Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

मनोरंजन

मुख्यधारा या आर्ट सिनेमा जैसा कुछ नहीं : काजोल

Published

on

फिल्मकार, काजोल, आनंद गांधी, फिल्म, दर्शक, अजय देवगन

Loading

फिल्मकार, काजोल, आनंद गांधी, फिल्म, दर्शक, अजय देवगन

फिल्मकार आनंद गांधी की फिल्म ‘शिप ऑफ थेसिअस’ के लिए हामी भरने वाली अभिनेत्री काजोल ने कहा कि वह फिल्मों को मुख्यधारा या आर्ट सिनेमा के रूप में बांटकर नहीं देखतीं।

रोहित शेट्टी निर्देशित ‘दिलवाले’ में शाहरुख खान के साथ नजर आ चुकीं अभिनेत्री ने कहा, “मैं पूरी तरह इस सोच से सहमत नहीं हूं। ऐसा कुछ नहीं है, जिसे मुख्यधारा या आर्ट फिल्म कहा जा सके। सिर्फ अच्छी और बुरी फिल्में हैं।”

उन्होंने कहा, “हम फिल्में इसलिए बनाते हैं, ताकि दर्शक उनका आनंद ले सकें।”अभिनेत्री ने यह बात बुधवार को ओले टोटल इफेक्ट्स के लांच अवसर पर कही।गांधी को ‘सुगंधी’, ‘प्रत्यंचा’,’क्षणोत्सव’ और गुजराती नाटक ‘छल रिवर्स मा जाए’ जैसे नाटकों के लेखन व निर्देशन के लिए जाना-जाता है।

फिल्म आनंद गांधी के एक नाटक का रूपांतरण है और काजोल के पति अजय देवगन फिल्म निर्माता हैं।

प्रादेशिक

सीएम सुक्खू के मंत्री का विवादित बयान, कहा- कंगना को कोई बिना मेकअप देख ले तो दूसरी बार नहीं देखेगा

Published

on

Loading

नई दिल्ली। हिमाचल प्रदेश सरकार में राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कंगना रनौत के चेहरे को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की है, जिसके बाद उनका काफी विरोध हो रहा है। उन्होंने कहा कि कंगना रनौत अपने कार्यक्रमों में मेकअप करके आती है। मेकअप वाली टीम भी हमेशा उनके साथ रहती है। मेकअप को देख ही लोगों की भीड़ उन्हें देखने आती है। अगर सुबह के समय कोई व्यक्ति कंगना को बिना मेकअप देख लें तो दूसरी बार नहीं देखेगा।

उधर कंगना ने भी नेगी केइस बयान पर पलटवार किया है। कंगना ने कहा कि उन्होंने फिल्मों में बिना मेकअप के भी रोल निभाए हैं। आज अगर वह अच्छे कपड़े पहनकर और पाउडर-लिपस्टिक लगाकर जनता से मिलना चाहती हैं तो उसमें भी यह आपत्ति जताते हैं। कंगना ने आगे कहा कि उन्हें समझ नहीं आता कि शक्ल से उनको क्या परेशानी हो गई। क्या इनके खूबसूरत चेहरों पर वोट दिए हैं। सुक्खू जी को लगता है उनकी खूबसूरत शक्ल पर वोट मिले हैं।

कंगना ने आगे कहा कि राजनीति में एक भाव है और यह भाव किसी में भी आ सकता है। किसी का चेहरा कैसा है या आपकी उम्र और लिंग क्या है यह देश इस सबसे बाहर निकलकर काफी आगे जाना चाहता है। ये देश की बहनों को काली-पीली और उनकी शक्ल को लेकर बातें करते हैं। उन्हें मेरी शक्ल से क्या लेना-देना। मेरी शक्ल चाहे जैसी भी हो जब तक मैं बुजुर्गों भाइयों, माता-बहनों और बच्चों की सेवा में तत्पर हूं तो मेरी शक्ल से तुम्हें क्या लेना-देना। आपको बता दें कि कंगना अलग-अलग इलाकों में जाकर वहां की वेशभूषा पहन रही हैं।

Continue Reading

Trending