अन्तर्राष्ट्रीय
आईएस के लिए मोरक्को में आतंकवादियों की भर्ती
रबात| मोरक्को में सुरक्षाकर्मियों ने मेकनेस शहर में सक्रिय एक आतंकवादी गुट अल हजेब एंड अल होशिमा का पर्दाफाश किया है। यह गुट इस्लामिक स्टेट (आईएस) के लिए आतंकवादियों को भर्ती करने का काम कर रहा था। मोरक्को की एमएपी समाचार एजेंसी ने आंतरिक मंत्रालय के हवाले से यह खबर दी। एमएपी ने कहा कि आतंकवादी खतरों के मद्देनजर मोरक्को की सुरक्षा सेवाओं द्वारा चलाए जा रहे आतंकवाद रोधी अभियान के दौरान यह कार्रवाई हुई। राष्ट्रीय क्षेत्र निगरानी के राष्ट्रीय महानिदेशालय द्वारा दी गई सूचना के आधार पर इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया।
एजेंसी ने कहा कि इस गुट में आतंकवाद संबंधित मामलों में पूर्व बंदियों सहित कुल आठ लोग शामिल हैं।
बयान के मुताबिक, जांच में इस बात का खुलासा हुआ कि इस गुट के सरगना का संबंध आईएस के विदेशी आतंकवादियों के साथ है। वह कई भर्ती अभियानों को अंजाम दे चुका है और सीरिया तथा इराक जाने के लिए भर्ती किए गए आतंकवादियों को वित्तीय सहायता प्रदान कर चुका है।
एमएपी ने कहा कि सार्वजनिक अभियोजक कार्यालय की देखरेख में जांच पूरी होने के बाद गिरफ्तार किए गए लोगों पर मुकदमा चलाया जाएगा।
अन्तर्राष्ट्रीय
कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित
नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।
एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।
कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।
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