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भोजन संबंधी एलर्जी से करेंगे जागरूक

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नई दिल्ली| विश्व स्वास्थ्य दिवस पर हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने मिलकर भोजन से होने वाली एलर्जी के बारे में एक जन स्वास्थ्य जागरूकता श्रृंखला आयोजित करने की योजना बनाई है। इस साल की वैश्विक जागरूकता विषय ‘खाद्य सुरक्षा’ है। इसी कड़ी में हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया और द इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने शुक्रवार को घोषणा की कि वे सात अप्रैल को दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन, एनडीएमसी, लायंस क्लब इंटरनेशनल और इंडियन ऑयल के साथ मिलकर जन स्वास्थ्य से जुड़ी गतिविधियां आयोजित करेंगे।

आईएमए के अध्यक्ष डॉ. ए. मरतड पिल्लै ने कहा, “इस साल हम भोजन से जुड़ी समस्याओं के बारे में जागरूकता फैलाने पर जोर देंगे। यानी भोजन से होने वाली गंभीर एलर्जी सम्बंधित प्रतिक्रियाएं जो भोजन लेने के तुरंत बाद होती हैं और कभी कभार इनमें मौत भी हो जाती है।” उन्होंने कहा, “इस तरह की समस्या के मरीजों के मामले अस्पतालों में बढ़ रहे हैं, इसलिए इस बारे में जन जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है। हम अपने सहयोगियों हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया, एनडीएमसी, डीएम और इंडियन ऑयल के आभारी हैं जो इस पहल में साथ दे रहे हैं।” पांच साल से कम उम्र के आठ फीसदी बच्चों में भोजन संबंधी एलर्जी होती है और आम आबादी में चार फीसदी में यह समस्या होती है। कोई भी भोजन किसी भी व्यक्ति के लिए समस्या की वजह बन सकता है और कुछ उच्च आशंकित भोजन में मूंगफली, मेवे, समुद्री भोजन, मछली व सीसेम शामिल हैं।

हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष डॉ. के. के. अग्रवाल ने कहा, “स्वास्थ्य जागरूकता से जुड़ी गतिविधियों में हैंड्स ऑनली सीपीआर ट्रेनिंग, खाद्य सुरक्षा पर संगोष्ठी, अन्य लोगों के बीच जागरूकता फैलाने के लिए हेल्थ परेड आयोजित किए जाएंगे।” उन्होंने कहा, “लोगों के लिए मेरा संदेश है कि आपको अगर किसी भोजन से दिक्कत हो तो उस खाने से परहेज करें और इस बारे में अपने डॉक्टर से बात करें और इसकी जांच करवाएं। अगर आपको पता हो कि आपको फलां भोजन से एलर्जी है तो आप हमेशा उससे परहेज करें। हमेशा अपने साथ इमरजेंसी दवाएं रखें ताकि ऐसा होने पर आप उनको समय पर ले सकें।” इस संबंध में एक स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम राहगीरी कनॉट प्लेस में पांच अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस के रूप में मनाया जाएगा।

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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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