मनोरंजन
‘पद्मावत’ के चोले में 25 को रिलीज होगी ‘पद्मावती’, ‘पैडमैन’ की सांस फूली
मुंबई। महीनों की अनिश्चितता के बाद संजय लीला भंसाली की विवादास्पद फिल्म ‘पद्मावती’ 25 जनवरी को यू/ए प्रमाण पत्र के साथ ‘पद्मावत’ नाम से रिलीज होगी। इस बहुप्रतीक्षित फिल्म का मुकाबला अक्षय कुमार अभिनीत ‘पैडमैन’ से है। फिल्म के निर्माता बैनर वायाकॉम 18 मोशन पिक्चर्स के सूत्रों ने बताया कि फिल्म ‘पद्मावत’ 25 जनवरी को रिलीज होगी। फिल्म को यू/ए सर्टिफिकेट मिला है।
‘पद्मावती’ पहले 1 दिसंबर को रिलीज होने वाली थी, लेकिन लंबे समय तक चले विवाद के बाद स्टूडियो ने स्वेच्छा से इसे स्थगित कर दिया था। अब नाम और कुछ दृश्यों में काट-छांट के बाद इस ‘पद्मावत’ नाम से रिलीज किए जाने की अनुमति मिल गई है।
‘पैडमैन’ से कड़ा मुकाबला
फिल्म और व्यापार विशेषज्ञ गिरीश जौहर ने बताया, “‘पद्मावत’ के लिए यह जटिल स्थिति है। उनके पास रिलीज के लिए बहुत कम समय है और साथ ही कुछ राज्यों ने इसपर प्रतिबंध लगा दिए हैं। इसके अलावा करणी सेना का फिल्म को लेकर विरोध जारी है।”
उन्होंने कहा, “हालांकि बॉक्स ऑफिस के नजरिए से देखा जाए तो दो बड़ी फिल्में ‘पद्मावत’ और ‘पैडमैन’ एक तारीख पर रिलीज हो रही है। वह सप्ताहांत बड़ा रहने वाला है। दर्शकों के पास दोनों फिल्मों में चुनाव करने का मौका है। जाहिर है कि जो बेहतर होगी, वह ज्यादा चलेगी।” बता दें कि पिछले कई साल से 26 जनवरी पर अक्षय कुमार सफलता का स्वाद चखते रहे हैं लेकिन इस बार उनकी परीक्षा की घड़ी है।
‘पद्मावती’ का अरसे से हो रहा था विरोध
दरअसल ‘पद्मावत’ मलिक मुहम्मद जायसी का लिखा महाकाव्य है, जिसकी नायिका पद्मावती है। इस फिल्म में दीपिका पादुकोण, रणबीर सिंह और शाहिद कपूर मुख्य भूमिकाएं निभा रहे हैं।
राजपूतों का संगठन करणी सेना इस फिल्म का शुरू से विरोध करती रही है। संगठन का दावा है किया कि इस फिल्म में राजपूत समुदाय से संबंधित ऐतिहासिक तथ्यों को सही नहीं, बल्कि गलत रूप में दिखाया गया है। यह संगठन संसदीय समिति के समक्ष भंसाली के स्पष्टीकरण के बावजूद समूह फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की अपनी मांग पर अड़ा हुआ है, हालांकि भंसाली का कहना है कि फिल्म पर जारी विवाद सिर्फ अफवाहों पर आधारित था।
करणी सेना ने जहां अभिनेत्री दीपिका पादुकोण की नाक काटने की धमकी दी, वहीं एक भाजपा सांसद ने कहा था कि संजय लीला भंसाली सिर्फ जूतों की भाषा समझते हैं। भाजपा शासित कई राज्यों के मुख्यमंत्री ने रिलीज होने से पहले ही फिल्म पर प्रतिबंध लगा दिया, जबकि संविधान ऐसा करने का अधिकार नहीं देता।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तो पद्मावती को ‘राष्ट्रमाता’ तक घोषित कर दिया और उनके नाम पर एक पुरस्कार की घोषणा तक कर डाली। भाजपा के ही नेता और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हालांकि गौमाता को ‘राष्ट्रमाता’ मानते हैं। इससे पार्टी के अंदर ‘राष्ट्रमाता’ शब्द को लेकर मंथन शुरू हो गया।
पिछले महीने केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) ने एक विशेष सलाहकार समीति के साथ चर्चा के बाद फिल्म को शीर्षक को बदलने समेत पांच बदलावों के साथ यू/ए प्रमाणपत्र दिया था। निमार्ताओं को डिस्क्लेमर जोडऩे के लिए कहा गया था, जिसमें से एक में सती के अभ्यास की प्रशंसा नहीं करने और ‘घूमर’ गीत में प्रासंगिक संशोधनों को चित्रित करना शामिल है।
अंतिम बदलाव के संबंध में ‘पद्मावत’ टीम के साथ एक आधिकारिक संपर्क में सामने आया है कि अभी तक बदलाव नहीं किए गए हैं। फिल्म की रिलीज की तारीख की घोषणा ने फिल्म व्यापार मंडलियों में हलचल मचा दी है।
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हाईकोर्ट पहुंचे जैकी श्रॉफ, बिना इजाजत ‘भिडू’ बोला तो देना होगा 2 करोड़ जुर्माना
मुंबई। बॉलीवुड के दिग्गज एक्टर जैकी श्रॉफ को आपने अक्सर ‘भिडू’ शब्द का प्रयोग करते सुना होगा। कई बार उनसे मुलाकात के दौरान उनके फैंस भी इस शब्द का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन अब अगर आपने आगे से ऐसा किया तो आपको 2 करोड़ रु का जुर्माना देना पड़ सकता है। एक्टर ने ‘व्यक्तित्व और प्रचार अधिकारों की सुरक्षा’ के तहत ‘भिडू’ शब्द के इस्तेमाल पर दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और कई संस्थानों के खिलाफ केस किया है।
यह मामला उन संगठनों के खिलाफ दायर किया गया है जो जैकी श्रॉफ का इस्तेमाल उनकी अनुमति के बिना व्यावसायिक लाभ के लिए कर रहे हैं। उम्मीद है कि कोर्ट इस मामले में जल्द ही अपना फैसला सुनाएगा ताकि अभिनेता के प्रचार अधिकारों की रक्षा की जा सके। मामले को कल 14 मई को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है।
यह पहली बार नहीं है कि किसी बॉलीवुड अभिनेता ने गोपनीयता और प्रचार अधिकार के लिए अदालत से मदद मांगी है। इससे पहले दिग्गज अभिनेता अमिताभ बच्चन ने लोगों को अभिनेता की नकल करने और उनकी सहमति के बिना उनकी आवाज का इस्तेमाल करने से रोकने के लिए मुंबई उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।
दूसरी ओर पिछले साल अनिल कपूर ने भी अपने व्यक्तित्व अधिकारों की रक्षा के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। इसके अलावा, इस साल जनवरी में अनिल कपूर ने केस जीत लिया। इसमें उन्होंने ‘झकास’ शब्द वाला तकिया कलाम, अपने नाम, आवाज, बोलने के तरीके, छवि, समानता और हावभाव की सुरक्षा की मांग की थी। उनका कहना था कि इसका प्रयोग न किया जाए।
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