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जियो फोन पाने की पाले हैं तमन्ना तो मत भूलें यह काम करना
रिलायंस जियो का फीचर फोन के लॉन्चिंग की घोषणा हो गयी है। काफी लोग इसे खरीदना चाहते हैं लेकिन इसके लिए 1500 रुपए का सिक्योरिटी डिपॉजिट देना होगा, जो 3 साल बाद वापस मिल जाएगा। हालांकि इस ऑफर के लिए कुछ कदम उठाना बेहद जरूरी है तभी आपको इसका फायदा मिल पाएगा।
रिलायंस जियो ने अपनी वेबसाइट जियो डॉट कॉम पर इसे लेकर प्रक्रिया शुरू कर दी है। वैसे तो जियो की प्री बुकिंग 24 अगस्त से शुरू होनी है लेकिन यह फोन पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर मिलेगा। इसलिए बेहतर है कि इसकी साइट पर संबंधित जो प्रक्रिया दी जा रही है, उसका पालन करते चलें ताकि सही समय पर सही सूचना आपको मिल जाए।
वेबसाइट पर आपको ‘कीप मी पोस्टेड’ का एक विकल्प दिखाई देगा। उस पर क्लिक करते ही आप एक नए पेज पर पहुंच जाएंगे जहां आपको नाम, ईमेल, फोन नंबर भरकर सबमिट करना होगा। जिसके बाद आपको एक थैंक्यू मैसेज मिलेगा। आपके फोन और ईमेल में भी एक मैसेज आएगा जिसमें जियो फोन में रुचि दिखाने के लिए धन्यवाद दिया जाएगा।
ध्यान रहे कि इस प्रक्रिया के माध्यम से आपकी फोन के लिए बुकिंग नहीं हो रही है बल्कि यह उसके पहले की प्री-रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया है। जानकारी के लिए बता दें कि 4जी वोल्ट जियोफोन मार्कीट में सितंबर में आ जाएगा। इससे पहले 15 अगस्त से यह टेस्टिंग मोड पर होगा। रिलांयस का दावा है कि जियोफोन को भारत में भारत के ही इंजीनियर्स ने बनाया है। कंपनी का दावा है कि लोगों के लिए हर हफ्ते 50 लाख फोन बना दिए जाएंगे।
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केंद्र सरकार का बड़ा एक्शन, 70 लाख मोबाइल नंबर हुए सस्पेंड; जानें क्या है कारण
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने एक बड़ा एक्शन लेते हुए 70 लाख मोबाइल नंबर को सस्पेंड कर दिया है। यानी इन मोबाइल नंबर का इस्तेमाल पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। अब आपके जेहन में ही यही सवाल आ रहा होगा कि आखिर सरकार की ओर से यह कदम क्यों उठाया गया है। दरअसल, यह कदम बढ़ते डिजिटल फ्रॉड को देखते हुए उठाया गया है।
इस वजह से हुए मोबाइल नंबर सस्पेंड
सस्पेंड किए गए ये वे मोबाइल नंबर थे जो किसी तरह के संदिग्ध लेन-देन से जुड़े थे। दरअसल, इस मामले को लेकर वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने मंगलवार को जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इंटरनेट के समय में डिजिटल पेमेंट को लेकर हो रही धोखाधड़ी को देखते हुए ऐसा किया गया है। बता दें, वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने यह जानकारी डिजिटल पेमेंट को लेकर धोखाधड़ी और इससे जुड़े मुद्दों पर बैठक के बाद दी है।
जनवरी में होगी अगली बैठक
जोशी ने कहा है कि डिजिटल फ्रॉड के बढ़ते मामलों को देखते हुए बैंकों को भी निर्देश दिए गए हैं। बैंकों को उनकी प्रक्रियाओं और प्रणालियों को पहले से मजबूत बनाने को कहा गया है। उन्होंने बैठक को लेकर जानकारी देते हुए कहा है कि इस मुद्दे पर आगे भी बैठकें होती रहेंगी। इसी के साथ मामले पर अगली बैठक अगले साल जनवरी में रखी गई है।
वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने आधार सक्षम भुगतान प्रणाली (AEPS) धोखाधड़ी को लेकर कहा है कि राज्यों को इस मुद्दे पर ध्यान देने की जरूरत है। इसी के साथ राज्य सरकारों को डेटा सुरक्षा को भी मजबूत बनाने पर गौर देना चाहिए।
फ्रॉड के मामले कैसे होंगे कम
विवेक जोशी ने कहा है कि डिजिटल धोखाधड़ी को लेकर जागरुकता बेहद जरूरी है। इस तरह की धोखाधड़ी पर लगाम लगाने के लिए जरूरी है कि समाज को इन मामलों से अवगत करवाया जाए और जागरुक किया जाए। मालूम हो कि हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी साइबर धोखाधड़ी को लेकर समाज को जागरुक करने की बात पर जोर दिया था।
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