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जीएसटी एक अप्रैल से लागू करने की जरूरत : जेटली

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जेटलीनई दिल्ली| केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शनिवार को कहा कि संवैधानिक बाध्यता की वजह से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था को एक अप्रैल से 16 सितंबर 2017 के बीच लागू करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जीएसटी परिषद इस बाधा को सुलझाने की दिशा में काम कर रही है।

जेटली ने फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) की 89वीं सालाना बैठक में कहा, “संवैधानिक बाध्यता की वजह से जीएसटी को लागू करने की समयसीमा एक अप्रैल से 16 सितंबर 2017 के बीच है। किसी को भी इससे छूट नहीं मिलेगी।”

जीएसटी को एक वर्ष की अवधि के भीतर लागू करने के लिए संविधान (101वें संशोधन) अधिनियम 2016 को 16 सितंबर को अधिसूचित किया गया था।  जेटली ने कहा, “जहां तक 16 सितंबर 2017 से मौजूदा कराधान का सवाल है तो मौजूदा कराधान व्यवस्था के तहत न ही केंद्र और न ही राज्य कर लगा सकते हैं।”

उन्होंने कहा, “आदर्श रूप से तो जीएसटी को एक अप्रैल 2017 से लागू हो जाना चाहिए। यदि हम इससे पहले कर लेते हैं तो हमें नई प्रणाली के अनुकूल स्वयं को ढालने में मदद मिलेगी।”

जेटली ने कहा कि केंद्रीय जीएसटी, समेकित जीएसटी और राज्यों के राजस्व में घाटे के एवज में मुआवजा दिए जाने के मामले पर फिलहाल मसौदा तैयार हो रहा है, जिसे संसद द्वारा पारित करने की जरूरत है। उन्होंने कहा, “जीएसटी परिषद को अब बड़े फैसले लेने हैं। मुझे इन विधेयकों के पारित होने में कोई अड़चन नहीं दिख रही। मुद्दा सिर्फ क्षेत्राधिकार के आकलन का है।”

जेटली ने कहा कि दोहरे नियंत्रण या जीएसटी के आकलन पर किसका नियंत्रण रहेगा- केंद्र का या राज्य का, इसे परिषद में सुलझाने की जरूरत है। उन्होंने आश्वस्त किया कि प्रत्येक निर्धारिती (व्यक्ति या संपत्ति जिसका आकलन किया जाना हो) का केवल एक बार ही आकलन होगा।

नेशनल

दिल्ली के स्कूलों की जांच में कुछ नहीं मिला, पुलिस बोली- ई-मेल्स और कॉल्स फर्जी

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नई दिल्ली। दिल्ली के स्कूलों में बम होने के धमकी भरे ईमेल के बाद जांच की गई तो वहां कुछ नहीं मिला। पुलिस अधिकारियों ने भी इसे होक्स ईमेल बताया है, लेकिन उन्होंने कहा कि चेकिंग जारी रहेगी। गृह मंत्रालय ने कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है। ऐसा प्रतीत होता है कि यह फर्जी कॉल है। दिल्ली पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां प्रोटोकॉल के मुताबिक जरूरी कदम उठा रही हैं।

वहीं दिल्ली पुलिस ने कहा कि दिल्ली के कुछ स्कूलों को बम की धमकी वाले ई-मेल मिले। दिल्ली पुलिस ने प्रोटोकॉल के तहत ऐसे सभी स्कूलों की गहन जांच की। कुछ भी आपत्तिजनक नहीं मिल। ऐसा प्रतीत होता है कि ये कॉल्स फर्जी हैं। हम जनता से अनुरोध करते हैं कि वे घबराएं नहीं और शांति बनाए रखें।

स्कूल में आए इस धमकी भरे ईमेल के बाद कई स्कूलों ने बच्चों की जल्द छुट्टी का मैसेज पेरेंट्स को भेज दिया, तो कुछ पेरेंट्स अपने बच्चों को स्कूल जाकर पहले ही ले आए। इसके अलावा कई स्कूल के प्रिंसिपल ने पेरेंट्स को मैसेज भेज कर कहा कि घबराने की बात नहीं है।

नोएडा में इंद्रप्रस्थ ग्लोबल स्कूल (आईपीजीएस) की प्रिंसिपल निकिता तोमर मान ने बताया, “मैं लोगों से आग्रह करूंगी कि वे अनावश्यक घबराहट पैदा न करें और इस स्थिति को एक परिपक्व वयस्क के रूप में लें। दिल्ली-एनसीआर के जिन स्कूलों को धमकियां मिलीं, उन्हें खाली करा लिया गया है और हमारे सहित बाकी स्कूल सामान्य रूप से काम कर रहे हैं। कोई धमकी भरा संदेश प्राप्त नहीं हुआ है।”

 

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