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जुर्म

नेशनल हेराल्ड केस: बढ़ सकती हैं राहुल गांधी की मुश्किलें, मंडराया गिरफ्तारी का खतरा

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नई दिल्ली। नेशनल हेराल्ड केस में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। जैसे-जैसे पूछताछ का समय बढ़ता जा रहा है, राहुल पर गिरफ्तारी का खतरा मंडराता जा रहा है।

ईडी के विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक, राहुल गांधी से हो रही तीसरे दिन की पूछताछ में कई सवाल, बार-बार दोहराए जा रहे हैं। वजह, जांच एजेंसी को उनका सटीक जवाब नहीं मिल सका है। करीब दस सवाल ऐसे हैं, जिन्होंने राहुल गांधी को ‘असहज’ स्थिति में ला दिया है।

दूसरी तरफ बुधवार को राहुल गांधी की पेशी के दौरान दिल्ली पुलिस की कार्रवाई कुछ नया इशारा कर रही है। तीसरे दिन की पेशी पर दिल्ली पुलिस ने कांग्रेस मुख्यालय एवं दूसरे मार्गों की जबरदस्त किलेबंदी की है।

हरियाणा से राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा को उनके आवास से बाहर नहीं निकलने दिया गया। वहां पर उनके सैंकड़ों समर्थक भी मौजूद रहे। इसी तरह से कई दूसरे नेताओं की घेराबंदी की गई। ईडी के पूर्व अधिकारी का कहना है, अभी सोनिया गांधी से पूछताछ बाकी है। संभव है कि उसके बाद किन्हीं दस्तावेजों के आधार पर या कोर्ट के आदेश पर राहुल को गिरफ़्तार किया जा सकता है।

ईडी ने पूछे ये सवाल

ईडी सूत्रों ने बताया, राहुल गांधी से लगातार यह सवाल पूछा जा रहा है कि यंग इंडिया की प्रॉपर्टी का पैसा कौन इस्तेमाल कर रहा है। हालांकि राहुल ने इस बाबत वही जवाब दिया, जिसे पार्टी नेता रणदीप सुरजेवाला अपनी प्रेसवार्ता में दोहरा चुके थे।

दूसरा सवाल- जिस कंपनी से लोन लिया गया है, उससे आपका क्या रिश्ता है। इस सवाल के कई उप भाग भी रहे। जैसे इस कंपनी को किसने बनाया है। इसके बोर्ड ऑफ डायरेक्टर कौन हैं। क्या वे अब बदल गए हैं। बोर्ड ऑफ डायरेक्टर की बैठक कब हुई थी। बैठक के मिनट्स क्या थे।

तीसरा सवाल- क्या आपको मालूम है कि आपने अनसिक्योर्ड लोन लिया है। उस कंपनी के प्रमोटर कौन हैं। क्या आप उस कंपनी की मुखौटा कंपनियों से अवगत हैं। कंपनी के निदेशक से आपकी बैठक हुई है या नहीं।

चौथा सवाल- डोटेक्स मर्चेंडाइज प्राइवेट लिमिटेड से आपने लोन लिया है, तो आप कंपनी के पदाधिकारियों को भी जानते होंगे। कंपनी में आपको कौन जानता है, कब से जानता है। आपकी उनसे मुलाकात कहां हुई है।

पांचवां सवाल- आपको उस कंपनी ने बिना गारंटी के लोन क्यों दे दिया। इसके पीछे क्या वजह रही।

छठा सवाल- क्या लोन लेने से पहले आपने कंपनी के अधिकारियों के साथ कोई बैठक की थी। यदि हां तो वह बैठक कहां हुई थी? कब हुई थी और उस वक्त कौन-कौन लोग मौजूद थे? क्या आपने लोन से पहले कंपनी को अप्रोच किया था। अगर अप्रोच किया था तो कब किया था।

सातवें सवाल-आपने किसकी मदद से कंपनी को संपर्क किया था। याद करें कि सबसे पहले आपकी बात किससे हुई थी। ये बताएं, आपने लोन के लिए सबसे पहले ईमेल के जरिए कंपनी से संपर्क किया था, फोन किया था या फैक्स भेजा था।

इसके बाद जब कंपनी का जवाब आया तो पहली बैठक कहां पर हुई थी। आखिर वह कंपनी आपको लोन देने पर सहमत कैसे हो गई।

आठवां सवाल- कंपनी में वह कौन शख्स था, जिसने आपको लोन दिलाने की राह आसान बनाई। क्या आपको मालूम है कि आयकर विभाग ने उस कंपनी को हवाला कारोबारी बताया था। जांच एजेंसी ने पूछा, क्या उस कंपनी के लोग और कांग्रेस के लोग करीबी थे।

नौवां सवाल- 90 करोड़ रुपये, जो कांग्रेस ने आपको दिए, क्या उसका निजी इस्तेमाल किया गया है। चूंकि कंपनी में 78 फीसदी होल्डिंग दो लोगों की हैं। उसमें आप भी हैं। बाकी होल्डर को कितना शेयर आज तक मिल सका है।

दसवां सवाल- किसने और किसके समक्ष, होल्डिंग के कागजात ट्रांसफर किए गए थे। छपाई का काम बंद हो गया। कंपनी पर कर्जा बढ़ता चला गया, क्या ये बहाना बनाया गया था? कंपनी को बंद करने की बजाए नीलाम क्यों नहीं किया गया?  इससे आपको पैसे मिल सकते थे। लोन भी नहीं लेना पड़ता। कर्ज चुकाने के लिए कंपनी को नीलाम करने की बजाए, आपने लोन ले लिया। कंपनी ने आपसे कोई गारंटी भी नहीं ली। आपने बिना ब्याज के कर्जा कैसे ले लिया?

उत्तर प्रदेश

मेरी पत्नी से शिक्षक का था अफेयर, इसलिए मार डाला; वकील के कबूलनामे से आया नया ट्विस्ट

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कानपुर। उप्र के कानपुर के पनकी के पतरसा में शिक्षक दयाराम सोनकर की हत्या के आरोप में गिरफ्तार वकील संजीव कुमार के बयान ने पेंच फंसा दिया है। वकील ने जो बयान दिया, उसके मुताबिक शिक्षक के उसकी पत्नी से अवैध संबंध थे। चूंकि शिक्षक वर्तमान में कानपुर देहात में ही रह रहा था।

इसके चलते पत्नी भी कानपुर देहात स्थित मायके में ही थी। इसलिए उसने रविवार को दयाराम को बुलाकर अकेले ही बंद कमरे में जिंदा जलाकर मार डाला। वहीं, मृतक के भाई का कहना है कि भाभी के संबंध ढाबा संचालक से थे। विरोध करने पर भाभी ने प्रेमी और वकील के साथ मिलकर भाई की हत्या कर दी।

मृतक दयाराम के छोटे भाई अनुज ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि भाई दयाराम ने अपने मोबाइल फोन से उन्हें कॉल करके बताया था कि संजीव, पवन और संगीता ने उन्हें कमरे में बंद करके आग लगा दी है और भाग गए हैं। तहरीर के आधार पर पुलिस ने जब वकील संजीव को उठाकर पूछताछ शुरू की तो कहानी में नया मोड़ आ गया।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक संजीव ने बताया कि दयाराम जिस कॉलेज में पढ़ाता था, उसी में संजीव का साला शिक्षक है। दोनों में गहरी दोस्ती थी। दयाराम का संजीव के साले के घर में भी आना-जाना था। संजीव को दयाराम और उसकी पत्नी के बीच अवैध संबंध का शक था।

संजीव के अनुसार, पत्नी को कई बार घर लाने की कोशिश की, लेकिन वो राजी नहीं हुई। पत्नी से संबंधों को लेकर बातचीत के लिए दयाराम को घर बुलाया। इसके बाद पेट्रोल डालकर आग लगा दी। हालांकि, पुलिस को अन्य हत्यारोपियों की घटनास्थल के आसपास लोकेशन भी नहीं मिली है। दोनों कहानियों की तह तक जाने के लिए पुलिस अब सक्ष्यों की मदद ले रही है।

संजीव कई बार बुला चुका था दयाराम को

अनुज ने बताया कि संजीव कई बार दयाराम को फोन करके उसकी पत्नी से समझौता कराने की बात कहकर बुला चुका था। परिवार वालों की राय के बाद वे समझौते के लिए गए थे, वहां सभी ने मिलकर उनके भाई की हत्या कर दी।

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