अन्तर्राष्ट्रीय
रूस के मेट्रो स्टेशनों में बड़ा धमाका, 10 की मौत कई घायल
सेंट पीटर्सबर्ग । रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में दो मेट्रो स्टेशनों पर सोमवार की शाम बम धमाका हुआ। इन धमाके में 10 लोगों के मारे जाने की खबर है, जबकि कई लोग घायल भी हुए हैं। हताहतों में बच्चे की बताए जा रहे हैं। इन धमाकों में हताहतों की संख्या की आशंका जताई जा रही है। वहीं शहर के सभी मेट्रो स्टेशनों को एहतियान बंद करा दिया गया है।
जानकारी के मुताबिक, सेंट पीटर्सबर्ग के मेट्रो स्टेशनों पर ट्रेन को निशाना बनाया गया है। इसके कारण स्टेशन धुएं से भर गया है। धमाके के बाद स्टेशन पर अफरातफरी मच गई और पास के तीन स्टेशनों को बंद कर दिया गया है। कई लोग घायल हुए हैं।
प्राथमिक जानकारी के मुताबिक, धमाका इतना बड़ा था कि ट्रेन का दरवाजा उड़ गए। बताया जा रहा है कि धमाके के लिए IED का इस्तेमाल किया गया है।
लोकल मीडिया के मुताबिक, हमलावरों ने 2 मेट्रो स्टेशनों को निशाना बनाया। धमाके के कारण मेट्रो स्टेशन की टनल में भी दरार आ गई है। सेंट पीटर्सबर्ग के सनाया स्क्वैयर और सनाया प्लोशचाद स्टेशन को निशाना बनाया गया। यहां भारी संख्या में सुरक्षाबल और कई एंबुलेंस देखी गई।
इन धमाकों को लेकर प्रतिक्रिया देते हुए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा, इस धमाकों के पीछे आतंकी हमले सहति सभी संभावित कारणों को ध्यान में रखते हुए जांच की जाएगी।
अन्तर्राष्ट्रीय
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’
नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।
इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।
रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”
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