हेल्थ
पेपर स्ट्रिप से 10 मिनट में इबोला की पहचान संभव : एमआईटी
वाशिंगटन | मैसाचुसेट्स इंस्टीच्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) के अनुसंधानकर्ताओं ने एक ऐसा पेपर स्ट्रिप विकसित किया है जिससे इबोला के साथ ही साथ डेंगू और पीला बुखार जैसे अन्य बुखारों का 10 मिनट में पता लगाया जा सकता है। नया उपकरण गौण तकनीक पर आधारित है जिसका इस्तेमाल गर्भ की जांच करने में होता है और हाल ही में स्ट्रेप थ्रोट और अन्य बैक्ट्रियल संक्रमण की जांच में इसका उपयोग किया जा चुका है। मौजूदा अधिकांश पेपर परीक्षण से केवल एक बीमारी की जांच की जा सकती है। एमआईटी का नया स्ट्रिप कलर-कोडेड होते हैं, इसलिए इनका कई बीमारियों के निर्धारण में इस्तेमाल किया जा सकता है।
इसको हासिल करने के लिए अनुसंधानकर्ताओं ने त्रिभुजाकार सूक्ष्मकणों का इस्तेमाल किया। ये सूक्ष्मकण सिल्वर के बने थे जो विभिन्न रंगों को उनके आकार के हिसाब से ले सकते थे। अनुसंधानकर्ताओं ने लाल, नारंगी और हरे सूक्ष्मकणों को तैयार किया और उन्हें एंटीबडीज के साथ जोड़ा। ये इबोला, डेंगू और पीला बुखार को पहचनान सकते थे। जैसे ही एक रोगी के रक्त का सीरम स्ट्रिप के साथ प्रवाहित होता है, कोई भी वायरल प्रोटीन स्ट्रिप पर पेंट किए गए एंटीबाडीज के साथ मैच कर जाता है तो वह पकड़ में आ जाता है और सूक्ष्मकण दिखने लगता है। इसे खुली आंखों से देखा जा सकता है। वे लोग जिनकी आंखें रक्त दृष्टि नहीं रखते उनके लिए सेल फोन का कैमरा कलर के लिए इस्तेमाल में लाया जा सकता है। एमआईटी के यांत्रिकी अभियंत्रण विभाग में वीजिटिंग वैज्ञानिक किमबर्ले हैमड स्किफर्ली ने कहा, “जब हम रोगी के नमूने को स्ट्रिप से गुजारते हैं और आपको नारंगी रंग का बैंड दिखाई देता है तो आप जान लें कि उन्हें पीला बुखार है, यदि यह लाल बैंड दिखाता है तो जान लें उसे इबोला हुआ है। और यदि यह हरा दिखाता है तो हम जान लें कि उसे डेंगू हुआ है।”
लाइफ स्टाइल
गर्मियों में रोजाना मूली खाने से होंगे कई फायदे, आज ही करें डाइट में शामिल
नई दिल्ली। लोगों को लगता है कि मूली केवल सर्दियों में उगती है और इसे तभी खाया जाता है, लेकिन मूली की कुछ किस्मे बसंत और गर्मियों में भी उगती हैं, जैसे कि गाजर। सफ़ेद मूली भारत में सबसे अधिक पाई जाने वाली किस्म है, जो स्प्रिंग-समर सीजन में मिलती है।
इसके अलावा मूली की अन्य किस्में भी हैं, जिसमें गुलाबी और कभी-कभी काले रंग की मूली शामिल है। हालांकि, कुछ लोगों को मूली पसंद नहीं होती, लेकिन हम आपको इसके कुछ ऐसे स्वास्थ्य लाभों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे जानने के बाद आप इसे खाने से परहेज नहीं करेंगे।
सेहत के लिए कैसे फायदेमंद है मूली?
RBC को बढ़ाए: मूली हमारे शरीर में RBC (रेड ब्लड सेल्स) के डैमेज को होने से रोकता है और इस प्रक्रिया में खून में ऑक्सीजन की आपूर्ति को भी बढ़ाता है।
हाई फाइबर: अगर मूली को रोजाना सलाद के हिस्से के रूप में खाते हैं, तो यह शरीर में फाइबर की कमी को पूरा करता है, जिससे डाइजेशन में सुधार होता है।
दिल के लिए फायदेमंद: मूली एंथोसायनिन का एक अच्छा स्रोत है, जो हमारे दिल को ठीक से काम करने में मदद करता है और जिससे दिल की बीमारी का खतरा कम होता है। साथ ही इनमें विटामिन सी, फोलिक एसिड और फ्लेवोनोइड्स भी भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं।
ब्लड प्रेशर कंट्रोल करे: मूली पोटेशियम का भी अच्छा स्त्रोत है, जो ब्लड प्रेशर को कम करके ब्लड सर्कुलेशन में सुधार कर सकती है। खासकर अगर आप हाई बीपी से पीड़ित हैं।
इम्यूनिटी बढ़ाए: मूली में हाई विटामिन सी होने के कारण यह सामान्य सर्दी और खांसी से बचा सकता है और इम्यूनिटी में भी सुधार कर सकता है। लेकिन इसके लिए आपको रोजाना मूली खाने की जरूरत होती है। इसके अलावा यह फ्री रैडिकल्स से होने वाले डैमेज से भी बचाता है।
ब्लड वैसल्स को मजबूत करता है: मूली कोलेजन के उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, जो बदले में ब्लड वैसल्स को बूस्ट करती है और एथेरोस्क्लेरोसिस होने की संभावना को कम करती है।
मेटाबॉलिज्म के लिए फायदेमंद: यह रूट वेजिटेबल न केवल डाइजेशन के लिए अच्छी है, बल्कि यह एसिडिटी, मोटापा, गैस्ट्रिक समस्याओं और मतली जैसी परेशानियों को ठीक करने में भी मदद करती है।
न्यूट्रिशन से भरपूर: लाल मूली में विटामिन ई, ए, सी, बी6 और के होता है और यह सभी हमारे शरीर को अच्छी तरह से फंक्शन करने में मदद करती है।
स्किन के लिए फायदेमंद: हर दिन मूली का रस पीने से स्किन को हेल्दी रखने में मदद मिलती है और ऐसा ज्यादातर विटामिन सी, जिंक और फास्फोरस के गुणों के कारण होता है।
इसके अलावा ड्राईनेस, मुंहासे, फुंसी और रैशेज को भी दूर रख जा सकता है। वहीं मूली के रस को बालों में लगाते हैं, तो यह डैंड्रफ को दूर करने में भी मदद करता है, बालों का झड़ना रोकता है और जड़ों को मजबूत बनाता है।
हाइड्रेट: गर्मियों में मूली खाने से शरीर हाइड्रेटेड रहता है क्योंकि इसमें पानी की मात्रा अधिक होती है।
डिसक्लेमर: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए।
-
लाइफ स्टाइल2 days ago
गर्मियों में रोजाना मूली खाने से होंगे कई फायदे, आज ही करें डाइट में शामिल
-
नेशनल3 days ago
जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
-
नेशनल3 days ago
पीएम मोदी ने वाराणसी से दाखिल किया नामांकन, यहां से तीसरी बार लड़ रहे चुनाव
-
नेशनल3 days ago
कैंसर से जूझ रहे बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी का निधन
-
नेशनल2 days ago
राहुल ने शेयर किया मां के साथ एल्बम देखते हुए वीडियो, कहा- पापा, दादी ने रायबरेली में विकास के बहुत काम किए
-
अन्तर्राष्ट्रीय2 days ago
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’
-
मनोरंजन2 days ago
हाईकोर्ट पहुंचे जैकी श्रॉफ, बिना इजाजत ‘भिडू’ बोला तो देना होगा 2 करोड़ जुर्माना
-
प्रादेशिक3 days ago
सलमान खान फायरिंग मामला: पुलिस ने एक और आरोपी को फरीदाबाद से पकड़ा, आज होगी कोर्ट में पेशी