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अन्तर्राष्ट्रीय

चीन ने जर्काता-बांडुंग रेलवे में मदद की पेशकश की

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जकार्ता। चीन ने इंडोनेशिया के पहले तेज-रफ्तार रेल परियोजना के लिए मदद की पेशकश की। यह परियोजना राजधानी जकार्ता और बांडुंग को आपस में जोड़ेगी। यह जानकारी बुधवार को कूटनीतिक सूत्रों से मिली।

इंडोनेशिया को रेल परियोजना में मदद का प्रस्ताव चीन के राष्ट्रीय सुधार एवं संशोधन आयोग के प्रमुख शु शाओशी ने दिया, जो राष्ट्रपति शी जिनपिंग के विशेष दूत के रूप में रविवार को इंडोनेशिया के दौरे पर पहुंचे थे।

शाओशी ने अपने तीन दिवसीय इंडोनेशिया दौरे में राष्ट्रपति जोको विडोडो से भी मुलाकात की।

इंडोनेशिया में चीनी दूतावास से जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक, शाओशी ने विडोडो को बताया कि इंडोनेशिया में तेज रफ्तार रेल परियोजना के निर्माण एवं विकास को प्रोत्साहन देने के क्षेत्र में चीन परियोजना के माध्यम से इंडोनेशिया के साथ अनुभव साझा करने का इच्छुक है।

चीन की तेज रफ्तार रेल प्रौद्योगिकी बेहद विकसित है और चीन 17,000 किलोमीटर लंबी तेज रफ्तार रेल का सफलतापूर्वक संचालन कर रहा है, जो विश्व का 55 फीसदी है।

शाओशी ने कहा कि चीन तेज रफ्तार रेल डिजाइन, निर्माण, संचालन एवं उपकरण के लिए पूरी प्रणाली बना चुका है और यह आईएसओ की जरूरतों को भी पूरा करने में सक्षम है।

इंडोनेशिया ने पिछले महीने घोषणा की थी कि वह जकार्ता-बांडुंग तेज रफ्तार रेलवे के लिए खुली बोली रखेगा, इस परियोजना के पूरा होने के बाद दोनों शहरों के बीच की दूरी मात्र 40 मिनट रह जाएगी, जबकि इस समय यात्रा में तीन घंटों का समय लगता है।

सूत्रों के मुताबिक शाओसी ने इंडोनेशिया को परियोजना की संभावित अध्ययन रिपोर्ट सौंपी है, जिसमें बताया गया है कि प्रस्तावित परियोजना में जकार्ता एवं बांडुंग के बीच तेज रफ्तार रेल के आठ पड़ाव होंगे और रेल की गति 350 किलोमीटर प्रति घंटा होगी।

सूत्रों के मुताबिक, इंडोनेशिया के आर्थिक समन्वय मंत्री सोफयान जलील ने कहा कि इंडोनेशिया, चीन के प्रस्ताव का अध्ययन करेगा और इस मसले पर निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र सलाहकार की नियुक्ति करेगा।

 

 

अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत के मंगाफ शहर में इमारत में आग से 43 लोगों की मौत, मृतकों में अधिकतर भारतीय

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कुवैत सिटी। कुवैत के मंगाफ शहर में बुधवार सुबह एक इमारत में आग लगने से 43 लोगों की मौत हो गई है। मृतकों में अधिकतर भारतीय हैं। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि बुधवार सुबह दक्षिणी कुवैत के मंगाफ शहर में एक इमारत में आग लगी। इस इमारत में भारत और एशिया के मजदूर रहते हैं।

इस हादसे में 40 भरतीयों समेत 43 लोग मारे गए है और करीब 30 लोग घायल हैं। मेजर जनरल रशीद हमद ने कहा कि घटना की सूचना स्थानीय समयानुसार सुबह छह बजे अधिकारियों को दी गई, इसके बाद राहत और बचाव का काम शुरू किया गया। शुरुआती जानकारी के मुताबिक आग एक फ्लैट के किचन से शुरू हुई और पूरी इमारत में फैल गई। जिस इमारत में आग लगी है, वह केरल के रहने वाले एक शख्स की है। इमारत में भी ज्यादातर दक्षिण भारत के ही लोग थे। मरने वाले दस भारतीय नागरिकों में से भी पांच केरल के थे। कुवैत के उप प्रधान मंत्री फहद यूसुफ अल सबा ने घटनास्थल का दौरा किया और पुलिस घटना की जांच के आदेश दिए हैं।

एक वरिष्ठ पुलिस कमांडर ने स्टेट टीवी को बताया कि जिस इमारत में आग लगी, उसमें मजदूरों के क्वार्टर बने हैं। हादसे के समय भी वहां बड़ी संख्या में श्रमिक यहां मौजूद थे। दर्जनों लोगों को बचा लिया गया लेकिन दुर्भाग्य से आग से निकलने वाले धुएं के कारण कई लोगों की दम घुटने से मौत हो गई। कुवैती स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि आग के कारण लगभग 43 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया था।उधर इस घटना पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दुःख जताया है। उन्होंने एक्स पर लिखा, ‘कुवैत शहर में आग की घटना की खबर से गहरा सदमा लगा है। कथित तौर पर 40 से अधिक लोगों की मौत हो गई है और 50 से अधिक लोग अस्पताल में भर्ती हैं। पीड़ितों में से अधिकांश भारतीय बताए जा रहे हैं।’

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