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इस्तांबुल में फुटबॉल स्टेडियम के पास आतंकी हमला, 38 की मौत, 155 घायल
इस्तांबुल। तुर्की के सबसे बड़े शहर इस्तांबुल में शनिवार रात हुए दो बम विस्फोटों में कम से कम 38 लोगों की मौत हो गई और अन्य 155 घायल हो गए। घायलों में कम से कम 14 की हालत नाजुक है। तुर्की के अधिकारियों ने रविवार को इन विस्फोटों के लिए कुर्दिस आतंकियों को जिम्मेदार ठहराया है।
तुर्की ने कहा कि शनिवार की रात हुए हमले लगते हैं, दो शीर्ष टीमों के बीच एक मैच के बाद एक फुटबॉल स्टेडियम के बाहर पुलिस पर किए गए हमले थे। इस बर्बरतापूर्ण कार्य की भर्त्सना करने वाले अंतर्राष्ट्रीय समुदाय मेंनोटबंदी से बेहाल भारत भी शामिल है। एक कार बम को इस्तांबुल के बेसीक्टास फुटबॉल टीम के आवास वोडाफोन एरिना में उड़ा दिया गया था। एक मिनट बाद ही एक व्यक्ति ने स्टेडियम के पास एक पार्क में आत्मघाती हमला किया।
इस वर्ष इस्तांबुल और राजधानी अंकारा सहित इस देश के शहरों में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों से हिला यह देश अभी उनसे उबरने की कोशिश कर रहा है। उप प्रधानमंत्री नुमान कुर्तुलमुस ने कहा कि फिलहाल किसी भी आतंकवादी संगठन ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। कम से कम 13 लोगों को हिरासत में लिया गया है। उन्होंने कहा कि शुरुआती संकेतों से यह प्रतिबंधित संगठन कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी की करतूत लगती है। इस संगठन ने देश में पिछले तीन दशकों से बगावत कर रखी है।
कुर्तुलमुस ने सीएनएन टर्क से कहा, संदेह की सूई पीकेके पर है। उन्होंने कहा कि तुर्की के सहयोगियों को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में देश के साथ एकजुटता दिखानी चाहिए। उसका परोक्ष संदर्भ नाटो के सदस्य देश अमेरिका के साथ उसकी अनबन को लेकर था। अमेरिका सीरियाई कुर्दिस वाईपीजी का इस्लामिक स्टेट के खिलाफ लड़ाई में समर्थन करता है। रविवार को देश में राजकीय शोक घोषित किया गया और झंडे आधे झुका दिए गए।
तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन ने पहले से तय कजाखस्तान दौरा रद्द कर दिया। उन्होंने इन विस्फोटों को आतंकी हमला करार दिया। कुर्द विद्रोहियों के अलावा तुर्की अमेरिकी नेतृत्ववाले गठबंधन के एक सदस्य के रूप में तुर्की इस्लामिक स्टेट (आईएस) से भी संघर्षरत है। टेलीग्राफ अखबार ने कहा है कि एक हफ्ते से भी कम हुए हैं, जब आईएस ने अपने समर्थकों से तुर्की के सुरक्षा, सैन्य, आर्थिक और मीडिया संस्थानों पर हमले करने का आग्रह किया था।
नाटो के सेक्रेटरी जनरल जेन्स स्टोल्टेनबर्ग ने आतंक के इस भयानक कार्य की निंदा की है। अमेरिका ने भी कहा है कि वह नाटो के अपने सहयोगी के साथ है। भारत ने इस आतंकी हमले की सर्वाधिक सख्त शब्दों में निंदा की है और कहा है कि वह इस घड़ी में तुर्की की जनता के साथ एकजुटता में खड़ा है। विदेश मंत्रालय ने कहा है, “आतंकवाद का कोई भी रूप पूरी तरह अस्वीकार्य है।” ये बम विस्फोट तुर्की में तख्तापलट करने की एक नाकाम साजिश के पांच माह बाद हुए हैं। उस दौरान 240 से अधिक लोग मारे गए थे।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इस्तांबुल को ‘बेगुनाह नागरिकों के खिलाफ आतंकवाद की अस्वीकार्य गतिविधि’ कहा। सोनिया ने कहा, “हम अपने परिजनों को खोने वाले परिवारों के लिए बेहद दुखी हैं। यह खासतौर पर तुर्की के लोगों के लिए बेहद तकलीफदेह है, जिन्होंने इस साल आतंकवादियों के सिलसिलेवार हमलों का सामना किया है।” इस्तांबुल में इस साल कई हमले देखे। इनमें जून में हुआ आतंकी हमला भी शामिल था, जिसमें 45 लोग मारे गए थे और जिसे आईएस के तीन संदिग्ध आतंकियों ने इसके मुख्य अतातुर्क हवाईअड्डे पर अंजाम दिया था।
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सपा नेता रामगोपाल यादव ने राम मंदिर को बताया बेकार, कहा- उसका नक्शा ठीक नहीं
मैनपुरी। समाजवादी पार्टी के महासचिव रामगोपाल यादव के राम मंदिर पर विवादित बयान दिया है जिसपर बवाल मच गया है। रामगोपाल यादव ने कहा कि ‘वो मंदिर तो बेकार का है, मंदिर ऐसे बनाए जाते हैं? मंदिर ऐसे नहीं बनते हैं। पुराने मंदिर देख लीजिए दक्षिण से से लेकर उत्तर तक देख लीजिए। नक्शा ठीक नहीं बना है उसका। वास्तु के लिहाज से ठीक नहीं बनाया गया है।
वहीं उनके बयान पर बीजेपी ने जोरदार पलटवार किया है। बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा, “इंडी अलायंस का असली सनातन विरोधी चेहरा एक बार फिर से उजागर हो गया है। उन्होंने कहा कि राम मंदिर बेकार है। ये ठीक से बना नहीं है। इसका नक्शा ही खराब है. ये यूजलेस है। देख लीजिए, इसका वास्तु ही खराब है। पहले इन लोगों ने राम भक्तों का विरोध किया. फिर राम भक्ति को पाखंड बताया. फिर राम जी के अस्तित्व पर सवाल उठाया और अब राम मंदिर पर ही हमला कर रहे हैं। केवल समाजवादी पार्टी ही नहीं, बल्कि इससे पहले कांग्रेस ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को इवेंट बताते हुए कैसे उसका बहिष्कार किया।
राम मंदिर को लटकाना, अटकाना, भटकाना ये कांग्रेस पार्टी ने लगातार किया है। वहीं, आरजेडी ने कहा कि राम मंदिर गुलामी की निशानी है. रामचरित मानस पर इन लोगों ने हमला किया और अब ये लोग किस तरह से राम मंदिर पर अपमानजनक टिप्पणी कर रहे हैं. करोड़ों राम भक्तों ने किस तरह से सैकड़ों वर्षों तक इंतजार किया, तब जाकर राम मंदिर बना, लेकिन आज वो कह रहे हैं कि राम मंदिर बेकार है।
बीजेपी प्रवक्ता ने कहा , “क्या किसी और धर्म स्थल के बारे में वो ऐसा बोलेंगे। कतई नहीं बोला जा सकता और ना ही बोला जाना चाहिए, लेकिन केवल हिंदुओं को गाली देना इनका काम है ताकि वोट बैंक की थाली सजी रहे। कभी राहुल गांधी कहते हैं कि मैं शक्ति का विरोध कर रहा हूं। उदयनिधि स्टालिन ने कहा कि सनातन एक बीमारी है. खरगे जी ने कहा कि राम बनाम शिव करना है। ये आए दिन हिंदू धर्म के बारे में विवादास्पद टिप्पणी करते रहते हैं और अब कहा जा जा रहा है कि राम मंदिर ही बेकार है, उसका ढांचा ही ठीक नहीं है।
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