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प्रादेशिक

छेड़खानी से तंग आकर 10वीं की छात्रा ने की आत्महत्या

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संभल। यूपी के संभल जिले में एक स्कूली छात्रा ने मनचले की छेड़खानी से तंग आकर मौत को गले लगा लिया। बताया जा रहा है कि लड़का अक्सर स्कूल जाते समय लड़की का रास्ता रोककर उससे दोस्ती करने को कहता था। लड़की ने इस बात की शिकायत लड़के के परिजनों से भी की लेकिन कोई फायदा न हुआ। हद तो तब पार हो गई जब मनचले ने छात्रा को अपहरण की धमकी दे डाली। इन सबसे तंग आकर छात्रा ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।

जानकारी के अनुसार, मामला कोतवाली क्षेत्र के एक गांव का है, जहां के रहने वाले प्राइवेट कर्मचारी की 14 साल की बेटी शहर के एक स्कूल में हाईस्कूल की छात्रा थी। छात्रा को उसके पड़ोस का एक मनचला स्कूल जाते वक्त जबरन बातचीत करने के लिए प्रताड़ित करता रहता था। जब छात्रा उससे बात करने के लिए नहीं मानी तो मनचले ने उसका अपहरण करने की धमकी दे डाली।

कई दिनों से मनचलेे द्वारा प्रताड़ित किए जाने के कारण छात्रा तंग आ चुकी थी। बीते दिनों मनचलें ने किसी बहाने से पीड़िता के घर मोबाइल फोन पहुंचा दिया और बात करने के लिए मजबूर करने लगा। उससे बात नहीं करने पर उसके भाई को जान से मारने की धमकी दे दी। इन सबसे तंग आकर छात्रा ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। उधर, घटना के बाद से ही आरोपी लड़का फरार है। पुलिस उसकी तलाश कर रही है।

नेशनल

जेल से रिहा हुए बाहुबली धनंजय सिंह, बोले- पत्नी के लिए करूंगा प्रचार

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लखनऊ। जौनपुर के पूर्व सांसद और बाहुबली नेता धनंजय सिंह को बुधवार की सुबह बरेली सेंट्रल जेल से रिहा कर दिया गया है। जेल से रिहा होने के बाद बाहर आते ही उन्होंने कहा कि मुझे फर्जी मुकदमे में सजा हुई। मेरी पत्नी चुनाव लड़ रही हैं। मैं सीधे अपने क्षेत्र में जाऊंगा। अपने विरोधी अभय सिंह के बारे में सवाल पूछे जाने पर धनंजय ने थोड़ा नाराज होते हुए कहा कि आप लोग अपराधियों के बारे में बात मत करिए।

धनंजय सिंह को इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत मिल गई थी लेकिन उनकी रिहाई में देरी हो रही थी। हालांकि, बुधवार की सुबह उन्हें जेल से रिहा कर दिया गया। रिहाई के वक्त धनंजय सिंह के समर्थक बड़ी संख्या में मौजूद थे। कई गाड़ियों के काफिले के साथ धनंजय सिंह बरेली सेंट्रल जेल से जौनपुर के लिए रवाना हो गए हैं। जेल से रिहा होने के बाद धनंजय सिंह ने प्रेस से बात भी की। उन्होंने कहा कि 2020 में मेरे खिलाफ फर्जी मामला दर्ज किया गया था। उन्होंने बताया कि मैं सीधे जौनपुर जाऊंगा।

धनंजय सिंह को इलाहाबाद हाई कोर्ट से फौरी तौर पर बड़ी राहत मिली है। यानी उनकी सजा पर कोई रोक नहीं है। 27 अप्रैल को हाई कोर्ट ने धनंजय सिंह को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया था। हालांकि, जौनपुर एमपी एमएलए कोर्ट द्वारा सुनाए गए 7 साल की सजा पर हाई कोर्ट ने रोक लगाने से इनकार कर दिया। धनंजय सिंह के वकीलों ने कहा है कि अब सजा के खिलाफ वह सुप्रीम कोर्ट में अपील दाखिल करेंगे।

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