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लौट आया है ‘भारत का चीता’, आतंकवादियों से मुठभेड़ के दौरान लगी थीं 9 गोलियां

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नई दिल्ली। उत्तर कश्मीर के बांदीपोरा के हाजिन क्षेत्र में गोली लगने के बावजूद आतंकवादियों से लोहा लेने वाले जांबाज सीआरपीएफ के जवान कमांडेंट चेतन चीता दोबारा ड्यूटी पर लौट आए हैं। उन्होंने बीते हफ्ते दिल्ली में सीआरपीएफ हेडक्वार्टर में ड्यूटी संभाली।

चेतन चीता ने कहा कि वह ‘दोबारा अपनी ड्यूटी संभालने से वो बेहद खुश हैं। आपको बता दें कि बीते साल आतंकवादियों के साथ भीषण गोलीबारी में चेतन गंभीर रुप से घायल हो गए थे।

घायल चेतन चीता का जीवित बच जाना किसी चमत्कार से कम नहीं था। इस जांबाज अधिकारी को 14 फरवरी 2017 को हुई मुठभेड़ के दौरान 9 गोलियां लगी थीं। बांदीपोरा के हाजिन क्षेत्र में सीआरपीएफ की ओर से सर्च ऑपरेशन किया जा रहा था। उसी वक्त आतंकवादियों ने सर्च टीम पर गोलियां चलाना शुरू कर दिया।

सीआरपीएफ की 45वीं बटालियन के कमांडेंट चेतन चीता 9 गोलियां लगने के बावजूद भी आतंकवादियों से लोहा लेते रहे। यह उनके साहस का ही कमाल था कि आतंकवादी अपने मंसूबे में नाकाम रह गए।

चेतन चीता को दूसरे सबसे बड़े वीरता पदक ‘कीर्ति चक्र’ से बीते साल सम्मानित किया जा चुका है। चेतन चीता ने भारत के युवाओं से कहा कि वो चाहते हैं कि युवा देश को अपना 100 फीसदी दें। चेतन चीता ने कहा, ‘जम्मू और कश्मीर में स्थिति संभलने में कुछ समय लगेगा. एक जवान इतना ज्यादा ही कर सकता है। इसके लिए मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति होनी चाहिए।’

चेतन चीता बीते एक साल मे अपनी रिकवरी के दौरान कई बार दोहरा चुके हैं कि कश्मीर समस्या का सिर्फ राजनीतिक समाधान ही हो सकता है। आतंकवादियों के खिलाफ ऑपरेशन में एक आंख खो चुके चेतन चीता अपने हाथ में संवेदना दोबारा लाने के लिए भारी फिजियोथिरेपी ट्रीटमेंट ले रहे हैं। उनके हाथ में गोली का निशान साफ देखा जा सकता है जहां से मांस कट कर अलग हो गया था।

वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि चेतन चीता को पूरी तरह सामान्य होने में एक या दो साल लग सकते हैं। चेतन चीता का जुझारूपन उनके एक एक शब्द से झलकता है। उनका कहना है, ‘मेरी फिजियोथिरेपी चल रही है। और मैं फाइटिंग फिट हूं। अगर मेरी फोर्स और मेरा देश चाहता है कि मैं फील्ड में जाऊं और ऑपरेशन में हिस्सा लूं तो मेरी तरफ से कोई हिचक नहीं होगी।’

ड्यूटी पर लौटने से पहले ही इस बहादुर ऑफिसर ने माउंट आबू में सीआरपीएफ एकेडेमी में जाकर जवानों को मॉटिवेशनल स्पीच दी थी।चेतन चीता ने बताया कि उनके इतनी जल्दी दोबारा ड्यूटी शुरू करने से उनकी पत्नी उमा, परिवार ने चिंता व्यक्त की थी। चेतन चीता ने कहा, मेरा परिवार चिंतित है, मेरी पत्नी चिंतित है. लेकिन मैं जानता हूं कि मैं जितनी जल्दी अपना काम दोबारा शुरू करूंगा, उतनी जल्दी ही मैं रिकवर हूंगा।’

 

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अफ्रीकन दिखते हैं दक्षिण भारत के लोग… सैम पित्रोदा के बयान पर मचा बवाल, बीजेपी ने बोला हमला

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नई दिल्ली। इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने पूर्वोत्तर और दक्षिण भारतीय लोगों को लेकर ऐसा बयान दे दिया है जिसपर बवाल मच गया है। सैम पित्रोदा ने कहा कि पूर्वोत्तर में रहने वाले लोग चीन जैसे दिखते हैं और दक्षिण में रहने वाले अफ्रीकन जैसे। दरअसल, सैम पित्रोदा का एक वीडियो सामने आया है.जिसमें वह कह रहे हैं कि भारत जैसे विविधता वाले देश में सभी एक साथ रहते हैं. वीडियो में उन्हें कहते देखा जा सकता है। वह कहते हैं कि यहां पूर्वी भारत के लोग चीन के लोगों जैसे, पश्चिम भारत में रहने वाले अरब जैसे और दक्षिण में रहने वाले अफ्रीकी लोगों जैसे दिखते हैं। उन्होंने कहा कि बावजूद इसके फिर भी हम सभी मिल-जुलकर रहते हैं।

इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा के इस बयान पर बीजेपी की ओर से असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने पलटवार किया। उन्होंने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट से उनके वीडियो को रीट्वीट करते हुए लिखा, “सैम भाई, मैं नॉर्थ ईस्ट से हूं और भारतीय जैसा दिखता हूं। हम एक विविधतापूर्ण देश हैं-हम अलग दिख सकते हैं लेकिन हम सभी एक हैं। हमारे देश के बारे में थोड़ा तो समझ लो!”

सैम पित्रोदा के कुछ ही दिन पहले दिए गए विरासत टैक्स वाले बयान पर चुनाव के बीच बवाल मचा था वहीं अब एक बार फिर उनके बयान पर विवाद खड़ा हो गया है। पिछले दिनों सैम पित्रोदा ने भारत में विरासत कर कानून की वकालत की था। धन के पुनर्वितरण की दिशा में नीति की आवश्यकता पर जोर देते हुए, पित्रोदा ने अमेरिका का हवाला दिया था। हालांकि कांग्रेस पार्टी ने इससे पल्ला झाड़ लिया था और इसे उनका निजी बयान बताया था।

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