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भारत का सख्त रुख, चीन-पाक की ‘दोस्ती की सडक़’ से बनाई दूरी

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नई दिल्ली/बीजिंग। चीन की वन बेल्ट-वन रोड (ओबीओआर) समिट में भारत हिस्सा नहीं लेगा। शामिल न होने की वजह कश्मीर और संप्रभुता को खतरा बताया जा रहा है।

चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने शनिवार को पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से मुलाकात की और चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) के निर्माण में तेजी लाने की जरूरत पर जोर दिया। बीजिंग में दो दिन का ये समिट रविवार से शुरू हो रही है। इसमें 29 देश शामिल हो रहे हैं।

शरीफ बेल्ट एंड रोड फोरम में हिस्सा लेने के लिए बीजिंग में हैं, जिसमें भारत के हिस्सा लेने की संभावना नहीं है, क्योंकि वह सीपीईसी के खिलाफ है, जिसे पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर से होकर गुजरना है।

चीन की सरकारी मीडिया के अनुसार, शी ने कहा कि गलियारे की दीर्घकालिक योजना यह है कि इसे यथासंभव जल्द से जल्द पूरा किया जाए और ऊर्जा, परिवहन अवसंरचना व लोगों की आजीविका से जुड़े सहयोग कार्यक्रम को बढ़ावा दिया जाए और उसे पूरा किया जाए।

करोड़ों डॉलर का यह आर्थिक मार्ग चीन के काशगर शिनजियांग प्रांत को पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में स्थित ग्वादर बंदरगाह से जोड़ेगा। चीन ने अतीत में भी सीपीईसी की धीमी गति को लेकर पाकिस्तान से शिकायत की थी।

सीपीईसी चीन की बेल्ट एंड रोड परियोजना का एक प्रमुख हिस्सा है, लेकिन भारत इसका सख्त विरोध करता है, क्योंकि यह पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर पर अपना दावा करता है, जहां से इस मार्ग को गुजरना है।

लेकिन परियोजना के प्रायोजक चीन पर भारत द्वारा बार-बार की गई आपत्ति का कोई असर नहीं पड़ा है।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, शी ने कहा, “पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह में और उसके आसपास की अतिरिक्त परियोजनाओं में तेजी लाई जाए और गलियारे से लगे औद्योगिक पार्को के निर्माण पर अध्ययन कराया जाए।”

उन्होंने कहा, “दोनों पक्षों को न सिर्फ उच्चस्तरीय आदान-प्रदान जारी रखना चाहिए, बल्कि सरकारों, विधायिकाओं और राजनीतिक दलों के बीच बातचीत बढ़ानी चाहिए।”

शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान और चीन के बीच पारंपरिक मित्रता मजबूत है। उन्होंने कहा कि चीन के साथ संबंधों को गहरा करने और बेल्ट एंड रोड निर्माण पर सहयोग में भागीदारी को लेकर राष्ट्रीय सहमति है।

शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान गलियारे से संबंधित विभिन्न परियोजनाओं के सक्रिया क्रियान्वयन और ऊर्जा व अवसंरचना निर्माण पर सहयोग को तेजी से आगे बढ़ाने में चीन के साथ काम करना चाहता है। इसमें ग्वादर बंदरगाह कार्यक्रम भी शामिल होगा।

नेशनल

स्मृति ईरानी ने अमेठी से किया नामांकन, एमपी के सीएम मोहन यादव भी रहे मौजूद

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अमेठी। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने आज अमेठी से अपना नामांकन दाखिल कर दिया। इस मौके पर उनके साथ मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव मौजूद रहे। सत्तारूढ़ी बीजेपी की ओर से स्मृति ईरानी को अमेठी का टिकट दिया गया है। उन्होंने 2019 में भी इस सीट से राहुल गांधी को मात दी थी।

नामांकन से पहले स्मृति ईरानी ने रोड शो किया जो करीब दो किमी लंबा था। यह भाजपा कार्यालय से कलेक्ट्रेट तक गया। कलेक्ट्रेट के बाहर ढोल नगाड़ों के साथ नाच गाना भी हुआ। भारी संख्या में कार्यकर्ता वहां मौजूद रहे।नामांकन से पहले उन्होंने अपने अमेठी स्थित आवास पर पूजा-पाठ किया।

इससे पहले रविवार को दिन में वह अयोध्या गई थीं और उन्होंने रामलला के दर्शन किए थे। भगवान राम की पूजा-अर्चना करने के बाद ईरानी ने कहा, ‘आज मैं खुद को सौभाग्यशाली मानती हूं कि मेरा जन्म ऐसे युग में हुआ, जिसमें हमारे रामलला को एक भव्य समारोह के माध्यम से एक तंबू से भव्य मंदिर में स्थापित किया गया। ‘मैंने राष्ट्र की प्रगति, प्रधान सेवक (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) के अच्छे स्वास्थ्य और भारत के गौरव के लिए रामलला के चरणों में आशीर्वाद मांगा। साथ ही भगवान हनुमान से आशीर्वाद मांगा कि मेरा सेवा भाव उनके जैसा ही हो।

बता दें कि हाईप्रोफाइल अमेठी संसदीय क्षेत्र से भाजपा की ओर से लगातार तीसरी बार ईरानी उम्मीदवार बनाई गई हैं। इस संसदीय सीट तीन जिलों के पांच विधानसभा क्षेत्रों को मिलाकर बनाई गई है। इसमें जिले की चार विधानसभा क्षेत्रों के साथ ही रायबरेली जिले का सलोन विधान सभा क्षेत्र व जगदीशपुर विधानसभा क्षेत्र में सुल्तानपुर के बल्दीराय तहसील के 24 ग्राम पंचायतों के 62 बूथ शामिल हैं।

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