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अन्तर्राष्ट्रीय

यमन में झड़प, 9 मरे

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सना| यमन की राजधानी सना में राष्ट्रपति के सुरक्षा गार्ड और शिया हॉथी मिलिशिया के बीच संघर्ष में नौ लोगों की मौत हो गई। यमन के सूचना मंत्री नाडिया अल-सक्काफ ने बताया कि घटना सोमवार सुबह की है। मरने वालों में चार आम नागरिक, तीन हॉथी लड़ाके तथा राष्ट्रपति के दो सुरक्षा गार्ड शामिल हैं।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, चिकित्सा सूत्रों ने 79 के मारे जाने की पुष्टि की है, जिनमें से अधिकतर आम नागरिक हैं। मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है, क्योंकि कुछ घायलों की हालत बहुत गंभीर है।

सरकारी सूत्रों के अनुसार, हॉथी गिरोह के सदस्यों ने सोमवार रात में राष्ट्रपति अब्द-रब्बु मंसूर हादी से मुलाकात की और उनके दफ्तर के अगवा कर्मचारी को संविधान के मसौदे में कुछ परिवर्तन की शर्त पर रिहा करने के लिए तैयार हो गए।

सना में संघर्ष की यह ताजा घटना हॉथी गिरोह द्वारा देश के मसौद संविधान पर विवाद के कारण शनिवार को राष्ट्रपत कार्यालय के कर्मचारी अहमद अवाद बिन मुबारक को अगवा कर लिए जाने के बाद सामने आई।

हॉथी गिरोह ने रविवार को एक बयान जारी कर कहा कि देश के प्रभावी राजनीतिक दल मसौदा संविधान को मंजूरी न दें, इसलिए मुबारक को अगवा किया गया था।

मसौदा संविधान के अनुसार, यमन छह संघीय क्षेत्रों में विभाजित होगा, लेकिन हॉथी गिरोह देश का विभाजन केवल दो क्षेत्रों में चाहता है।

हॉथी गिरोह और सरकार के बीच सोमवार दोपहर संघर्ष विराम समझौते हुआ।

अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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