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यूपी बोर्ड एक्जाम पर चुनाव आयोग का ‘ब्रेक’, फरवरी में चुनाव होने की अटकलें

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UP Elctionलखनऊ। उत्तर प्रदेश में अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर चुनाव आयोग ने यूपी बोर्ड 2017 की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा की तिथियां घोषित करने के बाद गुरुवार देर रात इस फैसले पर रोक लगा दी। इसे प्रदेश में चुनाव की आहट भी माना जा रहा है और फरवरी में विधानसभा चुनाव की अटकलें लगाई जा रही हैं।

आयोग माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा बिना अनुमति के परीक्षा कार्यक्रम घोषित किए जाने से नाराज है। बोर्ड अधिकारी शुक्रवार को चुनाव आयोग के सामने अपना पक्ष रखेंगे। विभाग के सूत्रों के अनुसार, आयोग ने माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अधिकारियों को शुक्रवार को दिल्ली तलब किया है। साथ ही मुख्य सचिव राहुल भटनागर को पत्र लिखकर आपत्ति जताई।

दरअसल, यूपी बोर्ड ने गुरुवार दोपहर बाद परीक्षा की तिथियों की घोषणा कर दी थी। यूपी बोर्ड की सचिव शैल यादव ने बोर्ड परीक्षा की तारीखों की घोषणा करते हुए बताया कि 10वीं की परीक्षा 16 फरवरी से 6 मार्च तक और इंटरमीडिएट की परीक्षा 16 फरवरी से 20 मार्च तक कराई जाएंगी। हाईस्कूल की परीक्षाएं 15 कार्य दिवसों और इंटर की परीक्षाएं 25 कार्य दिवसों में कराई जाएंगी। इंटरमीडिएट की प्रायोगिक परीक्षाएं 22 दिसंबर से शुरू हो रही है।

इस घोषणा के बाद चुनाव आयोग ने आपत्ति दर्ज की कि बिना आयोग की अनुमति के यूपी बोर्ड परीक्षा की तारीखें कैसे घोषित कर दी गई? चुनाव आयोग ने मुख्य सचिव को पत्र लिखा। सूत्रों का कहना है कि मुख्य सचिव ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी टी. वेंकटेश को कार्यालय बुलाकर उनसे बातचीत की।

सूत्रों ने बताया कि शुक्रवार को दिल्ली में होने वाली इस बैठक में चुनाव आयोग के अधिकारियों के साथ मुख्य निर्वाचन अधिकारी टी़ वेंकटेश, माध्यमिक शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव जितेन्द्र कुमार व विभागीय निदेशक अमरनाथ वर्मा मौजूद रहेंगे।

माध्यमिक शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव जितेन्द्र कुमार ने बताया कि अब बोर्ड परीक्षा की नई तारीखें शुक्रवार को चुनाव आयोग से विचार-विमर्श के बाद तय होंगी। उन्होंने चुनाव आयोग द्वारा कार्यक्रम रोकने की पुष्टि भी की।

नेशनल

बाबा रामदेव की सोन पापड़ी भी टेस्ट में ‘फेल’, असिस्टेंट मैनेजर समेत 3 को 6 महीने की जेल

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नई दिल्ली। योग गुरु बाबा रामदेव की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। भ्रामक विज्ञापनों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि को फटकार लगाई थी। अब पतंजलि कंपनी की सोन पापड़ी फूड टेस्‍ट में फेल गई है। मुख्‍य न्‍यायिक मजिस्‍ट्रेट ने पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के असिस्‍टेंट मैनेजर सहित तीन लोगों को छह महीने जेल की सजा सुना दी है। तीनों पर जुर्माना भी लगाया गया है। खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 की धारा 59 के तहत सजा सुनाई गई है। असिस्टेंट मैनेजर को 50 हजार और अन्य 2 दोषियों को 10 और 25 हजार रुपये जुर्माना भरना होगा। मामले में शिकायतकर्ता की ओर से रितेश वर्मा ने पैरवी की।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 17 अक्टूबर 2019 को जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने उत्तराखंड के पिथौरागढ़ बेरीनाग बाजार का दौरा किया था। इस दौरान बेरीनाग बाजार स्थित लीलाधर पाठक की दुकान में रेड मारी गई। जांच करते हुए रेड टीम ने पतंजलि नवरत्न इलायची सोन पापड़ी के सैंपल लिए और उन्हें जांच के लिए रुद्रपुर की लैंब में भेजा गया। साथ ही सप्लायर रामनगर कान्हा जी और पतंजलि को नोटिस जारी किए गए।

जांच में मिठाई की क्वालिटी घटिया मिली। सैंपल फेल हो गया और पुलिस ने एक्शन लेकर पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के असिस्टेंट जनरल मैनेजर अभिषेक कुमार, कान्हा जी डिस्ट्रीब्यूटर प्राइवेट लिमिटेड रामनगर के असिस्टेंट मैनेजर अजय जोशी, दुकानदार लीलाधर पाठक को गिरफ्तार कर लिया। तीनों के खिलाफ सुनवाई पूरी होने के बाद बीते दिन जेल और जुर्माने की सजा सुनाई गई।

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