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मोदी सरकार पर बढ़ा लोगों का भरोसा, फोर्ब्स लिस्ट में पहले नंबर पर भारत
नई दिल्ली। जब बात देश के विकास की हो तो सबसे जरूरी होता है देश के नागरिकों द्वारा अपनी सरकार पर भरोसा। क्योंकि कोई भी फैसला, चाहे वो किसी भी क्षेत्र से संबंधित हो उसे तब तक धरातल पर नहीं लाया जा सकता जब तक सरकार पर देश के नागरिकों का भरोसा ना हो।
सरकार पर भरोसे के मामले में भारत को विश्व में नंबर-1 बताया गया है। दुनिया की प्रतिष्ठित मैग्जीन फोर्ब्स ने एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए दुनिया के 34 अग्रणी लोकतांत्रिक देशों में रह रहे लोगों पर हुए सर्वे की खबर प्रकाशित की है।
गवर्नमेंट एट ग्लांस 2017 नाम की सर्वे रिपोर्ट में बताया गया है पिछले कुछ सालों में अलग-अलग देशों की सरकारों में जनता का भरोसा बदलता रहा है। इस लिस्ट में जहां ग्रीस सबसे कम 13 प्रतिशत के साथ नीचे है वहीं भारत 75 प्रतिशत के साथ ऊपर है। भारत के बाद कनाडा, तुर्की और रूस का नाम है।
जनता के इस भरोसे के बाद यह कहा जा सकता है कि जीएसटी, नोटबंदी और सर्जिकल स्ट्राइक जैसे फैसलों ने जनता का विश्वास जीता है। हालांकि सरकार पर जनता के भरोसे को मापने का कोई निश्चित मापदंड नहीं लेकिन सरकार को लोग किताना विश्वसनीय और स्थिर मानते हैं इन्हीं के आधार पर यह रिपोर्ट तैयार की गई है।
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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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