Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

भारत खाद्य प्रसंस्करण में अग्रणी बन सकता है : हरसिमरत कौर

Published

on

नई-दिल्ली,भारत खाद्य प्रसंस्करण,केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री हरसिमरत कौर बादल,आईआईपी,एफडीआई

Loading

नई दिल्ली | भारत खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में दुनिया का अग्रणी देश बन सकता है। यह बात बुधवार को केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने कही। यहां जारी एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, बादल ने कहा, “भारत खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में दुनिया का अग्रणी देश बन सकता है। इस क्षेत्र में किसानों और उपभोक्ताओं के बीच की खाई पाटने की क्षमता है।” मंत्री ने साथ ही कहा कि यह क्षेत्र काफी तेजी से विकास कर रहा है। इसकी विकास दर 8.4 फीसदी है।

बादल ने कहा कि खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र बड़े पैमाने पर रोजगार देने में सक्षम है, जिसने 2012-13 में सभी पंजीकृत फैक्टरी क्षेत्र द्वारा दिए गए रोजगार में 13.04 फीसदी योगदान किया है। मंत्री ने इस क्षेत्र के प्रदर्शन की सराहना की, जिसकी विकास दर अप्रैल-फरवरी 2014-15 अवधि में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) के आधार पर 5.7 फीसदी थी, जो अप्रैल-फरवरी 2013-14 में नकारात्मक 2.1 फीसदी थी। इस वृद्धि में मुख्यत: चावल क्षेत्र की विकास दर 11.8 फीसदी, खाद्य हाइड्रोजिनेटेड तेल की विकास दर 5.6 फीसदी और दूध, स्किम्ड और पाश्च्यूरीकृत दूध की विकास दर 1.4 फीसदी ने प्रमुख भूमिका निभाई।

बादल ने कहा कि खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में स्वचालित मार्ग से 100 फीसदी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की अनुमति है। इसमें सिर्फ कुछ सामग्री अपवाद हैं, जो सूक्ष्म और लघु उद्यमों (एमएसई) के लिए आरक्षित हैं। अप्रैल-जनवरी 2014-15 में इस क्षेत्र में देश में 42.151 करोड़ डॉलर का एफडीआई आया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम के तहत खाद्य प्रसंस्करण एक शीर्ष प्राथमिकता वाला क्षेत्र है। मंत्री ने कहा कि गत छह महीने (अक्टूबर-मार्च 2014-15) में खाद्य वस्तुओं और विनिर्मित खाद्य वस्तुओं की औसत महंगाई दर एक साल पहले की समान अवधि के मुकाबले घटकर क्रमश: 13 फीसदी से 5.1 फीसदी और 1.8 फीसदी से 1.5 फीसदी दर्ज की गई है। कृषि उत्पादों की बड़े पैमाने पर होने वाली बर्बादी को रोकना एक प्रमुख चुनौती है और इस बर्बादी को रोकने तथा किसानों को अधिकाधिक मुनाफा पहुंचाने के लिए सरकार खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को बढ़ावा दे रही है।

इस क्षेत्र को बढ़ावा देने के मकसद से सरकार केंद्रीय अवसंरचना विकास योजना के तहत शीत भंडार श्रंखला और मेगा फूड पार्क के सृजन में सहायता देकर अवसंरचना को मजबूत कर रही है। इस क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिए मंत्रालय ने हाल में 17 नए मेगा फूड पार्को को मंजूरी दी है और करीब 30 नई शीत भंडार श्रंखला परियोजनाओं को मंजूरी दी जाएगी।

नेशनल

बाबा रामदेव की सोन पापड़ी भी टेस्ट में ‘फेल’, असिस्टेंट मैनेजर समेत 3 को 6 महीने की जेल

Published

on

Loading

नई दिल्ली। योग गुरु बाबा रामदेव की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। भ्रामक विज्ञापनों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि को फटकार लगाई थी। अब पतंजलि कंपनी की सोन पापड़ी फूड टेस्‍ट में फेल गई है। मुख्‍य न्‍यायिक मजिस्‍ट्रेट ने पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के असिस्‍टेंट मैनेजर सहित तीन लोगों को छह महीने जेल की सजा सुना दी है। तीनों पर जुर्माना भी लगाया गया है। खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 की धारा 59 के तहत सजा सुनाई गई है। असिस्टेंट मैनेजर को 50 हजार और अन्य 2 दोषियों को 10 और 25 हजार रुपये जुर्माना भरना होगा। मामले में शिकायतकर्ता की ओर से रितेश वर्मा ने पैरवी की।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 17 अक्टूबर 2019 को जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने उत्तराखंड के पिथौरागढ़ बेरीनाग बाजार का दौरा किया था। इस दौरान बेरीनाग बाजार स्थित लीलाधर पाठक की दुकान में रेड मारी गई। जांच करते हुए रेड टीम ने पतंजलि नवरत्न इलायची सोन पापड़ी के सैंपल लिए और उन्हें जांच के लिए रुद्रपुर की लैंब में भेजा गया। साथ ही सप्लायर रामनगर कान्हा जी और पतंजलि को नोटिस जारी किए गए।

जांच में मिठाई की क्वालिटी घटिया मिली। सैंपल फेल हो गया और पुलिस ने एक्शन लेकर पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के असिस्टेंट जनरल मैनेजर अभिषेक कुमार, कान्हा जी डिस्ट्रीब्यूटर प्राइवेट लिमिटेड रामनगर के असिस्टेंट मैनेजर अजय जोशी, दुकानदार लीलाधर पाठक को गिरफ्तार कर लिया। तीनों के खिलाफ सुनवाई पूरी होने के बाद बीते दिन जेल और जुर्माने की सजा सुनाई गई।

Continue Reading

Trending