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अन्तर्राष्ट्रीय

पेयजल संकट के लिए वैकल्पिक तैयारी नहीं थी : यामीन

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माले| मालदीव के राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन ने स्वीकार किया है कि राजधानी में पेयजल संकट का प्रमुख कारण तैयारियों की कमी थी, बावजूद इसके उनकी सरकार ने इस समस्या से निपटने में सराहनी काम किया है। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, राष्ट्रपति यामीन ने पेयजल संकट पर रविवार को पहली बार जनता से बात की और कहा कि इस तरह के संकटों से निपटने के लिए पहले से तैयारियां नहीं थीं।

उन्होंने कहा, “इस तरह की आपदाओं से निपटने के लिए हमारे पास कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं थी। हालांकि परिस्थिति को फिर से सामान्य बनाने के लिए हमने कड़ी मेहनत की है।”

यामीन ने कहा कि एमडब्ल्यूएससी के नौ पैनलों में से पांच की पूरी तरह से मरम्मत करा ली गई है। इस काम में दो करोड़ डॉलर की अनुमानित लागत आएगी, जिसका वहन फिलहाल सरकार करेगी।

माले में पिछले गुरुवार को एमडब्ल्यूएससी के विलवणीकरण संयंत्र में आग लग गई थी और वे खराब हो गए थे। इससे तकरीबन 130,000 लोगों को बोतलबंद पेयजल की कमी से जूझना पड़ा था।

इस संकट के समय में भारत, चीन और श्रीलंका ने मावदीव में भारी मात्रा में बोतलबंद पानी भेजा था। मालदीव के राष्ट्रपति ने इस सहायता के लिए अपने पड़ोसी देशों को धन्यवाद दिया।

राजधानी मालदीव में रहने वाले 130,000 लोग एक दिन में लगभग 14,000 मीट्रिक टन पानी का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन पूरी तरह से काम करने के बाद भी संयंत्र से मात्र 20,000 टन पानी ही उत्पादित होता है।

अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान ने IMF के आगे फिर फैलाए हाथ, की नए लोन की डिमांड

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इस्लामाबाद। पाकिस्तान ने आईएमएफ के सामने एक बार फिर भीख का कटोरा आगे कर दिया है। पाकिस्तान के पीएम शाहबाज शरीफ ने आईएमएफ की प्रमुख क्रिस्टालिना जॉर्जीवा से मुलाकात कर उनसे नए ऋण कार्यक्रम पर चर्चा की है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय के एक बयान में कहा कि पीएम शहबाज की मुलाकात रियाद में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के मौके पर हुई।

रियाद में विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की एक बैठक से इतर शरीफ ने तीन अरब अमेरिकी डॉलर की अतिरिक्त व्यवस्था (एसबीए) हासिल करने में पाकिस्तान को समर्थन देने के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की प्रबंध निदेशक जॉर्जीवा का शुक्रिया अदा किया। पाकिस्तान ने पिछले साल जून में तीन अरब अमेरिकी डॉलर का आईएमएफ कार्यक्रम हासिल किया था। पाकिस्तान मौजूदा एसबीए के इस महीने समाप्त होने के बाद एक नई दीर्घकालिक विस्तारित कोष सुविधा (ईएफएफ) की मांग कर रहा है।

प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान के नुसार, “दोनों पक्षों ने पाकिस्तान के लिए एक अन्य आईएमएफ कार्यक्रम पर भी चर्चा की ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पिछले वर्ष से हासिल लाभ समेकित हो और आर्थिक वृद्धि सकारात्मक बनी रही।’’ शरीफ ने पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की अपनी सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। वित्त मंत्री मोहम्मद औरंगजेब ने कहा कि इस्लामाबाद जुलाई की शुरुआत तक नए कार्यक्रम पर कर्मचारी स्तर का समझौता हासिल कर सकता है। यदि पाकिस्तान को यह मदद मिल गई तो उसको आईएमएफ की ओर से यह 24वीं सहायता होगी।

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