से की मुलाकात

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नागपुर। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र में 15 किलोमीटर की ‘पदयात्रा’ शुरू की। यहां वह उन किसानों के परिवार वालों से मुलाकात करेंगे, जिन्होंने फसल बर्बाद हो जाने के कारण खुदकुशी कर ली थी। राहुल बुधवार रात नागपुर पहुंचे और पदयात्रा शुरू करने के लिए गुरुवार सुबह अमरावती शहर से 50 किलोमीटर दूर गुंज गांव की तरफ रवाना हुए।

गुंज गांव की तरफ जाने के दौरान सड़क के दोनों ओर मौजूद लोगों ने उनका अभिवादन किया। राहुल ने उनमें से कुछ लोगों से बात की और उनकी समस्या को जानने की कोशिश की। पार्टी के एक पदाधिकारी ने बताया कि राहुल पांच गांवों का दौरा करेंगे और बेमौसम बारिश से फसलों की बरबादी झेल चुके किसानों से मुलाकात करेंगे। उनके साथ महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अशोक चव्हान भी मौजूद हैं।
महाराष्ट्र उन राज्यों में शामिल है जहां फसलें बर्बाद हुई हैं और विदर्भ के अमरावती क्षेत्र में इस साल कई किसानों ने आत्महत्या कर ली है। पंजाब के बाद महाराष्ट्र दूसरा राज्य है, जहां का दौरा राहुल किसानों से मिलने और केंद्र सरकार के विवादित भूमि अध्यादेश विरोधी प्रचार के लिए कर रहे हैं।

बता दें कि पिछले एक दशक में अमरावती में कई किसानों ने आत्महत्या की है। सिंचाई की व्यवस्था न होने की वजह से यहां पर किसानों को सबसे ज्यादा समस्या होती है। वहीं, इस बार बेमौसम बारिश ने किसानों की खड़ी फसल को नुकसान पहुंचाया है। कांग्रेस का दावा है कि पिछले दो तीन महीनों में यहां पर 100 से ज्यादा किसानों ने आत्महत्या की है। महाराष्ट्र के विदर्भ के 11 जिलों में यवतमाल को आत्महत्या का केंद्र कहा जाता था, लेकिन अब कहा जा रहा है कि अमरावती में यह केंद्र शिफ्ट हो गया है।

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अमेठी से राहुल गांधी के न लड़ने पर आया स्मृति ईरानी का बयान, कही ये बात

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अमेठी। अमेठी से बीजेपी उम्मीदवार स्मृति ईरानी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना साधा है। स्मृति ईरानी ने कहा कि अमेठी से गांधी परिवार का ना लड़ना इस बात का संकेत है कि कांग्रेस पार्टी चुनाव में वोट पड़ने से पहले ही अमेठी से अपना हार स्वीकार कर चुकी है।

स्मृति ईरानी ने कहा, “मेहमानों का स्वागत है। हमलोग अतिथियों के स्वागत में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे, इतना ही कह दूं कि अमेठी से गांधी परिवार का ना लड़ना इस बात का संकेत है कि कांग्रेस पार्टी चुनाव में वोट पड़ने से पहले ही अमेठी से अपना हार स्वीकार कर चुकी है। अगर उन्हें लगता कि यहां जीत की कोई भी गुंजाइश हो तो वे यहां से लड़ते।

वहीँ इस मामले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कांग्रेस पर हमला बोला है। मोदी ने पश्चिम बंगाल के बर्धमान में एक चुनावी रैली में कहा कि राहुल गांधी अमेठी से चुनाव लड़ने से डर गए हैं। यही वजह है कि उन्होंने इस बार अमेठी की जगह रायबरेली से चुनाव लड़ने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि राहुल से पहले सोनिया गांधी भी डरकर राजस्थान चली गई थीं।

वहीं कांग्रेस ने अपने इस फैसले का बचाव किया है। इन आलोचनाओं का जवाब कांग्रेस मीडिया सेल के प्रमुख जयराम रमेश ने एक्स पर कहा, ”राहुल गांधी जी की रायबरेली से चुनाव लड़ने की खबर पर बहुत सारे लोगों की बहुत सारी राय है लेकिन वह राजनीति और शतरंज के मंझे हुए खिलाड़ी हैं। वे सोच-समझ कर दांव चलते हैं। ऐसा निर्णय पार्टी के नेतृत्व ने बहुत विचार-विमर्श कर बड़ी रणनीति के तहत लिया है।

उन्होंने लिखा है,” इस निर्णय से बीजेपी,उसके समर्थक और चापलूस धराशायी हो गए हैं.बेचारे स्वयंभू चाणक्य जो ‘रंपरागत सीट’की बात करते थे, उनको समझ नहीं आ रहा अब क्या करें? रायबरेली सिर्फ सोनिया जी की नहीं, खुद इंदिरा गांधी जी की सीट रही है.यह विरासत नहीं ज़िम्मेदारी है, कर्तव्य है।

उन्होंने लिखा है, ”रही बात गांधी परिवार के गढ़ की, तो अमेठी-रायबरेली ही नहीं, उत्तर से दक्षिण तक पूरा देश गांधी परिवार का गढ़ है। राहुल गांधी तो तीन बार उत्तर प्रदेश से और एक बार केरल से सांसद बन गए, लेकिन मोदी जी विंध्याचल से नीचे जाकर चुनाव लड़ने की हिम्मत क्यों नहीं जुटा पाए?”

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