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पेट्रोल-डीज़ल की क़ीमतें इस फार्मूले से घट सकती है

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देश में पेट्रोल-डीज़ल की क़ीमतों में नौवें दिन आज मंगलवार को भी बढ़ोत्तरी दर्ज की है। दिल्ली में पेट्रोल 30 पैसे जबकि डीजल की क़ीमतों में 26 पैसे की बढ़ोतरी हुई है। इस बढ़ोतरी से दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल की क़ीमत 76.87 जबकि डीजल 68.08 हो गई है। मुम्बई में भी हालात बहुत बुरे होते जा रहे हैं। मुम्बई पेट्रोल 84.30 रुपए जबकि डीजल 72.48 रूपए में बिक रहा है।

पर अगर पेट्रोल-डीज़ल को जीएसटी के अंदर ला ​दिया जाए तो पेट्रोल-डीज़ल की कीमतें थम जाएंगी। अब यह मांग जोर पकड़ रही है। दिल्ली में पेट्रोल-डीजल की कीमतें अबतक के सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गई हैं। ऐसे में उद्योग चैंबर्स फिक्की और एसोचैम ने सरकार से तुरंत उत्पाद शुल्क घटाने की अपील की, साथ ही वाहन ईंधन को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में लाने का भी आग्रह किया।

डायनेमिक मूल्य प्रणाली के तहत दिल्ली में मंगलवार को पेट्रोल की कीमत 76.87 रुपए की नई ऊंचाई पर पहुंच गई, जबकि एक दिन पहले ही पेट्रोल की कीमत अबतक के सर्वाधिक ऊंचाई पर पहुंच चुकी थी। पिछली बार पेट्रोल की सबसे ऊंची कीमत 2013 में 14 सितंबर को 76.06 रुपए थी।

राष्ट्रीय राजधानी में डीजल की कीमत भी उच्चस्तर का रोज नया रिकार्ड बना रही है और मंगलवार डीजल 68.08 रुपए और सोमवार को इसकी कीमत 67.57 रुपए प्रति लीटर थी।

पेट्रोलियम मंत्री धर्मेद्र प्रधान

तेल कीमतों में हो रही वृद्धि पर पेट्रोलियम मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने रविवार को कहा कि “सरकार ईंधन की बढ़ती कीमतों से चिंतित है और इसे रोकने के उपाय तलाश रही है। मुझे उम्मीद है कि जल्द ही कुछ नतीजा निकलेगा।”

फिक्की ने यहां एक बयान में कहा, “ऐसे समय में जब भारतीय अर्थव्यवस्था में तेजी लौट रही है, तेल की बढ़ती कीमतों से देश की आर्थिक रफ्तार को धक्का लगेगा।”

फिक्की के अध्यक्ष रशेश शाह ने कहा, “पिछले कुछ वर्षों से तेल की कीमतों में गिरावट से अर्थव्यवस्था की हालत सुधरी है। अब कच्चे तेल की कीमत बढ़ रही है तो महंगाई का खतरा बढ़ गया है। साथ ही रुपया भी गिर रहा है, जिससे व्यापार घाटा भी बढ़ रहा है।” उन्होंने कहा, “इससे मौद्रिक नीति में महंगाई रोकने पर ध्यान दिया जाएगा और ब्याज दरें कम नहीं होंगी, जिससे निजी निवेश को धक्का लगेगा।”

एसोचैम के महासचिव डी. एस. रावत ने कहा, “पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क घटाने से ग्राहकों को तात्कालिक राहत मिलेगी। लेकिन इसका स्थायी समाधान परिवहन ईंधन को जीएसटी के दायरे में लाने से ही निकलेगा। ऐसा तभी होगा जब केंद्र और राज्य सरकारें तेल से मिलने वाले कर पर निर्भरता घटाएं।”

भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने सोमवार को कहा कि कच्चे तेल की कीमतों में हाल में हुई बढ़ोतरी से देश के निर्यात पर असर पड़ेगा और चालू खाता घाटा (सीएडी) बढ़कर जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) का 2.5 फीसदी तक पहुंच सकता है।

एसबीआई की इकोरैप रिपोर्ट – ‘तेल में उबाल : तेल की अर्थव्यवस्था को समझने का वक्त’ में मुख्य अर्थशास्त्री सौम्य कांति घोष ने अनुमान जाहिर किया है कि तेल कीमतों में 10 डॉलर प्रति बैरल वृद्धि से देश के आयात बिल में आठ अरब डॉलर की वृद्धि होती है। हालांकि यह अनुमान है और वास्तविक वृद्धि में अंतर हो सकता है।

रिपोर्ट में कहा गया है, “हमारे मॉडल के अनुमानों से पता चलता है कि कच्चे तेल की कीमत में 10 डॉलर प्रति बैरल (प्रति 159 लीटर) की बढ़ोतरी से आयात बिल में आठ अरब डॉलर की बढ़ोतरी होती है, जिससे जीडीपी में 16 आधार अंकों (बीपीएस) की वृद्धि होती है। इसके कारण राजकोषीय घाटे में आठ बीपीएस की, चालू खाता घाटा में 27 बीपीएस की और मुद्रास्फीति में 30 बीपीएस की वृद्धि होती है।”

वहीं, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने अप्रैल में चालू वित्त वर्ष की पहली मौद्रिक समीक्षा में प्रमुख ब्याज दरों को लगातार चौथी बार 6 फीसदी पर बरकरार रखा है और कहा था कि तेल कीमतों में वृद्धि से मुद्रास्फीति में बढ़ोतरी का खतरा है, जो आरबीआई के मध्यम लक्ष्य 4 फीसदी से अधिक हो सकती है। (इनपुट आईएएनएस)

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जेपी नड्डा का ममता पर हमला, कहा- संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा

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नई दिल्‍ली। भाजपा के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष जेपी नड्डा ने मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी पर तगड़ा हमला बोला है। उन्‍होंने कहा कि ममता दीदी ने बंगाल को क्‍या बना दिया है। जेपी नड्डा ने कहा कि संदेशखाली, ममता बनर्जी की निर्ममता और बर्बरता का संदेश चीख-चीख कर दे रहा है। ममता दीदी ने बंगाल को क्या बना दिया है? जहां रवींद्र संगीत गूंजना चाहिए था, वहां बम-पिस्तौल मिल रहे हैं।

संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा। इसी से समझ सकते हैं कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की सरकार ने किस तरह अराजकता फैला रखी है। मैं बंगाल के सभी भाजपा कार्यकर्ताओं और जनता से अपील करता हूं कि आप सभी संदेशखाली पर ममता बनर्जी से जवाब मांगे।

प्रधानमंत्री मोदी ने संदेशखाली की पीड़िता को पार्टी का टिकट देकर भाजपा महिला सशक्तिकरण के संदेश को मजबूती दी है। इसके साथ ही पीएम मोदी ने ममता बनर्जी को जवाब दिया है कि ये महिलाएं अकेली नहीं है उनके साथ पूरा समाज, पूरा देश खड़ा है। संदेशखाली में महिलाओं की इज्जत-आबरू और उनकी जमीनें बचाने के लिए वहां गई जांच एजेंसियों के अधिकारियों पर भी घातक हमला किया गया।

जेपी नड्डा ने आगे कहा, “मैं आज समाचार पढ़ रहा था कि संदेशखाली में तलाशी के दौरान सीबीआई ने तीन विदेशी रिवॉल्वर, पुलिस द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली एक रिवॉल्वर, बंदूकें, कई गोलियां और कारतूस बरामद किए हैं।” इसी से समझा जा सकता है कि ममता सरकार ने राज्य में किस तरह अराजकता फैला रखी है। उन्होंने पूछा कि क्या ममता बनर्जी जनता को डराकर, उनकी जान लेकर चुनाव जीतेंगी। क्या नेताजी सुभाष चंद्र बोस, रवीन्द्रनाथ टैगोर, स्वामी विवेकानंद और महर्षि अरबिंदो जैसे मनीषियों ने ऐसे बंगाल की कल्पना की थी।

संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा। ममता दीदी, यदि आपको ऐसा लगता है कि आप ऐसा करके चुनाव जीत जाएंगी तो ये आपकी भूल है। जनता आपको इसका करारा जवाब देगी। उन्होंने कहा कि हमने देखा कि ममता सरकार में तृणमूल कांग्रेस के शाहजहां शेख जैसे असामाजिक तत्व संदेशखाली में महिलाओं के अस्तित्व पर खतरा बने हुए हैं। महिलाओं के साथ जिस तरह का सलूक हो रहा है वह सच में बहुत ही संवेदनशील और कष्टदायी है।

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