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अन्तर्राष्ट्रीय

बोकोहराम कमजोर पड़ा, मगर अत्याचार जारी : संयुक्त राष्ट्

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बोकोहराम , सुरक्षा परिषद, नाइजीरिया, पश्चिमी अफ्रीका, मोहम्मद इब्न चंबास, इस्लाकि स्टेट, 

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 संयुक्त राष्ट्र| संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष अधिकारियों ने सुरक्षा परिषद को नाइजीरिया और उसके आसपास के इलाकों में बोको हराम के प्रभाव के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आतंकवादी समूह की हिंसा और क्रूरता तेज हो गई है। पश्चिमी अफ्रीका के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय के प्रमुख और महासचिव के विशेष प्रतिनिधि मोहम्मद इब्न चंबास ने सोमवार को कहा, “यद्यपि समूह कमजोर हुआ है लेकिन वह महिलाओं और बच्चों समेत वहां के नागरिकों के खिलाफ भयानक हिंसा कर रहे हैं।” उन्होंने कहा, “बोको हराम ने चाहे प्रचार कारणों से आईएस (इस्लाकि स्टेट) में निष्ठा दिखाने की बात कही हो या आईएस के जाल में फंसकर, लेकिन इससे चिंता और बढ़ गई है क्योंकि बोको हराम के ऐलान से एक बात साफ है कि वह अपने मंसूबों को नाइजीरिया के बाहर भी ले जाएगा।”

चंबास के साथ इस परिषद में संयुक्त राष्ट्र कार्यालय में मानवीय मामलों के समन्वयक सहायक महासचिव क्यूंग व-कांग भी थे। उन्होंने अपनी रिपोर्ट में अपहरण, संगठन में भर्ती, बच्चों की हत्या और विकलांग बनाने की घटनाओं का जिक्र किया है। उन्होंने कहा कि देश के उत्तर-पूर्व के कैमरून और नाइजर इलाकों में स्थित स्कूलों को बोको हराम निशाना बना रहा है। शिक्षा के लिए अब वे सुरक्षित स्थान नहीं रहे हैं। इनमें से कई स्कूलों पर हमला कर दिया गया, कइयों को लूट लिया गया और विध्वंस कर दिया गया।  उन्होंने कहा, “2014 में आतंकवादी समूह ने नौजवान लड़कियों को भीड़भाड़ वाले शहरी इलाकों में हमला करने के लिए आत्मघाती हमलावर के रूप में प्रयोग करना शुरू कर दिया था। हमने समूह द्वारा बच्चों को मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल किए जाने की खतरनाक प्रवृत्ति को भी देखा है।”  कांग ने बोको हराम के हमलों के कारण उत्पन्न हुई मानवीय जरूरतों की आवश्यकता बताते हुए कहा कि 2014 की शुरुआत से लेकर अब तक बोको हराम 7,300 से अधिक लोगों को मार चुका है।

 

अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’

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नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।

इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।

रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”

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