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प्रादेशिक

खरगौन : धर्मातरण में ईसाई दंपत्ति गिरफ्तार, जमानत

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खरगौन| मध्य प्रदेश के खरगौन जिले में जनजातीय समुदाय के लोगों को पैसे का लालच देकर ईसाई बनाने की कोशिश करने वाले ईसाई जोड़े को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। जोड़े को बाद में जमानत दे दी गई। पुलिस के अनुसार, बुधवार रात गोगांव थाना क्षेत्र के नयापुरा गांव में कुछ लोगों ने एक ईसाई दंपत्ति पर पैसे का लालच देकर धर्मातरण कराने का आरोप लगाया। यह जोड़ा चेन्नई से आया था।

महिलाओं का आरोप है कि उन्हें बीमारी का इलाज कराने के नाम पर बुलाया गया था। वहां पहुंचने पर उनसे कहा गया कि माथे पर टीका लगाना बंद कर दो, घर में भगवान की तस्वीरें रखना बंद कर दो। उनसे कहा गया था कि ऐसा करने पर उन्हें हर माह पांच हजार रुपये दिए जाएंगे। उन्हें पहनने के लिए एक माला भी दी गई। धर्मातरण का अहसास होने पर उन्होंने इसका विरोध किया और पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।

गोगांव के थाना प्रभारी एन.पी. वर्मा ने गुरुवार को आईएएनएस को बताया कि ग्रामीणों की शिकायत के बाद दंपत्ति को गिरफ्तार कर लिया गया था। दंपत्ति को जमानत मिल गई है।

नेशनल

जेल से रिहा हुए बाहुबली धनंजय सिंह, बोले- पत्नी के लिए करूंगा प्रचार

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लखनऊ। जौनपुर के पूर्व सांसद और बाहुबली नेता धनंजय सिंह को बुधवार की सुबह बरेली सेंट्रल जेल से रिहा कर दिया गया है। जेल से रिहा होने के बाद बाहर आते ही उन्होंने कहा कि मुझे फर्जी मुकदमे में सजा हुई। मेरी पत्नी चुनाव लड़ रही हैं। मैं सीधे अपने क्षेत्र में जाऊंगा। अपने विरोधी अभय सिंह के बारे में सवाल पूछे जाने पर धनंजय ने थोड़ा नाराज होते हुए कहा कि आप लोग अपराधियों के बारे में बात मत करिए।

धनंजय सिंह को इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत मिल गई थी लेकिन उनकी रिहाई में देरी हो रही थी। हालांकि, बुधवार की सुबह उन्हें जेल से रिहा कर दिया गया। रिहाई के वक्त धनंजय सिंह के समर्थक बड़ी संख्या में मौजूद थे। कई गाड़ियों के काफिले के साथ धनंजय सिंह बरेली सेंट्रल जेल से जौनपुर के लिए रवाना हो गए हैं। जेल से रिहा होने के बाद धनंजय सिंह ने प्रेस से बात भी की। उन्होंने कहा कि 2020 में मेरे खिलाफ फर्जी मामला दर्ज किया गया था। उन्होंने बताया कि मैं सीधे जौनपुर जाऊंगा।

धनंजय सिंह को इलाहाबाद हाई कोर्ट से फौरी तौर पर बड़ी राहत मिली है। यानी उनकी सजा पर कोई रोक नहीं है। 27 अप्रैल को हाई कोर्ट ने धनंजय सिंह को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया था। हालांकि, जौनपुर एमपी एमएलए कोर्ट द्वारा सुनाए गए 7 साल की सजा पर हाई कोर्ट ने रोक लगाने से इनकार कर दिया। धनंजय सिंह के वकीलों ने कहा है कि अब सजा के खिलाफ वह सुप्रीम कोर्ट में अपील दाखिल करेंगे।

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