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अन्तर्राष्ट्रीय

यमन से 500 पाकिस्तानी नागरिक स्वदेश लौटे

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इस्लामाबाद| संघर्षरत अरब देश यमन में रह रहे 500 प्रवासी पाकिस्तानी रविवार रात पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (पीआईए) से स्वदेश लौटे। ‘जियो न्यूज’ की रिपोर्ट के अनुसार, पीआईए से स्वदेश लौट रहे यात्रियों के परिजन कराची के जिन्ना अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उन्हें लेने पहुंचे थे। पीआईए का विमान रविवार रात 11.30 बजे कराची पहुंचा।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने और विमान यमन भेजने के आदेश दिए हैं, ताकि वहां से शेष पकिस्तानी नागरिकों को भी अगले 48 घंटों में स्वदेश लाया जा सके।

शरीफ ने शुक्रवार को यमन स्थित पाकिस्तानी मिशन को राजनीतिक संकट से जूझ रहे अरब देश यमन में फंसे पाकिस्तानी परिवारों को वहां से सुरक्षित निकालने के लिए जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए थे।

पीआईए के विशेष विमान ने रविवार को यमन के अल-हुदायदाह से उड़ान भरी, जहां बिजली आपूर्ति ठप है और मशीनें भी काम नहीं कर रही, जिसके कारण सभी दस्तावेज संबंधी काम हाथ से करने पड़े।

पाकिस्तान के विदेश कार्यालय की प्रवक्ता तसनीम असलम ने रविवार को कहा कि यमन के अदन शहर में 150-200 पाकिस्तानी नागरिक फंसे हुए हैं।

उन्होंने बताया कि पाकिस्तानी नौसेना का जहाज भी अदन के लिए रवाना हो चुका है।

अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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