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अन्तर्राष्ट्रीय

मोदी के बयान पर पाकिस्तान में प्रदर्शन

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इस्लामाबाद | म्यांमार में रोहिंग्या मुसलमानों के प्रति भारत की आक्रामकता और अमानवीय क्रूरता के खिलाफ पाकिस्तान के सिंध प्रांत में विरोध प्रदर्शन हुए हैं। वेबसाइट डॉन ऑनलाइन के मुताबिक, लगभग सभी धार्मिक पार्टियों के कार्यकर्ताओं और कुछ राजनीतिक पार्टियों ने शुक्रवार को सिंध में प्रदर्शन किया और रैलियां निकाली।

पाकिस्तान मुस्लिम लीग-कायद (पीएमएल-क्यू) और पाकिस्तान सुन्नी तहरीक (पीएसटी) के प्रदर्शनकारियों ने रैलियों के अंत में भारतीय झंडे फूंके और प्रधानमंत्री मोदी के पुतले जलाए। सिंध पीएमएल-क्यू के अध्यक्ष हलीम आदिल शेख ने हैदराबाद में प्रेस क्लब के बाहर कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि सभी पाकिस्तान देश की सुरक्षा और अखंडता के लिए एकजुट हैं। उन्होंने कहा कि यदि भारत इस तरह की गलती करेगा, तो पूरा देश सेना का समर्थन करेगा।

भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सात जून को ढाका विश्वविद्यालय में अपने संबोधन में भारत में आतंकवाद और डर फैलाने के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया था। उन्होंने कहा, “समय-समय पर पाकिस्तान भारत को परेशान करता है, दिक्कतें पैदा करता है, आतंकवाद को बढ़ावा देता है और इस तरह की घटनाएं लगातार घट रही हैं।” इस रैली में शामिल लोगों ने प्रेस क्लब पर इकट्ठा होने से पहले विभिन्न सड़कों पर मार्च किया, जहां उनके नेता ने कहा कि भारतीय प्रधानमंत्री के बयान से पाकिस्तानी नागरिकों को गहरा दुख हुआ है।

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान एक शक्तिशाली देश है और उसे पता है कि देश की सीमाओं की रक्षा कैसे करनी है। जमात-उद-दावा के नेता मौलाना कारी महमूद ने सरकार से देश में भारत के रिसर्च एंड एनलसिस विंग (रॉ) के एजेंटों को खत्म करने का आग्रह किया और मुस्लिम देशों से मुसलमानों के प्रति निर्दयता के खिलाफ एकजुट होने की अपील की। इसी तरह के प्रदर्शन घोटकी और कंधकोट जिलों में भी हुए।

अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत के मंगाफ शहर में इमारत में आग से 43 लोगों की मौत, मृतकों में अधिकतर भारतीय

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कुवैत सिटी। कुवैत के मंगाफ शहर में बुधवार सुबह एक इमारत में आग लगने से 43 लोगों की मौत हो गई है। मृतकों में अधिकतर भारतीय हैं। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि बुधवार सुबह दक्षिणी कुवैत के मंगाफ शहर में एक इमारत में आग लगी। इस इमारत में भारत और एशिया के मजदूर रहते हैं।

इस हादसे में 40 भरतीयों समेत 43 लोग मारे गए है और करीब 30 लोग घायल हैं। मेजर जनरल रशीद हमद ने कहा कि घटना की सूचना स्थानीय समयानुसार सुबह छह बजे अधिकारियों को दी गई, इसके बाद राहत और बचाव का काम शुरू किया गया। शुरुआती जानकारी के मुताबिक आग एक फ्लैट के किचन से शुरू हुई और पूरी इमारत में फैल गई। जिस इमारत में आग लगी है, वह केरल के रहने वाले एक शख्स की है। इमारत में भी ज्यादातर दक्षिण भारत के ही लोग थे। मरने वाले दस भारतीय नागरिकों में से भी पांच केरल के थे। कुवैत के उप प्रधान मंत्री फहद यूसुफ अल सबा ने घटनास्थल का दौरा किया और पुलिस घटना की जांच के आदेश दिए हैं।

एक वरिष्ठ पुलिस कमांडर ने स्टेट टीवी को बताया कि जिस इमारत में आग लगी, उसमें मजदूरों के क्वार्टर बने हैं। हादसे के समय भी वहां बड़ी संख्या में श्रमिक यहां मौजूद थे। दर्जनों लोगों को बचा लिया गया लेकिन दुर्भाग्य से आग से निकलने वाले धुएं के कारण कई लोगों की दम घुटने से मौत हो गई। कुवैती स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि आग के कारण लगभग 43 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया था।उधर इस घटना पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दुःख जताया है। उन्होंने एक्स पर लिखा, ‘कुवैत शहर में आग की घटना की खबर से गहरा सदमा लगा है। कथित तौर पर 40 से अधिक लोगों की मौत हो गई है और 50 से अधिक लोग अस्पताल में भर्ती हैं। पीड़ितों में से अधिकांश भारतीय बताए जा रहे हैं।’

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