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प्रधानमंत्री ने बिजली को भी हिंदू-मुस्लिम में बांट दिया : अखिलेश

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जौनपुर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि अपने पीएम भी कमाल के हैं। उन्होंने बिजली को भी हिंदू-मुसलमान के खांचे में बांट दिया। विधानसभा चुनाव के अंतिम चरण के मतदान से पहले प्रचार के लिए यहां पहुंचे मुख्यमंत्री ने कहा, “पीएम ने आरोप लगाया कि हिंदुओं को कम और मुसलमानों को अधिक बिजली दी जा रही है। हमने आंकड़े के साथ उनके इस सवाल का जवाब भी दे दिया है। हमने तो उन्हें चुनौती देते हुए कहा कि गंगा मइया की कसम खाकर बताएं कि वाराणसी को 24 घंटे बिजली मिल रही है कि नहीं।”

अखिलेश ने कहा, “कुछ दिनों पहले प्रधानमंत्री भी यहां वोट मांगने आए थे। उन्होंने जौनपुर को तीन वर्षो में क्या दिया है? इसलिए जौनपुर की जनता को पीएम को भी खाली हाथ ही यहां से भेजना होगा।” मुख्यमंत्री ने कहा कि बनारस में जिस दिन कांग्रेस और सपा का संयुक्त रोड शो हुआ, उसके बाद से ही पूरे बनारस ने गठबंधन के पक्ष में होने का फैसला कर लिया।

अखिलेश ने कहा, “बनारस में पता कर लेना कि हवा का रुख क्या है? सपा-कांग्रेस रोड शो ने विरोधियों को परेशान कर दिया है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि तीन साल पहले भाजपा वालों ने अ‘छे दिन के सपने दिखाए थे, लेकिन उन्होंने अपना वादा पूरा नहीं किया। समाजवादियों की सरकार ने पांच वर्षो के भीतर ही सडक़, बिजली, पानी और स्वास्थ्य सुविधाओं में इजाफा करने का काम किया है।

मायावती पर हमला बोलते हुए अखिलेश ने कहा कि पत्थरों वाली सरकार से हमेशा सावधान रहना। वह भाजपा वालों के साथ गठबंधन भी कर लेती हैं।

प्रादेशिक

गुजरात बोर्ड परीक्षा में टॉपर रही छात्रा की ब्रेन हैमरेज से मौत, आए थे 99.70 फीसदी अंक

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अहमदाबाद। गुजरात बोर्ड की टॉपर हीर घेटिया की ब्रेन हैमरेज से मौत हो गई है। 11 मई को गुजरात माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (GSEB) के नतीजे आए थे। हीर इसके टॉपर्स में से एक थी। उसके 99.70 फीसदी अंक आये थे। मैथ्स में उसके 100 में से 100 नंबर थे। उसे ब्रेन हैमरेज हुआ था। बीते महीने राजकोट के प्राइवेट अस्पताल में उसका ऑपरेशन हुआ था। ऑपरेशन के बाद उसे छुट्टी दे दी गई। वो घर चली गई, लेकिन क़रीब एक हफ़्ते पहले उसे सांस लेने में फिर दिक़्क़त होने लगी और दिल में भी हल्का दर्द होने लगा।

इसके बाद उसे अस्पताल में ICU में भर्ती कराया गया था। हाॅस्पिटल में एमआरआई कराने पर सामने आया कि हीर के दिमाग का 80 से 90 प्रतिशत हिस्सा काम नहीं कर रहा था। इसके बाद हीर को सीसीयू में भर्ती कराया गया। हालांकि डाॅक्टरों की लाख कोशिशों के बाद ही उसे बचाया नहीं जा सका और 15 मई को हीर ने दम तोड़ दिया। हीर की मौत के बाद परिवार ने मिसाल पेश करते हुए उसकी आंखों और शरीर को डोनेट करने का फैसला किया।

हीर के पिता ने कहा, “हीर एक डॉक्टर बनना चाहती थी। हमने उसका शरीर दान कर दिया ताकि भले ही वह डॉक्टर न बन सके लेकिन दूसरों की जान बचाने में मदद कर सकेगी।

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