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गोवा कांग्रेस के घोटाले पकड़ने में केंद्र की मदद करेंगे पर्रिकर

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पणजी। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने वादा किया है कि वह गोवा में कांग्रेस नीत पूर्ववर्ती गठबंधन सरकार के दौरान हुए घोटाले पकड़ने में केंद्र सरकार की तरफ से मदद मुहैया कराएंगे। पर्रिकर ने पणजी के नजदीक शनिवार शाम पार्टी कार्यकर्ताओं की बैठक के दौरान कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री दिगंबर कामत पर निशाना साधा, जिनसे 9,76,630 डॉलर रुपये लुई बर्जर रिश्वत कांड के सिलसिले में पूछताछ की जा चुकी है।

पर्रिकर ने कहा, “लुई बर्जर घोटाला बड़े घोटाले का बस छोटा रूप है। कांग्रेस के सभी घोटाले को बाहर लाना है। उन्हें उजागर किया जाएगा। मैं गारंटी देता हूं कि इसे उजागर करने के लिए केंद्र, प्रवर्तन निदेशालय, आयकर तथा सीबीआई से जिस प्रकार की मदद की जरूरत होगी, दूंगा।” लुई बर्जर के शीर्ष अधिकारियों ने भारत, वियतनाम, इंडोनेशिया और कुवैत से ठेके हासिल करने के लिए 39 लाख डॉलर रिश्वत देने का दोष स्वीकार कर लिया है।

अमेरिकी न्याय विभाग की तरफ से घोषित निपटारे में उन राजनीतिज्ञों और अधिकारियों के नाम शामिल नहीं हैं, जिन्हें रिश्वत दी गई थी। दस्तावेज में हालांकि, यह बताया गया है कि 2009-10 में 9,76,630 डॉलर रिश्वत गोवा के एक मंत्री और अन्य अधिकारियों को दी गई थी। लुई बर्जर लाखों डॉलर के जल तथा जल निकासी से संबंधित परियोजना का ठेका पाने वाले एक कंसोर्टियम का हिस्सा है, जिसे जापान इंटरनेशनल को-ऑपरेशन एजेंसी (जेआईसीए) ने इसके लिए 1,031 करोड़ रुपये का वित्तपोषण किया था।

कांग्रेस विधायक दिगंबर कामत 2010 में मुख्यमंत्री थे। उनके साथ पूर्व लोक निर्माण मंत्री चíचल अलेमाओ से भी पूछताछ की जा चुकी है। कामत तब वित्त मंत्री भी थे। पर्रिकर ने कहा, “(अमेरिकी जिला अदालत के आदेश में) यह स्पष्ट रूप से कहा गया है कि उन्होंने गोवा के मंत्रियों को रिश्वत दी है। सिर्फ दो ही मंत्री हैं जिन पर विचार किया जा सकता है। इससे किसी और मंत्री का संबंध नहीं है। लोक निर्माण मंत्री का इससे जुड़ा होना स्वाभाविक है, लेकिन इसके अतिरिक्त वित्तमंत्री भी धन जारी करते हैं। यह हो ही नहीं सकता कि वह धन जारी न करे।”

कामत पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, “उन्हें ठिकाने लगा दीजिए और यह सुनिश्चित कीजिए कि दिगंबर इस घोटाले को लेकर घुटन महसूस करें। पार्टी को यह सुनिश्चित करना चाहिए। सरकार और कानून अपना काम करेगा, लेकिन पार्टी कार्यकर्ताओं को भी यह बात जनता तक प्रभावी रूप से पहुंचानी चाहिए।” कामत ने हालांकि, घोटाले को लेकर खुद पर लगे आरोपों से इंकार किया है। उन्होंने कहा, “मैं इस बात पर दृढ़ हूं, जो मैं पहले दिन से कह रहा हूं। मैंने कुछ गलत नहीं किया है। जेआईसीए की फाइल मेरे पास कभी नहीं आई।”

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गुजरात बोर्ड परीक्षा में टॉपर रही छात्रा की ब्रेन हैमरेज से मौत, आए थे 99.70 फीसदी अंक

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अहमदाबाद। गुजरात बोर्ड की टॉपर हीर घेटिया की ब्रेन हैमरेज से मौत हो गई है। 11 मई को गुजरात माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (GSEB) के नतीजे आए थे। हीर इसके टॉपर्स में से एक थी। उसके 99.70 फीसदी अंक आये थे। मैथ्स में उसके 100 में से 100 नंबर थे। उसे ब्रेन हैमरेज हुआ था। बीते महीने राजकोट के प्राइवेट अस्पताल में उसका ऑपरेशन हुआ था। ऑपरेशन के बाद उसे छुट्टी दे दी गई। वो घर चली गई, लेकिन क़रीब एक हफ़्ते पहले उसे सांस लेने में फिर दिक़्क़त होने लगी और दिल में भी हल्का दर्द होने लगा।

इसके बाद उसे अस्पताल में ICU में भर्ती कराया गया था। हाॅस्पिटल में एमआरआई कराने पर सामने आया कि हीर के दिमाग का 80 से 90 प्रतिशत हिस्सा काम नहीं कर रहा था। इसके बाद हीर को सीसीयू में भर्ती कराया गया। हालांकि डाॅक्टरों की लाख कोशिशों के बाद ही उसे बचाया नहीं जा सका और 15 मई को हीर ने दम तोड़ दिया। हीर की मौत के बाद परिवार ने मिसाल पेश करते हुए उसकी आंखों और शरीर को डोनेट करने का फैसला किया।

हीर के पिता ने कहा, “हीर एक डॉक्टर बनना चाहती थी। हमने उसका शरीर दान कर दिया ताकि भले ही वह डॉक्टर न बन सके लेकिन दूसरों की जान बचाने में मदद कर सकेगी।

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