अन्तर्राष्ट्रीय
यूक्रेन मुद्दे का बातचीत से समाधान चाहते हैं मर्केल, पुतिन
मॉस्को | रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और मॉस्को के दौरे पर आईं जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने दोहराया कि यूक्रेन संकट का समाधान केवल राजनीतिक बातचीत के जरिये सुलझाया जाना चाहिए। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, पुतिन ने रविवार को मर्केल के साथ हुई बैठक के दौरान कहा, “मैं इस बात को मानता हूं कि भरोसेमंद और दीर्घकालिक समझौता यूक्रेन और दो स्वयंभू गणराज्य- दोनेत्स्क तथा लुगांस्क के बीच बातचीत से ही संभव हो सकता है।”
मर्केल ने कहा कि जर्मनी यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता तथा संप्रभुता को बनाए रखने में रूस के साथ काम करना जारी रखेगा तथा ‘ऑर्गेनाइजेशन फॉर सिक्योरिटी एंड कोऑपरेशन इन यूरोप’ को समर्थन देगा। पुतिन ने इस बात पर जोर दिया कि सभी पक्षों के लिए यह जरूरी है कि वे मिंस्क संघर्ष-विराम समझौते को पूरी तरह से लागू करने को लेकर दृढ़ रहें। उन्होंने उप-समूहों के बीच सहयोग को प्रभावी बनाने के लिए दोनेत्स्क को हर संभव तरीके से तैयार करने की शपथ ली। पुतिन के अनुसार, यूक्रेन में शांतिपूर्ण समझौता कीव सरकार पर निर्भर करता है, और इसके साथ ही उन्होंने देश में संवैधानिक सुधार और आर्थिक बहाली की मांग की।
इधर, मर्केल ने सभी संबंधित पक्षों से देश के पूर्वी दोनबास क्षेत्रों में मानवतावादी स्थिति में सुधार के लिए हर संभव कदम उठाने को कहा। दोनों नेताओं ने रूस-यूरोप संबंध और द्विपक्षीय सहयोग पर चर्चा की। मर्केल ने कहा, “मुझे लगता है कि मौजूदा वैश्विक दुनिया में इस पर काम करने की वजह बनती है ताकि रूस-जर्मनी इस संदर्भ में सटीक लगें।” पुतिन ने हालांकि, जर्मनी के साथ व्यापार में आई गिरावट पर दुख जाहिर करते हुए कहा कि जर्मनी की कंपनियां रूस की अर्थव्यवस्था में निवेश कर रही हैं और उन्होंने पारस्परिक लाभ वाले व्यापार के विकास की राह के कृत्रिम अवरोध को दूर करने की अपील की।
अन्तर्राष्ट्रीय
कुवैत के मंगाफ शहर में इमारत में आग से 43 लोगों की मौत, मृतकों में अधिकतर भारतीय
कुवैत सिटी। कुवैत के मंगाफ शहर में बुधवार सुबह एक इमारत में आग लगने से 43 लोगों की मौत हो गई है। मृतकों में अधिकतर भारतीय हैं। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि बुधवार सुबह दक्षिणी कुवैत के मंगाफ शहर में एक इमारत में आग लगी। इस इमारत में भारत और एशिया के मजदूर रहते हैं।
इस हादसे में 40 भरतीयों समेत 43 लोग मारे गए है और करीब 30 लोग घायल हैं। मेजर जनरल रशीद हमद ने कहा कि घटना की सूचना स्थानीय समयानुसार सुबह छह बजे अधिकारियों को दी गई, इसके बाद राहत और बचाव का काम शुरू किया गया। शुरुआती जानकारी के मुताबिक आग एक फ्लैट के किचन से शुरू हुई और पूरी इमारत में फैल गई। जिस इमारत में आग लगी है, वह केरल के रहने वाले एक शख्स की है। इमारत में भी ज्यादातर दक्षिण भारत के ही लोग थे। मरने वाले दस भारतीय नागरिकों में से भी पांच केरल के थे। कुवैत के उप प्रधान मंत्री फहद यूसुफ अल सबा ने घटनास्थल का दौरा किया और पुलिस घटना की जांच के आदेश दिए हैं।
एक वरिष्ठ पुलिस कमांडर ने स्टेट टीवी को बताया कि जिस इमारत में आग लगी, उसमें मजदूरों के क्वार्टर बने हैं। हादसे के समय भी वहां बड़ी संख्या में श्रमिक यहां मौजूद थे। दर्जनों लोगों को बचा लिया गया लेकिन दुर्भाग्य से आग से निकलने वाले धुएं के कारण कई लोगों की दम घुटने से मौत हो गई। कुवैती स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि आग के कारण लगभग 43 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया था।उधर इस घटना पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दुःख जताया है। उन्होंने एक्स पर लिखा, ‘कुवैत शहर में आग की घटना की खबर से गहरा सदमा लगा है। कथित तौर पर 40 से अधिक लोगों की मौत हो गई है और 50 से अधिक लोग अस्पताल में भर्ती हैं। पीड़ितों में से अधिकांश भारतीय बताए जा रहे हैं।’
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