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नेशनल

चिदंबरम और कार्ति को कोर्ट ने दी बड़ी राहत, मिली अग्रिम जमानत

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नई दिल्ली। पूर्व गृह मंत्री पी चिंदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम को एयरसेल मैक्सिस केस में बड़ी राहत मिली है। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत ने गुरूवार को दोनों को अग्रिम जमानत दे दी।

अदालत ने 1 लाख के निजी मुचलके पर चिदंबरम और कार्ति को रिहा करने का आदेश दिया है। हालांकि, कोर्ट ने चिदंबरम और कार्ति को गवाहों व सबूतों के साथ छेड़छाड़ न करने और जांच में सहयोग करने जैसी शर्तों के साथ जमानत दी है।

एयरसेल-मैक्सिस डील केस में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की तरफ से पी. चिदंबरम की हिरासत मांगी गई थी। इसी केस में सोमवार को भी दिल्ली की राउज़ एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई हुई थी, इस दौरान ईडी ने चिदंबरम को अंतरिम जमानत देने का विरोध किया था।

कोर्ट के आदेश के बाद ईडी या सीबीआई इस केस को लेकर चिदंबरम या कार्ति को गिरफ्तार नहीं कर सकेगी। लेकिन 3:30 बजे के बाद आईएनएक्स मीडिया केस में पी चिदंबरम की पेशी के दौरान ईडी इस मामले में चिदंबरम की कस्टडी की मांग कर सकती है।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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