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बाल दिवस पर बच्चों ने बनाया गूगल का डूडल
नई दिल्ली। इंटरनेट सर्च इंजन गूगल शनिवार को डूडल के जरिये बाल दिवस मना रहा है। इस खास मौके पर गूगल ने बच्चों का बनाया डूडल लगाया। देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिवस के अवसर पर प्रतिवर्ष बाल दिवस मनाया जाता है। इस अवसर के लिए गूगल ने ‘डूडल-4 गूगल-2015’ प्रतियोगिता कराई और विजेता प्रवष्टि को अपने डूडल के रूप में पेश किया।
गूलल प्रत्येक वर्ष भारत के लिए अपनी वार्षिक प्रतियोगिता के तहत देशभर के बच्चों को अपनी कला दिखाने का आमंत्रण देता है और इस प्रतियोगिता के तहत सभी बच्चे अपनी कला प्रविष्टियां गूगल को भेजते हैं। प्रतियोगिता में जीती हुई प्रविष्टि को डूडल के जरिए बाल दिवस के अवसर दर्शाया जाता है।
गूगल की प्रतियोगिता में एक खास विषय दिया जाता है, जिसके आधार पर बच्चे अपनी चित्रकला प्रविष्टियां बनाकर भेजते हैं। इस वर्ष की प्रतियोगिता का विषय ‘क्रिएट समथिंग फॉर इंडिया’ था। इस वर्ष की प्रतियोगिता के विजेता आंध्र प्रदेश में श्रीप्रकाश विद्या निकेतन, विद्याल के छात्र पी. कार्तिक हैं और उनकी ही प्रवष्टि को बाल दिवस पर गूगल के जरिए दर्शाया गया है। प्रतियोगिता को तीन समूहों- ग्रुप 1, ग्रुप 2 और ग्रुप 3 में विभाजित किया गया था। इसमें 12 शीर्ष प्रवष्टियों में से तीन को विभिन्न समूहों के तहत चुना गया।
इस वर्ष के डूडल के जरिए प्रस्तुत की गई प्रवष्टि में औद्योगीकरण के कारण पृथ्वी पर पर्यावरण को हो रहे नुकसान को कम करने के लक्ष्य से एक मशीन को दर्शाया गया है, जिसका नाम ‘प्लास्टिक टु अर्थ मशीन’ है। नेहरू का जन्म 14 नवंबर, 1889 को इलाहाबाद में हुआ था और 27 मई, 1964 को उनका निधन हुआ था। भारत को 1947 में आजादी मिलने के बाद नेहरू देश के प्रथम प्रधानमंत्री बने थे और अंतिम सांस तक वह इस पद पर रहे।
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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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