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अन्तर्राष्ट्रीय

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने प्रवासियों को ‘घर’ बुलाया

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न्यूयॉर्क | अमेरिका दौरे पर गए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को एक महत्वाकांक्षी योजना ‘मध्य प्रदेश के मित्र’ शुरू की और प्रवासी भारतीयों को घर वापस बुलाया है। उन्होंने प्रवासियों और अमेरिका के लोगों से आह्वान किया कि वे उनके राज्य के विकास में अपनी प्रतिभा और निवेश लगाए।

योजना के उद्घाटन में उनके साथ अमेरिकी कांग्रेस के चार सदस्य और कई अन्य विशेष लोग मौजूद थे, और सभी मंच पर रखे एक जलते हुए ग्लोब पर हाथ रखे हुए थे, जिसमें फ्रेंड्स ऑफ एमपी डॉट कॉम की वेबसाइट का चित्र प्रदर्शित किया गया था। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का उद्देश्य प्रतिभा की खान और ऐसे लोगों को तैयार करना है जो राज्य की सहायता करना चाहते हैं। शिवराज और महावाणिज्य दूत ज्ञानेश्वर मुले ने तीन अमेरिकी महिला सांसदों -नीता लोवे, कैरोलिन मालोनी और यवेत्ते क्लार्क- से मोदी के अमेरिका दौरे और ओबामा के भारत दौरे से दोनों देशों के बीच रिश्तों में आई गरमाहट पर चर्चा की। उन्होंने इस बात पर भी चर्चा की कि वे कैसे दोनों लोकतंत्रों को फायदा पहुंचा सकते हैं। निवेशकों और मध्य प्रदेश के मित्रों को संबोधित करते हुए शिवराज ने कहा कि उनका राज्य एकल द्वार नीति का अनुसरण करता है जो कि निवेशकों के लिए एकल खिड़की कार्यक्रम से भी बढ़कर है। उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद लोगों से कहा कि ऐसे में आप भी ‘अपना दिल खोलकर मध्य प्रदेश आइए’। उन्होंने कहा कि प्रवासियों ने अमेरिका के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया है। खास तौर पर स्वास्थ्य में, सिलिकॉन वैली और रोजगार के सृजन में, और अब उनके लिए समय आ गया है कि वे भारत लौटकर भारत का विकास करें। उन्होंने कहा, “नीति अपंगता अब खत्म हो गई है और मोदी के नेतृत्व से विश्व में भारत की छवि सुधरी है। भारत विश्व में सबसे तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था के रूप में उभर रहा है। उन्होंने मध्य प्रदेश के विकास के आंकड़ों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि राज्य ने देश में सबसे ज्यादा आर्थिक वृद्धि दर्ज की है। पिछले वित्त वर्ष में भारत की वृद्धि दर 4.7 फीसदी की तुलना में राज्य की वृद्धि दर 11.8 फीसदी थी और मध्य प्रदेश की कृषि विकास दर 24 फीसदी थी। उन्होंने कहा कि मोदी ने ‘मेक इन इंडिया’ का आह्वान किया है और मेरा आपसे अनुरोध है कि ‘मेक इट इन मध्य प्रदेश’। शिवराज चौहान ने कहा कि उनकी सरकार ने राज्य में निवेशकों को उद्यम शुरू करने और तेजी से उत्पादन शुरू करने के लिए सरल नीति बनाने की दिशा में कई कदम उठाए हैं।

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भारत में अवसरों की भरमार, पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 सालों में देश ने अच्छी प्रगति की : वॉरेन बफे

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नई दिल्ली। बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफे भारत की निवेश की संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने रविवार को कंपनी की सालाना बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में अवसरों की भरमार हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ने सभी आर्थिक मानदंडों में अच्छी प्रगति की है। अब लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर (अनुमान वित्त वर्ष 2023-24) की जीडीपी के साथ भारत आर्थिक रूप से पांचवां सबसे बड़ा देश है। एक दशक पहले देश 1.9 ट्रिलियन डॉलर (मौजूदा बाजार मूल्य) की जीडीपी के साथ भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस 10 साल की यात्रा में कई रिफॉर्म हुए जिसने देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाया है।

रविवार को अपनी कंपनी की वार्षिक बैठक में वॉरेन बफेट ने कहा, भारत में नई संभावनाओं का पता लगाएं। यहां ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जिनको सर्च नहीं किया गया है या यहां मौजूद अवसरों पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि भारत में बहुत सारे अवसर हैं। सवाल यह है कि क्या हमें उनके बारे में जानकारी है, जिसमें हम भाग लेना चाहेंगे। बफेट देश में संभावित प्रवेश की तलाश में हैं। भारत की जीडीपी ग्रोथ एक नए शिखर पर पहुंचने के लिए तैयार है। विनिर्माण और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों ने फिर से सुधार देखना शुरू कर दिया है और जीएसटी कलेक्शन नई ऊंचाई हासिल कर रहा है।

आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी ग्रोथ महामारी से पहले 2020 के दौरान दर्ज की गई 7 प्रतिशत से ऊपर बढ़ने के संकेत हैं। आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 2004 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 635 डॉलर थी। 2024 में देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 2,850 डॉलर हो गई है, जो इसके समकक्ष देशों के लिए 6,770 डॉलर का 42 प्रतिशत है। इस महीने की शुरुआत में जारी एचएसबीसी सर्वे के अनुसार, मजबूत मांग के कारण भारत का विनिर्माण सेक्टर अप्रैल में मजबूत गति से बढ़ा। इसके अलावा विश्व चुनौतियों के बावजूद, एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न के साथ देश ग्लोबल स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है।

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