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अन्तर्राष्ट्रीय

यमन के राष्ट्रपति की वैधानिकता पर सुरक्षा परिषद की मुहर

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संयुक्त राष्ट्र| संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने रविवार को यमन के राष्ट्रपति अब्दरब्बू मंसूर हादी के प्रति समर्थन जताया और सभी पक्षों से आग्रह किया कि वे ऐसी कोई कार्रवाई न करें, जिससे राष्ट्रपति की वैधानिकता को चोट पहुंचे। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, एक बयान में कहा गया है, “सुरक्षा परिषद यमन के राष्ट्रपति की वैधानिकता का समर्थन करता है और देश के सभी पक्षों और परिषद के सदस्य देशों से आग्रह करता है कि वे ऐसी कोई भी कार्रवाई न करें जिससे यमन की एकता, संप्रभुता, स्वतंत्रता, क्षेत्रीय अखंडता और यमन के राष्ट्रपति की वैधानिकता को नुकसान पहुंचे।”

यमन में पिछले कुछ दिनों से हो रहे आतंकवादी हमलों के बाद सुरक्षा परिषद ने रविवार अपराह्न् यमन के मौजूदा हालात पर चर्चा के लिए एक आपात बैठक बुलाई।

रपटों में कहा गया है कि पश्चिम समर्थक यमन के राष्ट्रपति हादी ने शुक्रवार को सुरक्षा परिषद को एक पत्र भेजा था, जिसमें उन्होंने कहा था कि देश की संवैधानिक वैधता की रक्षा के लिए तत्काल हस्तक्षेप की आवश्यकता है।

संयुक्त राष्ट्र महासचिव के विशेष सलाहकार जमाल बेनोमर ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सुरक्षा परिषद को सचेत किया कि यमन में जारी हिंसा और अफरातफरी के कारण देश में गृह युद्ध का खतरा पैदा हो गया है।

हौती विद्रोहियों ने सितंबर में यमन की राजधानी सना पर कब्जा कर लिया था और राष्ट्रपति हादी को नजरबंद कर दिया था। इसके बाद हादी फरवरी में नजरबंदी से निकल भागे थे और वह दक्षिणी बंदरगाह शहर अदन पहुंचे थे।

यमन में बढ़ रही असुरक्षा को देखते हुए अमेरिका ने रविवार को देश में बाकी बचे अपने सैनिकों को भी वापस बुलाने की घोषणा कर दी।

 

अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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