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कार्ति चिदंबरम पर लटक रही गिरफ्तारी की तलवार

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नई दिल्ली। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम की एक मीडिया कंपनी को एफआईपीबी मंजूरी दिलाने के मामले में गिरफ्तारी से इनकार नहीं किया है। कार्ति के खिलाफ इस मामले में प्राथमिकी दर्ज हुई है और मंगलवार को सीबीआई ने उनके आवास और कार्यालयों पर छापे मारे हैं।

सीबीआई के संयुक्त निदेशक विनीत विनायक ने यहां पत्रकारों से कहा, “यह सिर्फ अटकलबाजी है। कानून के मुताबिक और समयानुसार जरूरी कार्रवाई पर फैसला लिया जाएगा। प्राथमिकी दर्ज करने के साथ ही हमने कानूनी प्रक्रिया शुरू कर दी है।”

उन्होंने कहा कि मीडिया कंपनी आईएनएक्स को एफआईपीबी मंजूरी दिलाने में तत्कालीन वित्त मंत्री पी. चिदंबरम की अपने बेटे कार्ति के साथ सांठगाठ की जांच की जाएगी।

उनसे जब पूछा गया कि प्राथमिकी में सिर्फ वित्त मंत्रालय के अज्ञात अधिकारियों का जिक्र है, जबकि कार्ति और पी. चिदंबरम का क्यों नहीं? तो उन्होंने कहा, “हम अभी जांच के शुरुआती चरण में हैं। जैसे-जैसे सबूत मिलते जाएंगे, हम निश्चित तौर पर कानून के मुताबिक उन लोगों के खिलाफ जांच करेंगे और कार्रवाई करेंगे, जिनके अपराध में शामिल होने के दस्तावेज मिलेंगे।”

उन्होंने कहा कि हम दस्तावेजों की पड़ताल करने के बाद उचित समय पर आपके सामने पूरा ब्यौरा रखेंगे और चेस मैनेजमेंट सर्विस प्राइवेट लिमिटेड के कार्यालय में तलाशी अभियान अभी जारी है। गौरतलब है कि कार्ति इस कंपनी के चीफ प्रमोटर हैं।

विनायक ने कहा, “मामले में जिन-जिन लोगों की संलिप्तता सामने आएगी, उनके खिलाफ उचित समय पर जांच की जाएगी।”

एफआईआर दर्ज करने को लेकर उन्होंने कहा कि आईएनएक्स मीडिया ने मार्च, 2007 में मॉरिशस स्थित तीन कंपनियों को बेची गई 46.2 फीसदी इक्विटी साझेदारी को वापस खरीदने से संबंधित आवेदन जारी किया था।

अपने आवेदन में कंपनी ने यह भी लिखा था कि वह अपनी एक अन्य कंपनी आईएनएक्स न्यूज में 26 फीसदी का डाउनस्ट्रीम निवेश कर रही है। इस मामले में डाउनस्ट्रीम निवेश के लिए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की मंजूरी की जरूरत होगी और इसके लिए नए आवेदन की जरूरत होगी। कंपनी में 4.6 करोड़ रुपये के निवेश से संबंधित एफआईपीबी को 18 मई, 2007 को मंजूरी मिली।

विनायक ने बताया कि फरवरी, 2008 को आयकर विभाग की ओर से इस एफआईपीबी के संबंध में शिकायत मिली। शिकायत में कहा गया था कि एफआईपीबी में 4.6 करोड़ रुपये के निवेश को मंजूरी दी गई थी, लेकिन कंपनी ने कानून का उल्लंघन करते हुए सैकड़ों करोड़ रुपये निवेश हासिल किया।

शिकायत में यह भी कहा गया था कि कंपनी को डाउनस्ट्रीम निवेश की इजाजत नहीं मिली थी, इसके बावजूद कंपनी ने डाउनस्ट्रीम निवेश किया।

नेशनल

स्मृति ईरानी ने अमेठी से किया नामांकन, एमपी के सीएम मोहन यादव भी रहे मौजूद

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अमेठी। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने आज अमेठी से अपना नामांकन दाखिल कर दिया। इस मौके पर उनके साथ मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव मौजूद रहे। सत्तारूढ़ी बीजेपी की ओर से स्मृति ईरानी को अमेठी का टिकट दिया गया है। उन्होंने 2019 में भी इस सीट से राहुल गांधी को मात दी थी।

नामांकन से पहले स्मृति ईरानी ने रोड शो किया जो करीब दो किमी लंबा था। यह भाजपा कार्यालय से कलेक्ट्रेट तक गया। कलेक्ट्रेट के बाहर ढोल नगाड़ों के साथ नाच गाना भी हुआ। भारी संख्या में कार्यकर्ता वहां मौजूद रहे।नामांकन से पहले उन्होंने अपने अमेठी स्थित आवास पर पूजा-पाठ किया।

इससे पहले रविवार को दिन में वह अयोध्या गई थीं और उन्होंने रामलला के दर्शन किए थे। भगवान राम की पूजा-अर्चना करने के बाद ईरानी ने कहा, ‘आज मैं खुद को सौभाग्यशाली मानती हूं कि मेरा जन्म ऐसे युग में हुआ, जिसमें हमारे रामलला को एक भव्य समारोह के माध्यम से एक तंबू से भव्य मंदिर में स्थापित किया गया। ‘मैंने राष्ट्र की प्रगति, प्रधान सेवक (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) के अच्छे स्वास्थ्य और भारत के गौरव के लिए रामलला के चरणों में आशीर्वाद मांगा। साथ ही भगवान हनुमान से आशीर्वाद मांगा कि मेरा सेवा भाव उनके जैसा ही हो।

बता दें कि हाईप्रोफाइल अमेठी संसदीय क्षेत्र से भाजपा की ओर से लगातार तीसरी बार ईरानी उम्मीदवार बनाई गई हैं। इस संसदीय सीट तीन जिलों के पांच विधानसभा क्षेत्रों को मिलाकर बनाई गई है। इसमें जिले की चार विधानसभा क्षेत्रों के साथ ही रायबरेली जिले का सलोन विधान सभा क्षेत्र व जगदीशपुर विधानसभा क्षेत्र में सुल्तानपुर के बल्दीराय तहसील के 24 ग्राम पंचायतों के 62 बूथ शामिल हैं।

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